हिमाचल सरकार पौधे रोपने पर देगी पैसे, समूहों को 1.20 लाख रुपये तक मिलेंगे, जानिए किस तरह ले सकेंगे योजना का लाभ
Himachal Van Samvardhan Yojana हिमाचल प्रदेश सरकार ने ‘राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना’ शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य राज्य में वन आवरण को बढ़ाना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। सरकार ग्राम पंचायतों और युवा मंडलों को पौधरोपण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। योजना के तहत विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाए जाएंगे जिससे पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था दोनों को लाभ होगा।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Van Samvardhan Yojana, हिमाचल को हरित राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही राज्य सरकार अब पौध रोपण अभियान को जन सहयोग से चलाएगी। इसके लिए ‘राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना शुरू होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी मंजूरी दी है।
इस योजना से एक तरफ जहां वन आवरण बढ़ेगा, दूसरी तरफ रोजगार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। राज्य वन विभाग इस योजना पर काम कर रहा था। इसके लिए पूरे प्रदेश में पौधरोपण के लिए उपयुक्त जमीन की पहचान की जा चुकी है। गांवों में विभाग की टीमों ने बाकायदा इसको लेकर सर्वे किया था। योजना में ग्राम पंचायतों और युवा मंडलों को एक से पांच हेक्टेयर जमीन पर पेड़ लगाने के लिए सहायता दी जाएगी।
यह है मकसद
‘राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना’ को स्वीकृति दी, जिसका उद्देश्य समुदाय आधारित दृष्टिकोण से वनों के संरक्षण और विकास को सुदृढ़ करना है। यह योजना राज्य में पांच वर्षों में 100 करोड़ रुपये की लागत से लागू की जाएगी। इसमें महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य पंजीकृत सामुदायिक समूहों को वनीकरण गतिविधियों में शामिल किया जाएगा।
प्रत्येक समूह को 1.20 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी
प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर प्रत्येक समूह को 1.20 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। यदि भूमि एक हेक्टेयर से कम है, तो सहायता आनुपातिक रूप से दी जाएगी। पौधों के जीवित रहने की दर के आधार पर अतिरिक्त 1.20 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। इससे ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में भी सुधार होगा।
आनलाइन मानिटरिंग होगी
सरकार इस योजना की आनलाइन मानिटरिंग करेगी। इसके लिए जिओ टैग किया जाएगा। वन विभाग इस मुहिम की आनलाइन मानिटरिंग करेगा।
ऐसे ले सकेंगे योजना का लाभ
अगर कोई ग्राम पंचायत या युवा मंडल इस योजना का फायदा लेना चाहता है, तो उन्हें अपने नजदीकी वन रक्षक या क्षेत्रीय वन अधिकारी से संपर्क करना होगा। पंजीकरण के बाद वन विभाग के कर्मचारी गांव में आकर जमीन का निरीक्षण करेंगे। वे देखेंगे कि जमीन पौधरोपण के लिए सही है या नहीं, वहां कितने पौधे लगाए जा सकते हैं और किस प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।
इन प्रजाति के पौधे रोपे जाएंगे
पौधे लगाने के लिए कुछ खास प्रजातियों को ही चुना गया है। इन जगहों पर बान, ब्यूल जैसे स्थानीय पेड़ और फल देने वाले पौधे जैसे अनारदाना, कचनार और बुरांश लगाए जाएंगे। इससे न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि गांव के लोगों को भी फल और लकड़ी का लाभ मिल सकेगा। इस योजना का मकसद प्रदेश में हरियाली बढ़ाना और लोगों को पर्यावरण की रक्षा में शामिल करना है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।