हिमाचल को गहरे जख्म देकर मानसून विदा, भारी बारिश ने तोड़ डाले रिकाॅर्ड; 485 लोगों की गई जान ...कब से होगा ठंड का अहसास?
Himachal Pradesh Monsoon Departure हिमाचल प्रदेश से मानसून की विदाई शुरू हो चुकी है जिससे प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है। इस मानसून सीजन में सामान्य से अधिक बारिश हुई जिससे कई जिलों में भारी नुकसान हुआ। भारी बारिश के चलते 485 लोगों की मौतें हुईं और सड़कों पुलों और संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Monsoon Departure, हिमाचल प्रदेश से मानसून की विदाई शुरू हो चुकी है। बुधवार 24 सितंबर को दक्षिण-पश्चिम मानसून चंबा, कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों से पूरी तरह लौट गया। इसके अलावा कुल्लू और शिमला जिलों के अधिकांश हिस्सों तथा लाहुल-स्पीति के कुछ इलाकों से भी मानसून विदा हो गया।
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में शेष हिस्सों से भी मानसून का असर पूरी तरह खत्म हो जाएगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार वर्ष 2025 में मानसून सीजन (1 जून से 24 सितंबर) के दौरान प्रदेश में सामान्य से कहीं अधिक बारिश हुई।
अब तक औसतन 1,120 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि सामान्य औसत 820 मिमी है। यानी इस बार करीब 37 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। राज्य में मानसून के दौरान 1995 के बाद दूसरी सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। 1995 में 1029 मिलीमीटर वर्षा हुई थी, जबकि इस बार 2025 में अभी तक 1021 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है।
शिमला में सामान्य से 107 प्रतिशत अधिक वर्षा
प्रदेश में सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। शिमला में सामान्य से 107 प्रतिशत, कुल्लू में सामान्य से 106, लाहुल-स्पीति के अलावा सभी जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। 1995 के बाद प्रदेश में दूसरी बार अभी तक सबसे अधिक वर्षा हुई है।
अब मौसम शुष्क रहेगा
मानसून की विदाई के बाद प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा। दिन का तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रहने की संभावना है, जबकि रातें ठंडी होने लगेंगी। अक्टूबर के पहले सप्ताह से ऊंचाई वाले इलाकों में सर्द हवाएं चलने लगेंगी और सर्दियों की दस्तक महसूस होगी।
जिला-वार वर्षा के आंकड़े (1 जून से 24 सितंबर 2025)
- जिला, दर्ज वर्षा (मिमी), सामान्य वर्षा (मिमी), प्रतिशत अंतर
- कांगड़ा, 3,200, 2,200, 45 प्रतिशत
- मंडी, 1,700, 1,200, 42 प्रतिशत
- शिमला, 1,100, 850, 30 प्रतिशत
- चंबा, 1,250, 950, 31 प्रतशित
- सिरमौर, 1,400, 1,050, 33 प्रतिशत
- सोलन, 1,300, 1,000, 30 प्रतिशत
- बिलासपुर, 900, 680, 32 प्रतिशत
- हमीरपुर, 1,000, 740, 35 प्रतिशत
- ऊना, 1,150, 800, 44 प्रतिशत
- कुल्लू , 1,600, 1,200, 33 प्रतिशत
- लाहुल-स्पीति, 220, 280, -21 प्रतिशत
आपदा से भारी नुकसान
भारी वर्षा के कारण प्रदेश को इस मानसून सीजन में बड़े पैमाने पर नुकसान झेलना पड़ा। राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया गया है। इसमें सड़कें, पुल, बिजली परियोजनाएं, पेयजल योजनाएं और निजी संपत्तियां प्रमुख रूप से प्रभावित हुईं।
485 लोगों की मौत व 820 घायल
अब तक 485 लोगों की मौत बरसात से जुड़ी घटनाओं (भूस्खलन, बाढ़, सड़क हादसे, बिजली गिरने) में हुई। 820 से अधिक लोग घायल हुए। करीब 6,200 मकान पूरी तरह ढह गए। 12,000 से अधिक मकानों को आंशिक क्षति पहुंची। सड़क नेटवर्क को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां अब तक 9,500 किमी सड़कें प्रभावित हुई हैं।
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