शिमला में बर्फबारी से सेब बागवानों को राहत, पूरे होंगे चिलिंग आवर्स; पर्यटन कारोबार को भी लगेंगे पंख
हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुई बर्फबारी ने सेब के बागवानों को राहत दी है। इससे सेब के बगीचों में चिलिंग आवर्स पूरे होने की उम्मीद है और प्राकृतिक रूप से रोगों पर नियंत्रण होगा। तीन महीनों से सूखे के कारण जो सेब उत्पादन के लिए जो संकट पैदा हुआ था वो भी अब दूर हो गया। बर्फबारी से हिमाचल में पर्यटन कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

जागरण संवाददाता, शिमला। तीन महीनों के सूखे के कारण सेब के बगीचों के लिए पैदा हुआ संकट दूर हो गया है। अब सेब के चिलिंग आवर्स पूरे होने की उम्मीद है। बगीचों में फैल रहे रोगों पर भी प्राकृतिक रूप से नियंत्रण होगा।
बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज के अनुसार, दूसरा हिमपात सेब बागबानी के लिए संजीवनी साबित होगा। हवा में नमी बढ़ जाएगी। वूली एफिड के प्रभाव पर रोक लगेगी। आने वाले दिनों में अगर बारिश होती है तो वूली एफिड का पूरी तरह से सफाया होगा।
कैंकर रोग पर भी होगा नियंत्रण
हवा में नमी के कारण सूरज की किरणें तेजी से पौधों पर नहीं गिरेंगी। इससे कैंकर रोग पर भी नियंत्रण होगा। बगीचों में अभी तक पत्ते झड़ने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी। आमतौर पर दिसंबर तक सेब के बगीचों में पत्ते झड़ जाते हैं। अब पत्ते झड़ने की प्रक्रिया भी शुरू होगी और पौधा सुप्तावस्था में चला जाएगा।
प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ठ का कहना है कि वर्षा व हिमपात होने से बागबान अब नए वर्ष की प्लांटेशन के लिए भी तैयारियां शुरू कर सकेंगे। बीमारियों पर प्राकृतिक रूप से नियंत्रण होगा। चिलिंग प्रक्रिया पूरी होगी। हालांकि जमीन में अब भी नमी कम है। आने वाले दिनों में फिर से हिमपात होता है तो नमी की समस्या भी दूर होगी।
(मनाली के पर्यटन स्थल सोलंग नाला में बर्फ के फाहों का आनंद उठाते पर्यटक)
शिमला में पांच जनवरी तक सभी दुकानें खुली रहेंगी
हिमाचल में नववर्ष पर पर्यटकों के आगमन के दृष्टिगत सभी दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को पांच जनवरी तक 24 घंटे खुले रखने का निर्णय लिया है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1969 के तहत जनहित में लिया गया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
(डलहौजी के डैनकुंड मार्ग पर जमी हुई बर्फ की परत)
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रबी की फसलों के मुताबिक नहीं हुई वर्षा
प्रदेश में 55 प्रतिशत क्षेत्र में रबी की बुआई का काम नहीं हो सका है। किसान उम्मीद लगाए बैठे थे कि वर्षा हो जाए तो पिछेती किस्मों की बुआई हो सके। हालांकि यह वर्षा रबी की फसलों की बुआई के लिए बहुत कम बताई जा रही है।
पर्यटन कारोबार को लगेंगे पंख
शिमला में हिमपात व प्रदेश में वर्षा होने के कारण पर्यटकों की आमद बढ़ेगी। क्रिसमस के साथ नव वर्ष को मनाने के लिए भी अन्य राज्यों से पर्यटक पहाड़ का रुख करते हैं। प्रदेश के कारोबारियों को उम्मीद है कि वर्षा व हिमपात से कारोबार को पंख लगेंगे।
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