शिमला आईजीएमसी में डॉ. राघव की बर्खास्तगी के विरोध में आए तीन चिकित्सक संगठन, ...सामूहिक अवकाश पर जाएंगे
शिमला आईजीएमसी में डॉ. राघव की बर्खास्तगी के विरोध में तीन चिकित्सक संगठन सामने आए हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएश ...और पढ़ें

शिमला आईजीएमसी में डॉ. राघव का मरीज से बहस का वीडियो वायरल हुआ था।
जागरण संवाददाता, शिमला। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में डा. राघव की बर्खास्तगी के फैसले ने प्रदेश के डॉक्टर संगठनों को आमने-सामने ला दिया है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए), हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (एचपीएमओए) और स्टेट एसोसिएशन ऑफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स (सेमडिकोट) ने इस निर्णय को “अन्यायपूर्ण” बताते हुए एक स्वर में विरोध का बिगुल फूंका है।
तीनों संगठनों ने साफ किया है कि यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
एक दिन की सामूहिक छुट्टी पर जाएंगे डॉक्टर
आरडीए ने अपने निर्णय में कहा है कि विधि के सिद्धांतों और हमारे साथी डॉक्टरों के साथ हो रहे अन्याय को देखते हुए संगठन एक दिन की सामूहिक आकस्मिक छुट्टी (सीएल) लेगा। आरडीए ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री से निर्धारित मुलाकात के बाद भी यदि जायज मांगें नहीं मानी, तो संगठन हड़ताल के लिए विवश होगा।
इमरजेंसी सेवाएं जारी रखेंगे
प्रस्तावित हड़ताल के दौरान वैकल्पिक सेवाएं पूरी तरह बंद रहेंगी, जबकि आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी। आरडीए ने सभी रेजिडेंट डॉक्टरों से एकजुटता और पूर्ण सहयोग की अपील की है।
सीएम से मिलेंगे चिकित्सक
उधर, हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रेस सचिव डा. विजय ने आरडीए के रुख का खुला समर्थन करते हुए कहा कि शुक्रवार सुबह आईजीएमसी के रेजिडेंट डॉक्टर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात करेंगे और डा. राघव को नौकरी से बर्खास्त करने का निर्णय वापस लेने का आग्रह रखेंगे।
तो प्रदेश व्यापी हो सकता है आंदोलन
उन्होंने दो टूक कहा कि मुलाकात के बाद आरडीए जो भी निर्णय लेगा, एचपीएमओए उसका सौ फीसदी समर्थन करेगा। यह बयान संकेत देता है कि यदि बातचीत विफल रही तो आंदोलन को प्रदेश-व्यापी समर्थन मिल सकता है।
सेमडिकोट भी सक्रिय
तीसरे मोर्चे पर सेमडिकोट भी सक्रिय हो गया है। संगठन के अध्यक्ष डा. बलवीर वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा गया है और मुलाकात के बाद ही आगामी रणनीति तय की जाएगी। सेमडिकोट का मानना है कि बिना समुचित प्रक्रिया और पक्षों की सुनवाई के लिया गया कोई भी कठोर प्रशासनिक फैसला शिक्षण-चिकित्सा संस्थानों के माहौल और कार्यसंस्कृति पर प्रतिकूल असर डालता है।
आईजीएमसी में माहौल तनावपूर्ण
डॉक्टर संगठनों की संयुक्त नाराजगी से आईजीएमसी में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। एक ओर प्रशासन अनुशासन और व्यवस्था की बात कर रहा है, तो दूसरी ओर संगठन निष्पक्ष जांच, आनुपातिक कार्रवाई और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों पर जोर दे रहे हैं। आरडीए-एचपीएमओए-सेमडिकोट का साझा संदेश साफ है कि संवाद से समाधान, अन्यथा चरणबद्ध आंदोलन। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक पर टिकी हैं, जहां से इस टकराव की दिशा तय होगी।

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