हिमाचल में इस बार कम होगा गेहूं का उत्पादन!
बारिश न होने से इस बार हिमाचल प्रदेश में फसल चक्र प्रभावित होगा। यदि पांच से छह दिनों में बारिश होती भी है तो भी बिजाई के लिए निर्भर करेगा कि बारिश कितनी हुई है।
जेएनएन, शिमला : बारिश न होने से इस बार हिमाचल प्रदेश में फसल चक्र प्रभावित होगा। यदि पांच से छह दिनों में बारिश होती भी है तो भी बिजाई के लिए निर्भर करेगा कि बारिश कितनी हुई है। जमीन की नमी ही गेहूं की वृद्धि तय करेगी। ऐसे में तय है कि इस बार गेहूं की पैदावार गिरने वाली है। हर साल की तुलना में इस बार गेहूं का उत्पादन कम रहने की उम्मीद है।
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गेहूं की बिजाई के लिए इन दिनों देर हो रही है। रबी की फसल के लिए किसान आकाश की ओर टकटकी लगाए है। इस बार बारिश न होने से रबी की फसल की बिजाई के लिए देर हो रही है। गेहूं के उत्पादन पर इसकी सबसे अधिक मार पड़ेगी। बागवानों से अधिक किसानों के लिए इस समय बारिश की जरूरत है। यदि बिना बारिश किसान बिजाई कर देते है तो बीज अंकुरित नहीं होंगे। इन दिनों किसान गेहू, मटर आदि की बिजाई के लिए बारिश के इंतजार में है।
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किसानों के लिए सलाह
-ऐसी किस्म का बीज बोए जो कम समय में पक कर तैयार हो।
-बिजाई के लिए बारिश का इंतजार करे।
-इन दिनों खाद न डाले। यदि डालनी है तो गोबर ही डाले।
-बिजाई में जितनी अधिक देर होगी, उतनी अधिक बीज की मात्रा बढ़ा दे।
प्रदेश में हर साल गेहूं का उत्पादन औसतन छह लाख 50 हजार टन होता है। औसतन तीन लाख पांच हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहू की बिजाई होती है। इस बार बिजाई में देरी होने से उत्पादन में कमी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि किसान ऐसी किस्म का बीज बोएं जो जल्दी पककर तैयार हो जाए। कृषि विभाग के पास तीन किस्मों का बीज उपलब्ध है। इनमें अरली सून यानी जल्दी बिजाई, टाइमली सून यानी पहली से 15 नवंबर तक बिजाई व लेट सून किस्म मे 15 दिसंबर तक बोया जाने वाला बीज शामिल है। हालांकि ये बीज भी तभी बोए जा सकते है जब बारिश होगी। प्रदेश का अधिकांश कृषि क्षेत्र बारिश पर निर्भर है।
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लेट वैरायटी का बीज लगाएं
गेहूं की फसल के लिए यह भी निर्भर करेगा कि बारिश कितनी होती है। बारिश होने में अब बहुत देर हो गई है जिससे फसल चक्र प्रभावित होगा। बारिश हो तो किसान लेट वैरायटी का बीज ही लगाएं।-एसपी भारद्वाज, बागवानी विशेषज्ञ।
कम समय में फसल तैयार होने वाला बीज उपलब्ध
गेहूं की बिजाई में हो रहा विलंब उत्पादन को प्रभावित करेगा। गेहूं की बिजाई करने वाले अधिकांश किसान बारिश पर निर्भर है। यदि बारिश होती है तो ऐसा बीज उपलब्ध है जिससे कम समय मे फसल तैयार होती है। - डॉ. रमेश चंद, निदेशक, कृषि विभाग
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