Himachal: असुरक्षित स्कूल भवनों का स्वयं निरीक्षण करेंगे शिक्षा मंत्री, भवन निर्माण के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय
Himachal Pradesh Govt Schools दैनिक जागरण के अभियान कितने सुरक्षित है स्कूल के बाद हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत सुधरेगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस पर संज्ञान लिया है। वह स्वयं स्कूलों का निरीक्षण करेंगे जिसकी शुरुआत मंडी जिले से होगी। मरम्मत कार्य के लिए बजट जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और समय सीमा निर्धारित की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, शिमला। Himachal Pradesh Govt Schools, अब हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत सुधरेगी और सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई होगी। स्कूल भवन की टपकती छत, दीवारों में सीलन, सुरक्षा दीवार का नहीं होना जैसी खामियां अब दूर होगी। ‘दैनिक जागरण’ के अभियान ‘कितने सुरक्षित है स्कूल’ पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने संज्ञान लिया है।
वह स्वयं ऐसे स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। इसकी शुरुआत आपदा प्रभावित मंडी जिले से करने जा रहे हैं। दो दिन तक वह थुनाग उपमंडल के अतिरिक्त मंडी शहर के स्कूलों में भी जाएंगे। यहां पर स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
शिक्षा मंत्री का कहना है मरम्मत कार्य के लिए प्रस्ताव भेजने और बजट जारी करने के लिए पत्राचार की प्रक्रिया में भी समय बर्बाद नहीं किया जाएगा। प्रयास रहेगा कि स्वयं निरीक्षण कर मौके पर ही मरम्मत के लिए बजट मंजूर कर दिया जाएगा। मरम्मत कार्य के लिए समय सीमा तय की जाएगी। अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी कि समयबद्ध तरीके से इस कार्य को पूरा किया जा सकें। इस संबध में मासिक समीक्षा बैठक में भी चर्चा होगी।
उपनिदेशक को निर्देश, स्कूल सुरक्षित नहीं तो किराये पर लें भवन
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि स्कूल भवनों की स्थिति स्वयं देखें। यदि उन्हें लगता है कि किसी स्कूल भवन में कक्षाएं बैठाना असुरक्षित है तो वे आसपास के क्षेत्र में खाली सरकारी भवन या निजी भवन देखें। विभाग इसके लिए किराया देने को तैयार है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।
भवन निर्माण के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा विभाग भविष्य में जो भी स्कूल भवन बनाएगा उसके लिए नियम बदल दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला उपनिदेशक को शक्तियां दी गई हैं। स्कूल भवन का निर्माण नदी नाले के आसपास नहीं किया जाएगा। वहीं ऐसा स्थान भी चयनित नहीं किया जाएगा जहां पर भूस्खलन का खतरा हो। भवन बनाने के लिए जमीन चयन की जिम्मेदारी उपनिदेशक की होगी। यदि उसे लगता है कि स्कूल के लिए जो स्थान चयनित किया गया है वह उपयुक्त नहीं है तो वह निदेशालय को इसकी रिपोर्ट भेज सकता है। निर्माण सुरक्षित स्थान पर ही किया जाएगा ताकि भविष्य में कोई अनहोनी घटना न घटे।
अभी 515 स्कूलों की आई है सूची
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि प्रदेश के सभी उपनिदेशकों से ब्यौरा मांगा गया था। इसमें पूछा गया था कि कितने स्कूल ऐसे हैं जो प्रभावित है। यानी इनमें मरम्मत की आवश्यकता है। करीब 515 स्कूलों की सूची प्रदेशभर से आई है। हालांकि इनमें ज्यादातर में छोटी मोटी रिपेयर बताई गई है। उन्होंने कहा कि विभाग स्कूलों को बजट जारी करेगा, ताकि स्कूलों की हालत में सुधार किया जा सकें।
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जिलों में जाकर स्कूलों का निरीक्षण करूंगा
स्कूल भवन पूरी तरह सुरक्षित हो, यह सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। इसके लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। स्कूल भवनों में जो भी खामियां हैं, उसे ठीक किया जाएगा। हर साल विभाग मरम्मत कार्यों के लिए बजट स्कूलों को देता है। बजट को सही तरीके से खर्च किया जाए व गुणवत्ता पूर्ण कार्य हो यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। स्वयं जिलों में जाकर स्कूलों का निरीक्षण करूंगा।
-रोहित ठाकुर, शिक्षा मंत्री, हिमाचल।
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