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    भाजपा को चुनावी बेला में अब याद आ रहे ओबीसी: विक्रम चौधरी

    By Jagran NewsEdited By: Richa Rana
    Updated: Mon, 03 Oct 2022 02:06 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश ओबीसी विभाग के अध्यक्ष विक्रम चौधरी ने आरोप लगाया है कि भाजपा को ओबीसी की याद सिर्फ और सिर्फ चुनावी बेला में ही आती है। भाजपा जब भी सत्त ...और पढ़ें

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    भाजपा को ओबीसी की याद सिर्फ और सिर्फ चुनावी बेला में ही आती है।

    धर्मशाला, जागरण संवाददाता। हिमाचल प्रदेश ओबीसी विभाग के अध्यक्ष विक्रम चौधरी ने आरोप लगाया है कि भाजपा को ओबीसी की याद सिर्फ और सिर्फ चुनावी बेला में ही आती है। भाजपा जब भी सत्ता में आती है तो ओबीसी वर्ग को सिर्फ वोट वैंक के लिए प्रयोग करती है और मतलब निकल जाने के बाद कोई काम नहीं करती। जबकि कांग्रेस ही ओबीसी वर्ग की सच्ची हितैषी है और आज तक जो भी लाभ दिए हैं वह कांग्रेस ने ही दिलवाए हैं।

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    जनता जागरूक है भाजपा के झूठे प्रलोभनों में नहीं आएगी

    इस बार जनता जान चुकी है और जागरूक है और भाजपा के झूठे प्रलोभवनों में आने वाली नहीं है। विक्रम चौधरी ने बताया कि धर्मशाला, सुलह व नादौन में भाजपा के ओबीसी सम्मेलन सिर्फ और सिर्फ ओबीसी वर्ग को ठगने का प्रयास है। लेकिन अब इस झांसे में जनता आने वाली नहीं है। नादौन के पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री, खुद विधायक रहते अन्य पिछड़ा वर्ग की मांगों को लेकर कितनी बार पैरवी की इस पर श्वेत पत्रजारी करें। सुलह के वर्तमान विधायक व विधानसभा अध्यक्ष भी हैं विपिन सिंह परमार ने भी अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। अब लंबे समय से चली आ रही अन्य पिछ़़ड़ा वर्ग की मांगों को कभी सदन में नहीं रखा। यही हाल धर्मशाला के पूर्व विधायक किशन कपूर व मौजूदा विधायक विशाल नैहरिया एक बार भी सदन में ओबीसी समुदाय के लोगों की संवैधानिक मांगों के बारे में कोई पैरवी नहीं की और अब चुनावी बेला में आम आदमी पार्टी से भाजपा में गए हुए राकेश चौधरी ओबीसी गुणगान करने लगे हैं।

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    यह हैं मुख्य मांगे

    -सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत पूर्ण रूप से आरक्षण, जोकि अभी तक 12 व 18 प्रतिशत ही दिया जा रहा है। यह भी कांग्रेस की देन है।

    -93वें संशोधन के तहत 27 प्रतिशत आरक्षण उच्च शिक्षण संस्थानों में अभी तक नहीं दिया है, जबकि जयराम सरकार ने 103वां संविधान संशोधन जिसमें आर्थिक रूप से स्वर्ण वर्ग के लोगों को10 प्रतिशत उच्च शिक्षा में तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया है। लेकिन 2005 से लेकर अभी तक जयराम सरकार 93वें संशोधन को लागू नहीं कर पाई। इससे यह साफ होता है कि भाजपा सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग हितैषी नहीं है। अगर सम्मेलन करने ही थे तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का सम्मेलन करती, जिसे उन्होंने 10 प्रतिशत लाभ दिया है।                          

    यह बताए भाजपा सरकार

    भाजपा सरकार बताए कि सर्विस सलेक्शन बोर्ड एवं पब्लिक सर्विस कमीशन में अन्य पिछड़ा वर्ग के कितने सदस्यों को लगाया गया। संविधान में यह प्रावधान है कि इन दोनों बोर्डों में भी एक व्यक्ति अन्य पिछड़ा वर्ग से व्यक्ति सदस्य होना चाहिए। आउटसोर्स के माध्यम से भी अन्य पिछड़ा वर्ग से अनदेखी सरकार कर रही है। और बिना रोस्टर के अपने चेहतों को लगाया जा रहा है और रोस्टर को लागू न करके ओबीसी की अनदेखी की जा रही है।

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