विदेशी सेब पर नहीं बढ़ा न्यूनतम आयात मूल्य, संयुक्त किसान मंच बोला, भाजपा का दावा झूठा, टैरिफ चर्चाओं ने बढ़ाई चिंता
Apple Minimum Import Price संयुक्त किसान मंच ने कहा कि केंद्र सरकार ने विदेशी सेब का न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये नहीं किया है। राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मंच ने अमेरिका के साथ टैरिफ चर्चाओं पर चिंता व्यक्त की

जागरण संवाददाता, शिमला। Apple Minimum Import Price, शिमला में बागबानी संगठनों के संयुक्त किसान मंच ने दावा किया है कि केंद्र सरकार की ओर से विदेशी सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य को बढ़ाकर 50 रुपए से 80 रुपए नहीं किया गया है। हालांकि बीते दिनों प्रदेश में विदेशी सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य को 50 रुपए से बढ़ाकर 80 रुपए की चर्चा हो रही थी।
कई भाजपा नेताओं की ओर से भी 80 रुपए न्यूनतम आयात शुल्क करने का दावा किया गया था। मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि न्यूनतम आयात मूल्य को बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, जबकि राज्य सभा में सांसद हर्ष महाजन की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जतिन प्रसाद ने स्थिति सपष्ट की है।
हरीश चौहान का कहना है कि मंत्री ने लिखित जवाब साफ किया है कि केंद्र सरकार की ओर से विदेशी सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य को 50 रुपये से 80 रुपये नहीं किया गया है। न्यूनतम आयात मूल्य अभी भी 50 रुपये ही है। ऐसे में पहले 80 रुपये के दावों को संयुक्त किसान मंच ने बागवानों को भ्रमित करने वाला बताया है।
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अमेरिका के फैसले पर नजरें
संयुक्त किसान मंच ने चिंताई जताई है कि पारस्परिक टैरिफ को लेकर अमेरिका के साथ चल रही चर्चा में सेब को लेकर बढ़ा फैसला हो सकता है। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि अगर अमेरिका के दबाव में आकर वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क को शून्य कर दिया जाता है, तो फिर इससे सेब बागबानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
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हिमाचल, उत्तराखंड व कश्मीर के बागबानों का हित ध्यान में रखे सरकार
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग उठाई है कि अमेरिका के साथ पारस्परिक टैरिफ को लेकर हो रही डील में भारत हिमाचल के साथ-साथ उत्तराखंड और कश्मीर के सेब बागवानों के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला करे।
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