मनाली हाईवे पर अब नहीं डराएगा भूस्खलन, केंद्र ने 10 सुरंगों व पंडोह बाईपास को दी मंजूरी; पर्यटकों की राह होगी आसान
Manali Highway कुल्लू से कीरतपुर तक यातायात अब और भी सुगम होगा क्योंकि केंद्र सरकार ने 10 सुरंगों और पंडोह बाईपास को मंजूरी दे दी है। कीरतपुर से भवाणा तक चार सुरंगें बनेंगी साथ ही चार और सात मील में भी चार सुरंगों का निर्माण होगा। इस परियोजना से मंडी के छह मील और पंडोह कैंची मोड़ पर भूस्खलन का खतरा कम होगा।

हंसराज सैनी, मंडी। Manali Highway, कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर अब मंडी के छह मील व पंडोह कैंची मोड़ के पहाड़ से होने वाले भूस्खलन का डर नहीं सताएगा। भवाणा से कीरतपुर तक पांचों सुरंगों में वाहन एकतरफा सरपट दौड़ेंगे। पंडोह बाजार के लोगों को भी यातायात जाम से निजात मिलेगी।
केंद्र सरकार ने 10 नई सुरंगों व पंडोह बाईपास की अलाइनमेंट को स्वीकृति प्रदान कर दी है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। कुल्लू से कीरतपुर तक का सफर अब पहले से और ज्यादा सुगम होगा।
कीरतपुर से भवाना तक फोरलेन निर्माण के दौरान करीब साढ़े पांच किलोमीटर लंबी टू लेन की पांच सुरंगों का निर्माण हुआ था। इससे सुरंगों में वाहनों की आवाजाही सामान्य नहीं हो पा रही थी। बिलासपुर के कैंची मोड़ में 1800 मीटर लंबी दूसरी सुरंग का निर्माण हो चुका है। यह सुरंग वाहनों की आवाजाही के लिए अगले माह खोली जाएगी।
इसके अलावा टिहरा, भवाणा, बागछाल व तुन्नू में चार सुरंगों का निर्माण होगा। करीब तीन किलोमीटर लंबी चारों सुरंगों के निर्माण के लिए 13.38 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। इसमें 11.640 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है। चारों सुरंगों का निर्माण होने से कीरतपुर से भवाणा तक सुरंगों की संख्या 10 हो जाएगी। एक सुरंग से वाहन जाएंगे दूसरी से आएंगे।
5.488 किलोमीटर होगी पंडोह बाईपास की लंबाई
मंडी जिले के पंडोह बाईपास की लंबाई 5.488 किलोमीटर होगी। यहां दो सुरंगों का निर्माण होगा। जो लगभग 1360 मीटर लंबी होंगी। दो बड़े पुलों का निर्माण भी होगा। बाईपास निर्माण के लिए 19.29 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। इसमें 6.51 हेक्टेयर भूमि एनएचएआइ के पास पहले से उपलब्ध है। बाईपास फोरलेन होगा।
इसके निर्माण से पंडोह बाजार व पंडोह पूरी तरह से अलग हो जाएगा। बाईपास पंडोह कैंची मोड़ से ऊपर निकलेगा। यहां फिर कैची मोड़ की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। वर्ष 2023 से यहां लगातार भूस्खलन होने से मार्ग को बार-बार नुकसान हो रहा है। अब भी एक लेन पर वाहनों की आवाजाही हो रही है।
चार व सात मील में दो किलोमीटर व 800 मीटर की चार सुरंगें बनेंगी
चार व सात मील में प्रस्तावित चार सुरंगों को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। यहां दो किलोमीटर व 800 मीटर की चार सुरंगें बनेंगी। इससे यहां पहाड़ दरकने से हर बरसात में जानमाल को होने वाली समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी। मंडी से पंडोह का सफर भी 10 से 15 मिनट में तय होगा। मंडी से पंडोह की दूरी 18 किलोमीटर है। सुरंगों के निर्माण के लिए 5.483 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। इसमें 2.426 हेक्टेयर वन भूमि है। जल्द केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति ली जाएगी।
कीरतपुर से टकोली तक होंगी 30 सुरंगें
कीरतपुर से टकोली तक कुल 30 सुरंगें होंगी। इनमें 20 सुरंगों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। 16 सुरंगों से वाहनों की आवाजाही हो रही है। एकतरफा करीब 30 किलोमीटर मार्ग सुरंगों से होकर गुजरेगा। कुल्लू से कीरतपुर की दूरी 159 किलोमीटर है।
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10 सुरंगों को मंजूरी
केंद्र ने पंडोह बाईपास सहित 10 सुरंगों की अलाइनमेंट को मंजूरी प्रदान कर दी है। जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। बाईपास व सुरंगों के निर्माण से मार्ग और सुगम होगा।
-वरुण चारी, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ मंडी।
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