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    Himachal Apple: शिमला में अब तक पांच गुना ज्यादा सेब कारोबार, इन दो वजह से सेब सीजन ने पकड़ी रफ्तार

    Updated: Sun, 03 Aug 2025 12:54 PM (IST)

    Himachal Pradesh News प्रदेश के शिमला जिले में सेब सीजन ने तेजी पकड़ ली है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मंडियों में पांच गुना अधिक सेब पहुंचा है। पहली अगस्त तक पिछले साल 3.79 लाख पेटियां पहुंची थीं जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा 16 लाख पार कर गया है।

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    हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में सेब कारोबार ने गति पकड़ ली है।

    रोहित शर्मा, शिमला। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में सेब सीजन रफ्तार पकड़ चुका है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अभी तक कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) की मंडियों में पांच गुना ज्यादा सेब पहुंच चुका है।

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    पिछले वर्ष जहां पहली अगस्त तक शिमला जिले से एपीएमसी की मंडियों में 3,79,215 पेटियां पहुंची थीं, वहीं इस वर्ष अभी तक यह आंकड़ा 16 लाख को पार कर चुका है। राज्य मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार जिले में अभी तक 16,79,088 पेटियां मंडियों में पहुंच चुकी हैं। ये सभी पेटियां 20 किलो की हैं।

    इसके अलावा इससे कम वजन वाली पेटियों का कारोबार भी मंडियों में हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार जिले में सेब सीजन की रफ्तार काफी तेज है। 

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    इस माह और रफ्तार पकड़ेगा सेब सीजन

    जिले में सेब सीजन की रफ्तार इस माह और बढ़ने की संभावना है। शिमला में जहां अभी तक निचले एवं मध्यम क्षेत्रों से सेब मंडियों में पहुंच रहा था, वहीं अब ऊपरी क्षेत्रों से भी सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो जाएगा।

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    त्योहारों पर अन्य राज्यों में रहती है ज्यादा मांग

    ऐसे में सेब की आवक और बढ़ने से दाम गिरने के आसार हैं। हालांकि रक्षाबंधन, जन्माष्टमी त्योहारी के लिए अन्य राज्यों में सेब की ज्यादा मांग रहती है। इससे बागबानों को थोड़ा लाभ मिलने की संभावना है।

    ये हैं सेब कारोबार बढ़ने के कारण

    आढ़तियों की मानें तो शुरुआत में सेब की मंडी काफी तेज थी। बागबानों को सेब के अच्छे दाम मिल रहे थे। सेब की एक पेटी औसत तीन हजार से 3500 रुपये तक बिक रही थी। ऐसे में बागबानों में जल्दी से जल्दी सेब को मंडियों तक पहुंचाने की होड़ लगी है। इसके कारण काफी ज्यादा सेब इस बार मंडियों में पहुंचा है। जिले में हो रहे सेब कटान के डर से भी बागबान जल्दी मंडियों में सेब ला रहे थे। इसके चलते भी मंडियों में इस वर्ष ज्यादा सेब की पेटियां आई हैं।

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