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    Himachal: यमुना में बहे 3 में एक युवक का घटनास्थल से 20 KM दूर मिला शव, 60 से ज्यादा लोग गवां चुके हैं यहां जान

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 05:57 PM (IST)

    Yamuna River tragedy सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में यमुना नदी में डूबे तीन युवकों में से एक का शव कलेसर में बरामद हुआ। एनडीआरएफ एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें बाकी दो युवकों की तलाश में जुटी हैं। लापता युवकों के परिजन गहरे सदमे में हैं। पांवटा साहिब के यमुना घाट पर दो दशकों में 60 से ज्यादा लोग डूब चुके हैं।

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    यमुना नदी में बहे युवकों की तलाश में जुटी टीमें। जागरण

    जागरण संवाददाता, नाहन। Yamuna River tragedy, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड की सीमा पर बहने वाली यमुना नदी में मंगलवार दोपहर को जिला सिरमौर के पांवटा साहिब शहर के यमुना घाट से पानी के तेज बहाव में लापता हुए तीन में से एक युवक का शव मिल गया है। 

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    बुधवार दोपहर को पांवटा साहिब से करीब 20 किलोमीटर दूर हरियाणा के यमुनानगर जिले के कलेसर में 23 वर्षीय अमित कुमार पुत्र जोगीराम निवासी गवाली का शव बरामद हुआ, जबकि दो युवकों की तलाश जारी है। 

    शिलाई विधानसभा क्षेत्र के गवाली गांव के तीन युवकों की तलाश दूसरे दिन भी लगातार जारी रही। सर्च अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ हिमाचल पुलिस, उत्तराखंड के राफ्टर तथा स्थानीय  गोताखोर की टीमें अलग-अलग यमुना नदी में कई स्थानों पर लापता हुए युवकों की तलाश में दिनभर लगे रहे। 

    यमुना नदी में लापता हुए दोनों बेटों कमलेश व रजनीश के पिता प्रेम सिंह बेसुध होकर बुधवार को भी नदी किनारे बेटों के इंतजार में गमगीन रहे।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    पुलिस अधीक्षक निश्चित सिंह नेगी ने बताया कि कई टीमें बनाकर युवकों की लगातार तलाश की जा रही है, हरियाणा के कलेसर से एक शव बरामद हो चुका है।

    उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा ने बताया प्रशासन मानसून के दौरान यहां पर गोताखोरों की नियुक्ति रखता है। भविष्य में पूरे वर्ष भर यहां पर गोताखोरों की नियुक्ति के लिए सरकार से परमिशन ली जाएगी।  युवकों के डूबने के मामले में प्रशासन की कोई लापरवाही सामने नहीं आई है। यमुना नदी में अभी भी पानी का तेज बहाव है, लोगों को यमुना नदी में नहाने से परहेज करना चाहिए।

    पांवटा साहिब में नदी में दो दशक में डूबे 60 से ज्यादा लोग

    जिला सिरमौर के पांवटा साहिब के यमुना घाट पर डूबने वालों का आंकड़ा दो दशकों में लगभग 60 को पार कर चुका है। दो दशक में सगे भाइयों सहित चाचा-भतीजा और कई इकलौते चिराग इस नदी में समाएं हैं। 

    बता दें कि वर्ष 2010 में शिमला के एक परिवार ने अपने नए नए फौज में भर्ती हुए अपने इकलौते बेटे को यमुना नदी में डूबने के कारण खोया था, उस परिवार ने उच्च न्यायालय में यहां पर बरती जा रही लापरवाही को लेकर एक पिटीशन दायर की थी, आज तक उस पिटीशन का कोई अता पता नहीं है।

    सिर्फ चेतावनी बोर्ड, घाट के नाम पर कुछ नहीं 

    वहीं प्रशासन की ओर से केवल एक बोर्ड चेतावनी का लिखकर यहां छोड़ दिया गया है। विदित रहे कि 2 साल पहले 30 करोड़ रुपये की लागत से हरिद्वार की तर्ज पर पांवटा साहिब में घाट बनाने की कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन अब तक इस घाट का शिलान्यास तक नहीं हो पाया है।

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