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    '5 अगस्त पूरे देश के लिए ''काला दिन'' है', आर्टिकल 370 की छठी वर्षगांठ पर महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?

    Updated: Tue, 05 Aug 2025 02:23 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण को छह साल हो गए हैं जिसे कई राजनीतिक दल काले दिन के रूप में मना रहे हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 5 अगस्त पूरे देश के लिए काला दिन है। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर को एक प्रयोगशाला में बदल दिया गया है और इसके लोगों को अधिकारहीन कर दिया गया है।

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    आर्टिकल 370 की छठी वर्षगांठ पर महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?

    डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के निरस्तीकरण को आज पूरे छह साल हो गए। इस कड़ी में केंद्रशासित प्रदेश में कई राजनीतिक दल इस दिवस को काले दिन के रूप में मना रहे हैं।

    इसी कड़ी में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि 5 अगस्त पूरे देश के लिए "काला दिन" है और जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को समाप्त करना देश के संवैधानिक मूल्यों पर हमले करने की शुरुआत थी।

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    पीडीपी ने यह भी दावा किया कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को "एकतरफ़ा और असंवैधानिक" तरीके से हटाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं समेत उनकी अध्यक्ष को पार्टी कार्यालय से बाहर निकलने से रोक दिया गया था।

    'सिर्फ जम्मू-कश्मीर नहीं पूरे देश के लिए काला दिन'

    महबूबा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 5 अगस्त न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक काला दिन है। इस दिन, संविधान को विदेशी हाथों से नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र के केंद्र में एक क्रूर बहुमत द्वारा ध्वस्त किया गया था।

    उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को "असंवैधानिक" तरीके से हटाना कोई अंत नहीं था, यह संवैधानिक मूल्यों पर हमले की शुरुआत थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर को एक प्रयोगशाला में बदल दिया गया, उसके लोगों को अधिकारहीन कर दिया गया, उसकी ज़मीनें छीन ली गईं, उसकी जनसांख्यिकी को निशाना बनाया गया। जिसे कई लोग स्थानीय मुद्दा मानते थे, वह सभी के लिए एक चेतावनी थी।"

    एसआईआर पर भी बोली महबूबा मुफ्ती

    आज, यह चेतावनी पूरे देश में फैल रही है। बिहार (एसआईआर) में लाखों लोगों के मताधिकार से वंचित होने का खतरा है। तमिलनाडु से लेकर कश्मीर तक गैर-स्थानीय मतदाताओं को बड़े पैमाने पर जोड़ा जा रहा है, जिससे जनसांख्यिकीय हेरफेर और चुनावी विकृतियों का रास्ता खुल रहा है। अगर भारत अभी नहीं जागा, तो जम्मू-कश्मीर में जो शुरू हुआ, वह जल्द ही पूरे देश को परिभाषित करेगा।

    (पीटीआई इनपुट के साथ)