जगत सिंह नेगी से दुवर्यवहार BJP की साजिश, थुनाग विवाद पर सरकार का आरोप ...दुर्भाग्यपूर्ण परंपरा के भुगतने होंगे परिणाम
Jagat Singh Negi Misbehave राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ सराज में हुए दुर्व्यवहार पर प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने भाजपा पर साजिश का आरोप लगाया है। मंत्रियों ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान बताया और कहा कि भाजपा ने दुर्भाग्यपूर्ण परंपरा की शुरुआत की है जिसके दुष्परिणाम भविष्य में भुगतने होंगे। सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Jagat Singh Negi Misbehave Case, जिला मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ दुर्व्यवहार को प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने भाजपा की साजिश बताया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। दोनों नेताओं ने इसे केवल एक मंत्री का नहीं, बल्कि प्रदेश की लोकतांत्रिक मर्यादाओं, सांस्कृतिक गरिमा और संवैधानिक मूल्यों का अपमान बताया है।
प्रेस को जारी संयुक्त बयान में अनिरुद्ध सिंह और राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश सदैव आपसी सौहार्द, संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों की मिसाल रहा है। सराज के थुनाग में घटित यह घटना राज्य की शालीन छवि पर एक गंभीर कलंक है, जिसे किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है।
सुनियोजित तरीके से हुआ दुर्व्यवहार
उन्होंने स्पष्ट किया कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी एक वरिष्ठ और संवैधानिक पद पर आसीन जनप्रतिनिधि हैं। सराज क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने और प्रभावित परिवारों से मिलने गए थे। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनके साथ सुनियोजित और अशोभनीय व्यवहार किया गया।
भाजपा ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण परंपरा की नींव रखी
दोनों मंत्रियों ने इस कृत्य को एक ‘‘पूर्व नियोजित साजिश’’ करार देते हुए भाजपा को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि ‘‘यह पूरी घटना भाजपा नेताओं की शह पर हुई प्रतीत होती है। भाजपा ने प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण परंपरा की नींव रखी है, जिसके दुष्परिणाम आने वाले समय में भुगतने पड़ सकते हैं।’’
सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी यह व्यवहार
अनिरुद्ध सिंह और राजेश धर्माणी ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति और विरोध का स्थान है, लेकिन विरोध की भी एक गरिमा होती है। यदि वह हिंसक या अपमानजनक रूप ले ले तो वह लोकतांत्रिक अधिकार नहीं, बल्कि अपराध बन जाता है। उन्होंने दो टूक कहा कि सराज में जो हुआ, वह न केवल एक मंत्री के प्रति असम्मान का प्रतीक है, बल्कि हिमाचल की लोकतांत्रिक पहचान और परिपक्व राजनीतिक संस्कृति को चोट पहुंचाने वाला कृत्य है। सरकार इस तरह के व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
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