Himachal News: हिमाचल सरकार की BPL की नई शर्तेंं गरीबों पर भारी, प्रधान बोले, नए पैमाने में तो एक भी आदमी चयनित नहीं
BPL Selection Guidelines हिमाचल प्रदेश सरकार की बीपीएल चयन की नई शर्तों के कारण फतेहपुर की पंचायतों में निराशा का माहौल है। ग्राम सभाओं में कोरम पूरा नहीं हो रहा जिससे बैठकें स्थगित हो रही हैं। प्रधानों का कहना है कि नई गाइडलाइन से जरूरतमंद लोग वंचित रह जाएंगे। सरकार की इन शर्तों के कारण बीपीएल सूची से कई लोग बाहर हो रहे हैं।

संवाद सहयोगी, फतेहपुर (कांगड़ा)। BPL Selection Guidelines, हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से बीपीएल चयन के लिए लगाई गई शर्तें गरीब लोगों पर भारी पड़ रही हैं। सरकार की इन शर्तों के आगे नए परिवार चयनित होना तो दूर पंचायत में पहले से जो बीपीएल सूची में हैं, वह भी सारे बाहर हो रहे हैं। ऐसे मे बीपीएल में नए लोगों का चयन होना तो दूर पुरानी बीपीएल लिस्ट में चयनित लोगों में ही सरकार की नई शर्तों अनुसार 95 प्रतिशत लोग बाहर हो जा रहे हैं।
अब संंबंधित पंचायतों में होने वाली ग्राम सभाओं में जिसमें बीपीएल सूची पर अन्तिम मोहर लगनी है, उससे लोग किनारा करने लगे हैं। पंचायतों में ग्राम सभाओं के कोरम भी पूरे नहीं हो रहे हैं, जिसका उदाहरण साफ विकास खंड फतेहपुर की पंचायतों में आयोजित ग्रामसभाओं में देखने को मिल रहा है।
विकास खंड फतेहपुर के अन्तर्गत जुलाई में आयोजित बैठकों में 66 से 66 पंचायतों में कोरम पूरा नहीं हो पाया है जबकि फतेहपुर की आधी पंचायतों में दूसरी बार ग्रामसभा में कोरम पूरा न होने से बैठकें स्थगित करनी पड़ीं। इन बैठकों में बीपीएल सूचियों की समीक्षा, पानी के बिलों का निर्धारण, स्वच्छता शुल्क और नशाखोरी जैसे मुद्दों पर चर्चा प्रस्तावित थी, लेकिन बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने हिस्सा नहीं लिया।
प्रधान बोले, मेरी पंचायत में तो एक भी चयनित नहीं
ग्राम पंचायत झुम्ब खास के प्रधान गुनेश कुमार शर्मा ने नई बीपीएल गाइडलाइन का विरोध करते हुए कहा कि इस सूची में इक्का-दुक्का लोगों को ही स्थान मिल रहा है, जबकि उनकी पंचायत में तो किसी को भी स्थान नहीं मिला है। ऐसे में वास्तविक जरूरतमंदों के नाम सूची से हट जाएंगे। उन्होंने पुरानी गाइडलाइन बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पुरानी गाइडलाइन को बहाल करना आवश्यक है, ताकि जरूरतमंदों को लाभ मिल सके। उन्होंने पंचायतों की शक्तियों को सीमित करने को गलत ठहराया।
क्या कहते हैं विकास खंड अधिकारी
वहीं विकास खंड फतेहपुर के विकास खंड अधिकारी सुभाष अत्री ने बताया कि सरकार के आदेश अनुसार उपमण्डलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया गया था और चयनित लोगों की सूची पंचायतों में चस्पा कर दी गई थी। पंचायतों में कोरम पूरा होने पर इन्हें अंतिम रूप देना था।फतेहपुर ब्लाक में 66 पंचायतें हैं और किसी भी पंचायत में कोरम पूरा नहीं हुआ है।
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