Himachal Govt School: जर्जर भवन खोल रहे गुणात्मक शिक्षा के दावों की पोल, मंत्री के क्षेत्र में भी असुरक्षित भवनों में पढ़ाई
Himachal Pradesh Govt Schools हिमाचल प्रदेश के जवाली में सरकारी स्कूलों के जर्जर भवन शिक्षा विभाग के दावों की पोल खोल रहे हैं। कृषि मंत्री चंद्र कुमार के क्षेत्र के स्कूलों में कमरों की छतें टूटी हैं जिससे छात्रों को परेशानी हो रही है। सुगनाड़ा स्कूल का भवन असुरक्षित घोषित है लेकिन गिराया नहीं गया। कथोली और घाड़जरोट के स्कूलों में भी ऐसी ही स्थिति है।

रक्षपाल धीमान, नगरोटा सूरियां। Himachal Pradesh Govt Schools, हिमाचल प्रदेश में स्कूलों के असुरक्षित व जर्जर भवन सरकार के गुणात्मक शिक्षा मुहैया करवाने के दावों की पोल खोल रहे हैं। साथ ही कमरों की छतों में पड़े सुराख नौनिहालों के सपनों को फर्श पर पहुंचा रहे हैं। यह हाल है प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री चंद्र कुमार के विधानसभा क्षेत्र जवाली के सरकारी स्कूलों का।
हालांकि स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग व सरकार को इस बाबत अवगत करवाया है, लेकिन कार्रवाई शून्य है। राजकीय माध्यमिक पाठशाला सुगनाड़ा के प्राथमिक विंग का चार कमरों वाला स्लेटपोश भवन असुरक्षित घोषित हो चुका है, लेकिन इसे अभी तक गिराया नहीं गया है। इस भवन से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
यही हाल राजकीय उच्च विद्यालय कथोली और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घाड़जरोट का है। विभागीय उदासीनता से विद्यार्थी जर्जर भवनों में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। शिक्षा विभाग गुणात्मक शिक्षा के दावे तो बहुत करता है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। हालांकि दिखाने के लिए सरकार सरकारी विद्यालयों के बच्चों को निजी के बराबर करने के लिए प्रयास तो कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
राजस्थान के झालावाड़ जिले में पिछले दिनों हुए हादसे के बाद अगर सरकार कोई सबक नहीं लेती है तो स्कूली बच्चों की सुरक्षा रामभरोसे ही रहेगी। अभी समय है। हादसों से सबक लेते हुए सरकार को स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाने चाहिए।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घाड़जरोट
- छात्र संख्या : 176
- निर्माण वर्ष : 1928
- कक्षाएं : छठी से जमा दो तक
- समस्या : भवन जर्जर, वर्षा होने पर टपकती है छत।
क्या कहते हैं SMC सदस्य व स्टाफ
भवन की मरम्मत के लिए शिक्षा विभाग को अवगत करवाया है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने बीते साल वार्षिक समारोह में मरम्मत के लिए छह लाख रुपये देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक राशि नहीं आई है। कमरे जर्जर हो चुके हैं। किसी बड़े हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती है।
-प्रदीप परदेसी, कार्यकारी प्रधानाचार्य।
जवाली के विधायक एवं कृषि व पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार से कई बार आग्रह किया है कि जर्जर स्कूल भवन को गिराकर नए भवन निर्माण के लिए बजट उपलब्ध करवाया जाए लेकिन आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिला है। बरसात में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतराते हैं।
-सुशीला देवी, एसएमसी प्रधान
राजकीय उच्च पाठशाला कथोली की स्थिति
- विद्यार्थी : 98
- निर्माण वर्ष : 1989
- कक्षाएं : छठी से दसवीं तक
- समस्या : कमरों की छत खराब, बरामदे में बैठने को विद्यार्थी मजबूर।
स्टाफ ने अपने पैसों से सुधारा भवन
- राजकीय उच्च पाठशाला के एक कमरे की छत को स्कूल स्टाफ ने अपने पैसों से सुधारा है। एक कमरे की छत पूरी तरह से उखड़ चुकी है और इसकी मरम्मत का अनुमान बनाकर शिक्षा विभाग को भेज दिया है। कमरों की कमी के कारण विद्यार्थियों को बरामदे में बैठना पड़ता है।
-सुरेंद्र कुमार, मुख्य अध्यापक।
राजकीय उच्च विद्यालय कथोली के एक कमरे की छत टूट चुकी है। पाठशाला प्रबंधन कमेटी की बैठक में छत की मरम्मत के साथ दो अतिरिक्त कमरों के निर्माण का प्रस्ताव सरकार व शिक्षा विभाग को भेजा है। अभी तक इस दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
-अंजना कुमारी, प्रधान एसएमसी
राजकीय प्राथमिक व माध्यमिक पाठशाला सुगनाड़ा
- विद्यार्थी : 31
- निर्माण वर्ष : 1978
- कक्षाएं : नर्सरी से आठवीं तक
- समस्या : चार कमरों का भवन असुरक्षित घोषित।
बजट मिलने पर गिराया जाएगा अनसेफ भवन
प्राथमिक विंग का चार कमरों का भवन लोक निर्माण विभाग ने असुरक्षित घोषित कर दिया है। इसे गिराकर नया भवन बनाने के लिए विभाग से बजट के प्रविधान के लिए लिखा है। बजट मिलते ही अनसेफ भवन को गिरा दिया जाएगा। भवन के कमरों में ताले लगा दिए हैं व बच्चों को नहीं जाने देते हैं।
-विजय धीमान, मुख्य अध्यापक।
राजकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक पाठशाला सुगनाड़ा में प्राथमिक विंग का चार कमरों का स्लेटपोश भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। इसे अनसेफ घोषित कर दिया है। इसे गिराने के लिए लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए जा चुके हैं। नया भवन बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाई जाए।
-कर्ण पठानिया, प्रधान पंचायत सुगनाड़ा।
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