हिमाचल में 100 साल पुराना पीपल का पेड़ कटवाने पर बवाल, अब SDM को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस
Himachal Peepal Tree Cuting सोलन में एसडीएम कसौली को 100 साल पुराने पीपल के पेड़ को काटने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। एडीसी राहुल जैन ने दो दिन में जवाब मांगा है क्योंकि पेड़ काटने से पहले अनुमति नहीं ली गई थी और न ही उपायुक्त कार्यालय को कोई रिपोर्ट भेजी गई थी।

संवाद सहयोगी, परवाणू (सोलन)। Peepal Tree Cuting, हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन में परवाणू के सेक्टर पांच में नियमों को दरकिनार कर पीपल के 100 वर्ष से पुराने व हरे पेड़ को कटवाने के मामले में एडीसी राहुल जैन ने एसडीएम कसौली को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारी से दो दिन में जवाब मांगा गया है।
परवाणू में बीते वर्ष कुछ पेड़ों को काटने की सूची नगर परिषद द्वारा जारी की गई थी। इनमें सेक्टर पांच स्थित पीपल का पेड़ भी शामिल था। नियमों के अनुसार पहले इन पेड़ों का निरीक्षण कर इसकी रिपोर्ट अतिरिक्त उपायुक्त सोलन को भेजकर उन्हें काटने की अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य था। इस पेड़ को काटने के लिए किसी भी प्रकार की रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को नहीं भेजी गई और न ही कोई अनुमति प्राप्त की गई।
समाजसेवी ने जुटाए दस्तावेज और की शिकायत
इस संबंध में जानकारी मिलने पर परवाणू के समाजसेवी व परवाणू विकास मंच के अध्यक्ष सतीश बेरी ने इससे संबंधित सभी दस्तावेजों को सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त किया, जिसमें उन्होंने कई अनियमितताएं पाईं। उन्होंने सभी अनियमितताओं वाले दस्तावेजों के साथ उपायुक्त सोलन को इस मामले की जानकारी दी।
पूछने पर भी नहीं मिला संतुष्ट जवाब
उपायुक्त कार्यालय से इस संबंध में बार-बार पूछे जाने पर भी उपमंडल अधिकारी कसौली द्वारा कोई जवाब न मिलने पर उन्हें रिमाइंडर भी जारी किए गए। इसके बावजूद इस मामले में कोई संतुष्ट जवाब उपायुक्त कार्यालय को नहीं मिला।
हिंदुओं की आस्था का भी प्रतीक पीपल
समाजसेवी सतीश बेरी ने इस मामले में अतिरिक्त उपायुक्त सोलन से कार्रवाई की मांग की। इस कारण उपमंडल अधिकारी कसौली को यह नोटिस जारी किया गया। सतीश बेरी ने कहा कि पीपल न केवल राष्ट्रीय पेड़ है बल्कि यह हिंदुओं की आस्था का प्रतीक भी है। इस पेड़ को काटने के लिए अधिकारियों द्वारा अपने पद व शक्तियों का गलत उपयोग किया गया जिसमें नगर परिषद व वन विभाग भी शामिल है।
यदि इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई के माध्यम से दोषियों के खिलाफ कदम नहीं उठाए गए तो वह उच्च न्यायालय का द्वार खटखटाएंगे।
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अपर आयुक्त ने बताया कि उनके द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब आया है या नहीं, इस बारे में अभी सूचना नहीं है। वह इस संबंध में जानकारी प्राप्त कर सूचना देंगे।
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