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    ...तो हिमाचल को मिलने वाली है बारिश से राहत, तय हो गया कब विदा होगा मानसून; 3 माह में टूटे वर्षा और नुकसान के रिकॉर्ड

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 12:43 PM (IST)

    Himachal Monsoon Dparture Update हिमाचल प्रदेश में मानसून जल्द ही विदा होने वाला है जिससे बाढ़ और भूस्खलन से जूझ रहे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। इस वर्ष मानसून के दौरान सामान्य से 45% अधिक वर्षा हुई जिससे प्रदेश में भारी नुकसान हुआ। मानसून की शुरुआत से ही आपदाओं का सिलसिला जारी है।

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    मानसून की भारी बारिश के कारण मंडी में हुआ नुकसान का फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Monsoon Dparture Update, हिमाचल प्रदेश के लोगों को भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से राहत मिलने की उम्मीद बंध रही है। हिमाचल से मानसून के विदा होने की स्थितियां अनुकूल बन रही हैं। ऐसे में आगामी 24 से 48 घंटों के दौरान कभी भी मानसून के विदा होने का ऐलान हो सकता है।

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    प्रदेश में 20 जून को मानसून के प्रवेश होने के तीन दिन के बाद ही नुकसान शुरू हो गया जो मानसून के विदा होने तक जारी है। प्रदेश में इस बार मानसून 20 जून को पहुंचा था और इस दौरान 1025.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 45 प्रतिशत अधिक रही।

    तीन दिन मौसम साफ रहने का अनुमान

    मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आगामी तीन दिनों तक प्रदेश में मौसम साफ रहेगा, हालांकि एक दो स्थानों पर हल्के बादल छा सकते हैं। प्रदेश में दो राष्ट्रीय राज मार्ग और 375 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें कुल्लू और ऊना के एक-एक राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं। प्रदेश में अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री का अंतर आया है।

    47 बादल फटने की घटनाएं

    प्रदेश में पहली बार है जब बादल फटने की 47 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जिसमें 245 लोगों की बादल फटने, भूस्खलन अचानक बाढ़ और अन्य कारणों से मौत हुई है। अभी तक प्रदेश में 4762 करोड़ के नुकसान का आकलन किया जा चुका है। प्रदेश में 46 लोग अभी भी लापता हैं।

    1,691 मकान पूरी तरह जमींदोज

    प्राकृतिक आपदाओं ने हजारों लोगों को बेघर कर दिया। अब तक 1,691 मकान पूरी तरह जमींदोज हो चुके हैं, जबकि 7289 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। पशुधन को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। 2481 मवेशियों और 26955 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है।

    शुरुआत में ही नुकसान 

    मानसून की शुरुआत से ही आपदाओं का सिलसिला शुरू हुआ 25 जून को कांगड़ा और मंडी जिलों में आई बाढ़ से भारी तबाही मची। धर्मशाला में खनियारा के पास कई लोग बाढ़ के पानी में बह गए।

    मंडी में 30 जून की रात 12 बादल फटे

    इसके बाद 30 जून की रात मंडी जिले में बादल फटने की 12 घटनाओं ने कोहराम मचा दिया। सराज विधानसभा क्षेत्र में घर, दुकानें, सड़कें और पुल जमींदोज हो गए। अकेले सराज में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई और कई लापता हुए।

    जुलाई, अगस्त और सितंबर में लगातार नुकसान

    जुलाई महीने में कुल्लू और सिरमौर जिले में भारी तबाही मची। अगस्त में फिर मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में बारिश ने कहर बरपाया। सितंबर में चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, बिलासपुर और सोलन के साथ मैदानी जिलों में आपदाओं ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया।

    चंबा की आपदा में फंस गए थे हजारों मणिमहेश यात्री

    खासतौर पर चंबा जिले के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में भारी बारिश से सड़कें और पुल टूट गए। इससे हजारों मणिमहेश तीर्थयात्री फंस गए। प्रशासन ने युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाकर करीब 15 हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला।

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    मानूसन के विदा होने की स्थितियां अनुकूल बन रही हैं। ऐसे में जल्द इसके विदा होने की घोषणा हो सकती है। मानसून के विदा होने के लिए वर्षा ही नहीं नमी और अन्य स्थितियों जिसमें वायु का दबाव आदि भी देखा जाता है।

    -संदीप कुमार, वरिष्ठ विज्ञानी, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला।

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    तापमान की स्थिति

    • स्थान न्यूनतम अधिकतम
    • शिमला 14.5 23.4
    • सुंदरनगर 20.5 31.4
    • भुंतर 18.5 31.0
    • कल्पा 9.4 23.0
    • धर्मशाला 19.6 28.0
    • ऊना 18.7 34.0
    • नाहन 20.1 28.7
    • केलंग 7.5 22.4
    • सोलन 16.4 29.0

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