Jagdeep Dhankhar के इस्तीफे पर यह क्या कह गए हिमाचल सरकार के मंत्री, ...राजनीतिक दबाव और प्रताड़ना
Jagdeep Dhankhar Resign हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कहा कि वे राजनीतिक दबाव में थे। उन्होंने शिक्षा के व्यवसायीकरण पर चिंता जताई और कहा कि निजी विश्वविद्यालय बिजनेस मॉडल बन गए हैं जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर गलतफहमी का आरोप भी लगाया

जागरण संवाददाता, शिमला। Jagdeep Dhankhar Resign, हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने उपराष्ट्रपति जयदीप धनखड़ के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जगदीप धनखड़ अपने असूलों के आदमी हैं। राजनीतिक दबाब के कारण वह काफी समय से प्रताड़ित हो गए थे। ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देना उचित समझा।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आयोजित 56वें स्थापना दिवस के दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि जयदीप धनखड़ अच्छे व्यक्तित्व के इंसान हैं। वह उनसे मिले हैं, लेकिन राजनीतिक परिदृश्य के कारण वह प्रताड़ित हो गए थे। ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देना उचित समझा।
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जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को स्वास्थ्य कारण का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उनके इस्तीफे पर कुछ राजनीतिक दल तीखी बयानबाजी कर रहे हैं व इस्तीफे को राजनीति से जोड़ रहे हैं।
जयराम गलतफहमी के शिकार
पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने नेता प्रतिपक्ष पर आरोप लगाया है कि वह गलतफहमी के शिकार है। उनके विधानसभा में स्थापित पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान का डंगा टूट गया था। जिसके कारण भवन को खतरा पैदा हो गया था। इसे शिफ्ट करने को लेकर जब मेरे पास फाइल आई थी, तो फिर उस बारे में जयराम ठाकुर से भी मैंने बात की थी, लेकिन जयराम ठाकुर अब इस मामले में राजनीति कर रहे हैं।
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बिजनेस माडल बन चुकी है शिक्षा
वहीं पत्रकारों के सवाल के दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान में शिक्षा बिजनेस माडल बन चुकी है। पिछले डेढ़ दशक मे हिमाचल में सिर्फ गिनी चुनी यूनिवर्सिटी होती थी, उनमें हिमाचल यूनिवर्सिटी भी शामिल है, लेकिन समय के साथ साथ निजी यूनिवर्सिटियां जगह-जगह पर खुल गई हैं। यहां पर पूरी तरह से बिजनेस माडल पर काम हो रहा है,जबकि पढ़ाई की गुणवत्ता कम है। यहां की चकाचौंध से प्रभावित होकर बच्चे यहां पढ़ने जा रहे हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हालांकि सुविधाओं का कुछ अभाव हैं, लेकिन पढ़ाई के स्तर में गिरावट नहीं आई है।
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