Himachal Govt School: हादसों को न्योता दे रहे सरकारी स्कूलों के भवन, यहां पीएमश्री विद्यालय की भी रिस रही छत
Himachal Pradesh Govt Schools हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में बैजनाथ-पपरोला के सरकारी स्कूलों की हालत जर्जर है। बैजनाथ स्कूल जो 1942 से पहले का है असुरक्षित घोषित किया गया है। पपरोला के पीएमश्री विद्यालय की छत टपक रही है मरम्मत के लिए धन की कमी है। भवारना में छात्रों के लिए बना ओवरब्रिज इस्तेमाल नहीं हो रहा।

संवाद सहयोगी, बैजनाथ। Himachal Pradesh Govt Schools, हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। जिला कांगड़ा में नगर परिषद बैजनाथ-पपरोला के दो सबसे पुराने स्कूल कई वर्षों से मरम्मत मांग रहे हैं। बैजनाथ का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल 1942 से भी पहले का है और यह 1970 में सरकारी दायरे में आया। स्कूल के भवन की हालत मौजूदा समय में काफी दयनीय है।
स्कूल में 280 विद्यार्थी हैं। पहले बच्चों की संख्या 1000 से भी अधिक थी। उस समय स्कूल की कई कक्षाएं बैजनाथ अस्पताल के साथ लगते चामुंडा हाल में भी लगती थीं, लेकिन स्कूल को विकसित करने की ओर आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया। दशक पहले कुछ कमरे बनाए थे लेकिन मौजूदा समय इनकी हालत खस्ता हो चुकी है। एक बड़े हिस्से को 2020 में असुरक्षित घोषित किया जा चुका है।
हैरानी की बात यह है कि इन कमरों को अभी तक ढहाया नहीं गया है। स्कूल में जमा एक और जमा दो के विद्यार्थियों के लिए बैठने की उपयुक्त व्यवस्था नहीं है। स्कूल का भवन कभी भी हादसे का कारण बन सकता है।
पीएमश्री विद्यालय की भी रिस रही छत
बैजनाथ उपमंडल के सबसे पुराने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पपरोला को अब अब पीएमश्री का दर्जा मिल चुका है। इसी स्कूल के एक कोने में प्रदेश का बास्केटबाल हास्टल भी चलता है। 1996 से पहले तक स्कूल के एक हिस्से में जिला कांगड़ा का नवोदय विद्यालय भी चलता था। यह स्कूल 1854 में शुरू हुआ था। 1976 में हाई स्कूल होते हुए पत्थरों से विशाल भवन बनाया था। उस समय स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 1200 के करीब होती थी। अब स्कूल सीनियर सेकेंडरी हो चुका है और बच्चों की संख्या 254 हो गई है। भवन की छत में काफी रिसाव हो रहा है। इसकी मरम्मत के लिए 10 लाख रुपये की जरूरत है लेकिन अभी धन उपलब्ध नहीं हो पाया है। 1998 में स्कूल भवन में एक कमरे की दीवार गिर गई थी और उस दौरान बच्चे बाल-बाल बचे थे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बैजनाथ
- विद्यार्थी : 280
- निर्माण वर्ष : 1942
- कक्षाएं : छठी से जमा दो तक
- समस्या: भवन के कमरे बदहाल। विद्यार्थियों को झेलनी पड़ती है परेशानी।
क्या कहते हैं अधिकारी
स्कूल में प्रधानाचार्य का पद रिक्त है। मैं कार्यवाहक के रूप में प्रधानाचार्य का कार्यभार देख रहा हूं। असुरक्षित घोषित भवन में बच्चों को नहीं जाने दिया जाता है। बच्चों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी कदम होंगे, उठाए जाएंगे।
-विकेश सिंह, कार्यवाहक प्रधानाचार्य
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल पपरोला
- विद्यार्थी 254
- निर्माण वर्ष 1854
- कक्षाएं छठी से जमा दो तक
- समस्या: स्कूल भवन की छत से हो रहा रिसाव।
क्या कहते हैं स्कूल प्रमुख
पपरोला स्कूल के भवन की छत से रिसाव होता है। इसके लिए स्कूल की तरफ से विभाग और उपायुक्त कांगड़ा को 10 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाकर भेजा है। उम्मीद है जल्द बजट का प्रबंध होगा और मरम्मत हो पाएगी।
- शुभकरण, प्रधानाचार्य
स्कूल प्रबंधन समिति की तरफ से कई बार मैंने विद्यालय की हालत सुधारने की बात रखी है। स्कूल परिसर काफी बड़ा है और काफी अच्छा है। ऐसे में सरकार को यहां भवन ठीक करना चाहिए।
-अंकिता कुमारी, अध्यक्ष स्कूल प्रबंधन समिति पपरोला।
लाखों खर्च कर बनाया ओवरब्रिज बना सफेद हाथी
उधर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भवारना में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए लाखों की लागत से बनाया ओवरब्रिज सफेद हाथी साबित हो रहा है। स्कूली बच्चे ओवरब्रिज का प्रयोग नहीं करते हैं। भवारना स्कूल में बच्चों की सुविधा व सुरक्षा के लिए ओवरब्रिज तैयार किया गया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भवारना में 450 के करीब बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ठाकुरद्वारा-सुजानपुर मुख्य मार्ग के दोनों और स्कूल के कैंपस हैं। एक कैम्पस से दूसरे में जाने के लिए बच्चों को सड़क पार करनी पड़ती थी। अभिभावकों की मांग पर सरकार ने 50-60 लाख रुपये ख़र्च कर ओवरब्रिज का निर्माण करवाया लेकिन बच्चे इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं। स्कूल प्रशासन को चाहिए कि बच्चों को ओवरब्रिज के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल भवारना
- विद्यार्थी : 450
- निर्माण : वर्ष 2021
- कक्षाएं : छठी से जमा दो
- समस्या: लाखों की लागत से बनाया ओवरब्रिज बना सफेद हाथी।
क्या कहते हैं अधिकारी व प्रतिनिधि
स्कूल के दोनों ओर बोर्ड दर्शाने के लिए स्कूल प्रबंधन व लोनिवि को कहा जाएगा। लोनिवि के अधिकारियों को चाहिए कि स्कूल के दोनों तरफ साइन बोर्ड लगाए। स्कूल के दोनों छोर पर स्पीड ब्रेकर भी बनने चाहिए।
राकेश कटोच, एसएमसी प्रधान
जेबरा क्रासिंग व साइन बोर्ड लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग भवारना के अधिशासी अभियंता से पत्राचार किया है। बच्चे जब स्कूल में एंट्री करते हैं तो वे ओवरब्रिज का ही प्रयोग करते हैं।
अजय भाटिया, प्रधानाचार्य।
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