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    HRTC बस में बिना टिकट सवारी मिली तो कंडक्टर का रुकेगा पूरे महीने का वेतन, Free सफर वालों के लिए नियम तय

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 04:48 PM (IST)

    Himachal Pradesh News HRTC की बसों में मुफ्त यात्रा करने वालों के लिए टिकट अनिवार्य कर दिया गया है। परिचालकों को शून्य भुगतान वाला टिकट देना होगा उल्लंघन पर वेतन कटेगा। निगम ने निरीक्षण टीम पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह नियम स्कूल के विद्यार्थियों पुलिस कर्मियों दिव्यांगों सहित अन्य मुफ्त यात्रा श्रेणियों पर लागू है। पुलिस जवानों को अब आई कार्ड नंबर भी बताना होगा।

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    हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस में सभी के लिए टिकट अनिवार्य कर दी है।

    राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में सफर निश्शुल्क यात्रा की सुविधा प्राप्त यात्रियों को भी टिकट देना अनिवार्य है। इन्हें टिकटिंग मशीन से जीरो पेमेंट वाला टिकट देना अनिवार्य है। यदि कोई परिचालक टिकट नहीं देता और निरीक्षण के दौरान पकड़ा जाता है तो कार्रवाई के तौर पर उसका पूरे महीने का वेतन काटा जाएगा।

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    एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। सभी मंडलीय व क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि वह इस बाबत परिचालकों को भी सूचित करें। परिचालकों को निर्देश दिए हैं कि वह इन नियमों का सख्ती से पालन करें।

    निगम के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने बताया कि वेतन रोकने की कार्रवाई केवल परिचालक तक ही समिति नहीं रहेगी। बस का यदि दोबारा निरीक्षण होता है, और दोबारा ऐसी गलती पकड़ी जाती है तो पहले बस का निरीक्षण कर चुकी टीम के सदस्यों जिनमें इंस्पेक्टर, लाइन इंसपेक्टर व अन्य अधिकारी या कर्मचारी शामिल थे, उनका वेतन रोकने की भी कार्रवाई होगी। निगम प्रबंधन ने पिछले साल 23 अगस्त को निश्शुल्क यात्रा वाली श्रेणियों को जीरो टिकट देने के निर्देश दिए थे। अब इसमें कार्रवाई का प्रविधान जोड़ा गया है।

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    इन श्रेणियों को है निश्शुल्क यात्रा की सुविधा

    एचआरटीसी की बसों में स्कूल के विद्यार्थी, पुलिस कर्मचारी, दिव्यांग, थैलिसिमिया रोगी, कैंसर रोगी, मीडिया पर्सन सहित कुछ अन्य श्रेणियां हैं। सरकार ने इन्हें यह सुविधा दी है। इसकी एवज में सरकार हर महीने एचआरटीसी को 50 से 60 करोड़ का अनुदान देती है। एचआरटीसी निश्शुल्क यात्रा के अलावा महिलाओं को 50 प्रतिशत रियायत बस किराये में देता है। इसके अलावा ग्रीन कार्ड, सम्मान कार्ड, स्मार्ट कार्ड पर भी किराये में छूट दी जाती है। रोजाना करीब 50 लाख का रियायती सफर निगम करवाता है।

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    जीरो टिकट से की जाती है गणना

    निश्शुल्क व रियायती पास पर कितने लोग सफर करते हैं इस का पता लगाने के लिए निगम प्रबंधन ने जीरो टिकट देने का प्रविधान किया है। निगम के ध्यान में सामने आया है कि अभी भी कई परिचालक इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। वे आइकार्ड बताने के बाद टिकट नहीं देते।

    जीरो टिकट पर दूरी व किराया लिखना जरूरी

    उन्हें निर्देश दिए हैं कि टिकट में सफर की कुल दूरी कितनी हैं। वहां का पूरा किराया कितना बनता है वह टिकट में लिखना अनिवार्य किया है। इसके साथ ही डिस्काउंट लिखकर टिकट में कुल राशि जीरो दिखा कर टिकट जारी करने को कहा है। यह टिकट लेना अनिवार्य होगा।

    पुलिस जवान को दर्शाना होगा आई कार्ड नंबर

    निगम प्रबंधन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि टिकटिंग मशीन में पूरा डाटा फीड करें। पुलिस के जवान पहले सफर के दौरान पुलिस आई कार्ड कहते थे लेकिन अब उन्हें अपने आई कार्ड का नंबर भी बताना होगा। यह नंबर मशीन में दर्ज किया जाएगा। इससे पता चल सकेगा कि कितने जवान रोजाना सफर कर रहे हैं।

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