Jairam Thakur: आपदा में सराज की मदद करने के बजाय जख्मों पर नमक छिड़क रही सरकार, एक और संस्थान शिफ्ट करने की तैयारी
Jairam Thakur नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सराज त्रासदी में सरकार की राहत कार्यों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार मदद की बजाय जख्मों पर नमक छिड़क रही है। भाजपा और स्वयंसेवी संस्थाओं ने सरकार से ज्यादा मदद की है। सराज में भारी नुकसान हुआ है और कई गांव तबाह हो गए हैं। ठाकुर ने सरकार से विशेष पैकेज देने और केंद्र से मदद मांगने की मांग की।

जागरण संवाददाता, शिमला। Jairam Thakur, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सोमवार को प्रेसवार्ता में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। उन्होंने कहा कि सरकार सराज को मदद करने के बजाय जख्मों पर नकम छिड़क रही है। सराज से पंचायती राज के प्रशिक्षण संस्थान को शिफ्ट करने की तैयारी है, बागवानी विभाग के संस्थान को शिफ्ट कर दिया है। सरकार आम लोगों की मदद करने के बजाय उन्हें जख्म दे रही हैं।
राज्य सरकार से 10 गुणा ज्यादा मदद भाजपा और समाजसेवी लोगों ने की है। पानी, सड़कों की बहाली में समय लगेगा, बादल फटने की घटनाओं के कारण का अध्ययन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडी जिला में मानसून में भारी तबाही मचाई है। त्रासदी के 20 दिन बाद भी मंडी के सिराज विधान सभा क्षेत्र में लोग अस्थाई जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पानी और सड़कें अभी तक बहाल नहीं हो पाई है।
अकेले सराज विधानसभा क्षेत्र में एक हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। अभी तक सरकार की तरफ से कुछ मदद नहीं मिली है। उल्टे संस्थानों को आपदा के बहाने शिफ्ट किया जा रहा है। मंडी जिला के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर शिमला लौटने के बाद कहा कि सरकार की तरफ से राहत व पुनर्वास कार्य उस रफ्तार से नहीं हो रहे हैं जिस तरह से होने चाहिए थे।
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20 दिन बाद भी कई गांवों में बिजली-पानी नहीं
20 दिन बाद भी कई गांव में बिजली नहीं है। पानी की स्कीमें और सड़क बहाल नहीं हो पाई है। सेब की फसल तैयार है लेकिन सड़के बंद है। पैदल चलने के रास्ते खत्म हो गए हैं। सरकार के मंत्री की तरफ़ से दुर्भाग्यपूर्ण बयान आ रहे हैं , इनका कोई औचित्य नहीं है।
बरसात ने दिए हैं इतने ज्यादा जख्म
सिराज विधानसभा क्षेत्र में एक हजार करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है । 500 मकान पूरी तरह से तबाह हुए हैं जबकि 700 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। पूरे के पूरे गांवों का नामोनिशान मिट गया है।1000 हजार पशुधन खत्म हुआ है।100 पुल पैदल रास्तों के और 18 वाहन के पुल बह गए हैं।जल शक्ति विभाग की 260 में से 240 पानी की स्कीमें बाधित हुई है।42 पंचायत के 30 हजार लोगों प्रभावित हुए हैं। सिराज का शरण गांव पूरी तरह खत्म हो गया है, बगस्याड, सुराह गांव तक जाना ही मुश्किल हो गया है।थुनाग में 200 दुकानें खत्म हुई हैं। सरकार की तरफ से जो प्रयास किए जा रहे हैं वह बेहद कम है।
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कैबिनेट बैठक कर विशेष पैकेज दे सरकार
अभी तक आपदा प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज की अधिसूचना जारी नहीं हुई है, उसमें भी मुख्यमंत्री सोच रहे हैं कि देना है या नहीं देना है। यह वक्त राजनीति का नहीं है। सरकार भूमि का चयन कर आपदा प्रभावितों को कम्युनिटी सेंटर स्थापित करने का कार्य करें। केंद्र की टीम बरसात का मौसम खत्म होने से पहले ही नुकसान का जायजा लेने पहुंची थी । सरकार विशेष पैकेज की केंद्र सरकार से मांगे करें ताकि केंद्र से मदद मिले।
इन मसलों पर जताई चिंता
- सेब सीजन के दौरान बिना सड़क ढुलाई कैसे होगी।
- दो महीने के बाद पानी की समस्या गंभीर होगी।
- सर्दियों में लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं होंगी, इसके लिए व्यवस्था करनी होगी। यह नहीं हुआ तो लोगों को परेशानी होगी।
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