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    Shimla News: पुलिस के लिए आसान नहीं था अगवा छात्रों काे ढूंढना, कोटखाई के युवक ने घर तक पहुंचा दी टीम, मंत्री ने किया सम्मानित

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 03:43 PM (IST)

    Bishop Cotton School Shimla शिमला के प्रतिष्ठित बिशप कॉटन स्कूल के किडनैप हुए तीन बच्चों को पुलिस ने ढूंढ निकाला। इस केस को सुलझाने में कोटखाई के युवा ...और पढ़ें

    अगवा छात्रों को ढूंढने में मदद करने वाले युवक को सम्मानित करते शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व आरोपित की कार।

    अनिल ठाकुर, शिमला। Bishop Cotton School Shimla, शिमला के प्रतिष्ठित (BCS) बिशप कॉटन बोर्डिंग स्कूल के किडनैप तीन बच्चों को पुलिस ने रेस्क्यू कर लिया है। इस केस को सुलझाने में कोटखाई के युवा रौनक ने अहम भूमिका निभाई है। रौनक ट्रांसपोर्टर है। उन्होंने बताया कि वह जहां काम करते हैं वहां बीते रोज पुलिस की मूवमेंट काफी थी।

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    इसी बीच दो कॉन्स्टेबल उनके पास आए। कांस्टेबल पवन व कांस्टेबल हितेश ने उन्हें मोबाइल में एक सीसीटीवी फुटेज दिखाई और उनसे पूछा कि क्या यह गाड़ी उन्होंने इस क्षेत्र के आसपास देखी है।

    गाड़ी को देखते ही उन्होंने तुरंत कहा कि देखी क्या मैं तो इसके मालिक को भी जानता हूं, लेकिन गाड़ी की नंबर प्लेट बदली हुई थी। वह तुरंत पुलिस की टीम को लेकर आरोपित के घर पहुंचा।

    पुलिस से पहले आरोपित के घर पर गाड़ी देखने गया रौनक 

    वह पुलिस टीम से पहले ही घर पर गया और वहां देखा तो ग्राउंड फ्लोर पर गाड़ी लगी हुई थी। पुलिस ने उन्हें जो सीसीटीवी फुटेज दिखाई थी, उसके अनुसार गाड़ी वैसी ही पाई गई। सिल्वर रंग की आई 10 गाड़ी थी, लेकिन इस पर जो नंबर प्लेट थी, वह नहीं थी। गाड़ी का बंपर, फोग लाइट, टूटी हुई थी, वह सीसीटीवी में भी टूटी नजर आ रही थी। गाड़ी के रिफ्लेक्टर साइड ग्लास बिल्कुल वैसे ही थे, जैसे सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहे थे।

    15 साल से ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़े नौनक ने लगाया गाड़ी का पता

    रौनक ने बताया कि वह पिछले 15 सालों से ट्रांसपोर्ट के कारोबार से जुड़े हैं तो गाड़ियों की पहचान उन्हें रहती है। उन्होंने अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए पुलिस को इस घर तक जाने का आग्रह किया। रौनक ने बताया कि उन्होंने सुमित सूद को पहले फोन भी किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

    पुलिस पूछताछ में कबूल लिया गुनाह

    पुलिस जैसे ही वहां पहुंची तो सुमित को बातचीत करने के लिए बुलाया। पुलिस ने कहा कि इस तरह की गाड़ी चिट्टे के केस में सम्मिलित पाई गई है, इसलिए छोटी सी पूछताछ आपसे की जानी है। पुलिस की पूछताछ के दौरान थोड़ी ही देर में उसने कहा कि उसकी मंशा ऐसी नहीं थी। 

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    गाड़ी में थे चॉकलेट के रैपर

    रौनक ने बताया कि जब गाड़ी को देखा तो उसमें चॉकलेट के रैपर थे व चिप्स के खाली पैकेट भी थे। वहां से भी शक पुख्ता हो गया। इसके बाद पुलिस ने बच्चों को रेस्क्यू कर लिया।

    रोहित ठाकुर ने किया सम्मानित

    शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस केस को सुलझाने में पुलिस की मदद की। उन्होंने स्थानीय युवाओं को इसमें लगाया। शाम को अपने कार्यक्रम के बाद वह शिमला पहुंचे व सीधे रिपन अस्पताल गए, जहां मेडिकल के लिए पुलिस बच्चों व आरोपित को ले गई थी। उन्होंने स्वजन से भी बातचीत की। 

    सोमवार को उन्होंने आरोपित को पकड़वाने वाले रौनक को सम्मानित भी किया।

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