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    चुस्की ही नहीं, कांगड़ा चाय का चटखारा लें; ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी कम करेंगे इसके एंटीऑक्सीडेंट

    Updated: Sun, 01 Dec 2024 03:00 PM (IST)

    नौणी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने कांगड़ा चाय की पत्तियों से स्वास्थ्यवर्धक अचार बनाने में सफलता हासिल की है। यह अचार न केवल स्वादिष्ट है बल्कि इसमें कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह अचार घर के सामान्य वातावरण में 30 दिन और फ्रिज में 60 दिन तक खाने योग्य रहता है।

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    कांगड़ा चाय की पत्तियों से बनाया अचार

    मनमोहन वशिष्ठ, सोलन। अब आप सुगंध और स्वाद के लिए विश्व प्रसिद्ध कांगड़ा चाय का चटखारा भी ले सकेंगे। सोलन स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के विज्ञानी कांगड़ा चाय की पत्तियों को स्वास्थ्यवर्धक अचार का रूप देने में सफल हुए हैं। विज्ञानियों का दावा है कि यह अचार आपके भोजन का स्वाद बढ़ाने के साथ कई प्रकार का स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करेगा।

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    कांगड़ा चाय से अचार बनाने की विधि विकसित

    इस शोध को स्वास्थ्य लाभों के साथ जोड़ते हुए कांगड़ा चाय के लिए नए रास्ते भी खुलेंगे। थाईलैंड में मियांग और म्यांमार में लाफेट जैसे पारंपरिक चाय पत्ती उत्पादों से प्रेरणा लेते हुए विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञानियों ने कांगड़ा चाय की पत्तियों से अचार बनाने की विधि विकसित की है। इस शोध में म्यांमार से विश्वविद्यालय की एमएससी छात्रा हटेट म्याज हटवे ने सहयोग किया।

    इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

    विज्ञानियों के अनुसार हाल के अध्ययनों से पता चला है कि किण्वित रूप (खमीर प्रक्रिया) से बने चाय पत्ती के उत्पाद स्वास्थ्य के लिए काफी बेहतर हैं। इनमें उच्च पालीफेनोल कंटेंट (पौधों से प्राप्त होने वाला कंपाउंड) होता है, जिसमें उच्च एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं।

    ये एंटीऑक्सीडेंट संभावित रूप से त्वचा, लिवर, फेफड़े, गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट, ब्लैडर और स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं। कांगड़ा चाय की पत्तियों से बना अचार घर के सामान्य वातावरण में 30 दिन और फ्रिज में 60 दिन तक खाने योग्य रहता है।

    ऐसे तैयार होता है पत्तियों से अचार

    विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने बताया कि अचार बनाने के लिए चाय की पत्तियों को विशेष विधि से धोया जाता है। इसके बाद भाप में पकाकर रोल किया जाता है। पत्तियों से रस निकालने के बाद खमीर प्रक्रिया से अचार बनाया जाता है।

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    भारत चाय का अग्रणी उत्पादक और उपभोक्ता

    भारत का चाय उद्योग देश के सबसे पुराने व संगठित कृषि आधारित क्षेत्रों में से एक है। भारत चाय का अग्रणी उत्पादक और उपभोक्ता है। भारत वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक है, जिसका 563.98 हजार हेक्टेयर भूमि से वार्षिक उत्पादन लगभग 1.23 मिलियन टन है।

    हिमाचल की कांगड़ा घाटी में लगभग 2,300 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती की जाती है, जिससे हर वर्ष 650 से 700 मिलियन टन की पैदावार होती है। यह उत्पादन मुख्यतः 90 प्रतिशत काली चाय, जबकि शेष ग्रीन-टी है।

    विश्वविद्यालय ने कांगड़ा चाय की पत्तियों से अचार बनाने की विधि विकसित की है। यह पहल न केवल उद्यमियों के लिए मुनाफा बढ़ाएगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी स्वस्थ विकल्प प्रदान करेगी। विज्ञानी इस उत्पाद की बेहतर सेल्फ लाइफ के लिए काम कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति या कंपनी विधि खरीद कर इसका व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। विधि बेचने का मूल्य आवेदन आने के बाद निर्धारित किया जाएगा।

    -प्रो. राजेश्वर चंदेल, कुलपति नौणी विश्वविद्यालय।

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