Himachal Pradesh: आखिर क्यों छिड़ी CM Sukhu और हिमाचल के राज्यपाल में जुबानी जंग, पहली बार आए बेबाक बोल
CM Sukhu Governor Dispute हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की नशे पर टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की टिप्पणी शोभा नहीं देती। उन्होंने नशा तस्करों की संपत्ति जब्त करने और नशा निवारण केंद्रों की संख्या बढ़ाने की बात कही।

राज्य ब्यूरो, शिमला। CM Sukhu Governor Dispute, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के बीच पहली बार जुबानी जंग देखने को मिल रही है। सीएम ने राज्यपाल की ओर से नशे पर की गई टिप्पणी पर नाराजगी जताई है। सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक आरंभ होने से पहले मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की टिप्पणी करना शोभा नहीं देता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने नशे के विरुद्ध कानून को सख्त किया है। अब तक नशा तस्करों की करीब 43 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है और नशा निवारण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शीघ्र राज्यपाल से मिलेंगे और उन्हें बताएंगे कि सरकार नशे के विरुद्ध कितनी गंभीर है।
राज्यपाल ने पिछले सप्ताह शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा था कि हिमाचल में एकमात्र नशा निवारण केंद्र है, ऐसे में नशा कैसे मिटेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसून सत्र पर निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने थुनाग से वानिकी एवं बागवानी महाविद्यालय को शिफ्ट करने पर मचे घमासान पर भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने न केवल तिरंगे का अपमान किया, बल्कि आपदा में भी राजनीति करने का प्रयास किया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की गाड़ी पर काले कपड़े और जूते फेंके, जिस पर तिरंगा लगा था। तिरंगे का अपमान कांग्रेस सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
आपदा के कारण अस्थायी तौर पर शिफ्ट किया है बागबानी कालेज
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सराज के उन क्षेत्रों में राहत पहुंचाई है, जहां अब तक कोई नहीं पहुंचा। सच्चाई यह है कि वानिकी एवं बागवानी महाविद्यालय को अस्थायी तौर पर सुंदरनगर शिफ्ट किया गया है, क्योंकि मूल स्थान पर सड़कों की हालत दयनीय है। महाविद्यालय को शिफ्ट करने का निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा और पढ़ाई के नुकसान को देखते हुए लिया गया। अभिभावक भी चाहते थे कि उनके बच्चों को पढ़ने के लिए सुरक्षित जगह मिले। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं वाहन से वहां नहीं जा पाए, क्योंकि सड़कें अभी भी पूर्ण रूप से बहाल नहीं हैं।
देर आए दुरुस्त आए
दिल्ली में भाजपा सांसदों व नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए। अच्छा होता भाजपा सांसद वर्ष 2023 में प्रदेश में आई आपदा के समय भी केंद्र से मदद के लिए मिले होते। हिमाचल के हितों के लिए प्रदेश सरकार जेपी नड्डा के नेतृत्व में भी केंद्र से मदद मांगने के लिए जाने को तैयार है। केंद्र सरकार हिमाचल को विशेष राहत पैकेज दे और वन भूमि में लोगों को बसाने के लिए छूट दिलाने का काम करे।
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