हिमाचल में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल टेस्ट बना मुसीबत, डॉक्टर ने लिख डाले किडनी व हर्ट सहित छह टेस्ट
Himachal Pradesh News ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने गए एक व्यक्ति को डॉक्टर ने छह प्रकार के टेस्ट लिख दिए जबकि आमतौर पर खून और आंखों के टेस्ट ही किए जाते हैं। व्यक्ति को किडनी लिवर हृदय खून में इन्फेक्शन छाती का एक्सरे ईसीजी और शुगर जैसे टेस्ट कराने को कहा गया। सीएमओ ने मामले पर संज्ञान लेते हुए अनावश्यक टेस्ट न लिखने के निर्देश दिए हैं।

अविनाश विद्रोही, गगरेट, (ऊना)। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने गए एक व्यक्ति को डाक्टर ने छह प्रकार के टेस्ट लिख दिए, जबकि सामान्य तौर पर खून और आंखों का टेस्ट ही किया जाता है। 40 साल से ज्यादा उम्र होने पर शुगर का टेस्ट किया जा सकता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
डाक्टर ने मेडिकल बनाने के लिए करीब छह टेस्ट जिसमें किडनी, लिवर, ह्रदय, खून में इन्फ़ेक्शन, छाती का एक्सरे, ईसीजी और शुगर का टेस्ट भी लिख डाला। पूरे मामले पर व्यक्ति ने हैरानी से जब डॉक्टर से पूछा तो सभी टेस्ट अनिवार्य बताए गए।
यह वाकया जिला ऊना के सिविल अस्पताल गगरेट में सामने आया, जब एक व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए पहुंचा।
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रोगी कल्याण समिति में 200 रुपये फीस है तय
रोगी कल्याण समिति ने मेडिकल के लिए तो 200 रुपये फीस तय की है, लेकिन डॉक्टर ने टेस्ट की लिस्ट ऐसी पकड़ा दी जैसे मरीज को चांद पर भेजना हो। ब्लड ग्रुप, आंखें, हीमोग्लोबिन, लिवर, किडनी, शुगर और जाने क्या-क्या कुल मिलाकर मेडिकल कम, "फुल बॉडी स्कैन" ज्यादा लग रहा है। ये सारे टेस्ट किसी निजी लैब में करवाएं, तो जेब 3,000 रुपये हल्की होगी।
व्यक्ति बोला, यह तो हेल्थ क्लेम लग रहा
मेडिकल लेने गए व्यक्ति ने मीडिया से कहा कि “ड्राइविंग लाइसेंस कम बन रहा, हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम ज्यादा लग रहा है।” इतने टेस्ट क्यों करवाने हैं अब तक समझ नही आ रहा।सबसे ज्यादा हैरानी तो इस विषय की है कि लाइसेंस लेने के लिए शुगर कंट्रोल में चाहिए या फिर बीपी का माप भी भविष्य में अनिवार्य हो जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
- यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, डॉक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि अनावश्यक टेस्ट न लिखे जाएं।
-पंकज पराशर, बीएमओ, गगरेट।
- यह मामला मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है, बीएमओ को निर्देश दिए जाएंगे कि अनावश्यक टेस्ट न किए जाएं।
-डा. संजीव वर्मा, सीएमओ, ऊना।
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