Kangra News: चार विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़क 10 दिन से बंद, बेबस प्रशासन को जनता ने दिए दो सुझाव
Kangra News कांगड़ा शाहपुर देहरा और जवाली क्षेत्र से गुजरने वाली गगल-सलोल-लंज-नगरोटा सूरियां सड़क 15 सितंबर से बंद है जिससे 25 पंचायतों के निवासियों को परेशानी हो रही है। विशेषकर विद्यार्थी कर्मचारी और किसान प्रभावित हैं। तियरा के पास डंगा धंसने से सड़क संकरी हो गई है जिससे बस सेवा बाधित है। लोग वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, धर्मशाला। कांगड़ा, शाहपुर, देहरा और जवाली विधानसभा क्षेत्रों से गुजरने वाली गगल-सलोल-लंज-नगरोटा सूरियां सड़क 15 सितंबर से बड़े वाहनों के लिए बंद है। यह सड़क लगभग 25 पंचायतों को जोड़ती है।
नगरोटा सूरियां के आसपास क्षेत्रों से लेकर मसरूर, लंज व सलोल के आसपास के गांवों को जिला मुख्यालय तक आवाजाही का यह मार्ग बंद होने से लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हुई है।
सबसे ज्यादा परेशानी प्रतिदिन यात्रा करने वाले लोगों को हो रही है। इनमें कर्मचारी, स्कूल-कालेज जाने वाले विद्यार्थी व दूध-सब्जी बेचने वाले किसान हैं। निजी स्कूलों के छोटे विद्यार्थियों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है।
इन पंचायतों के लोग करते हैं आवाजाही
इस मार्ग पर बैदी, भडियाड़ा, तियारा, समीरपुर खास, चकवन समीरपुर, सलोल, तरखानकड़, राजल, ततवानी, बोहड़क्वालू, अपर लंज, लंज खास, मनई, भरूपलाहड़, डडोली, कदरेटी, मसरूर, पनियाल, स्पेल, गलुआ, बासा और नगरोटा सूरियां सहित करीब 25 पंचायतें आती हैं। इन पंचायतों के अधिकतर लोगों को मेडिकल कालेज टांडा व जिला मुख्यालय धर्मशाला आने-जाने के लिए यही मार्ग है।
तियरा से आगे धंस गया है डंगा
इस मार्ग पर 15 सितंबर को तियारा से लगभग दो किलोमीटर आगे दरवाह के पास डंगा धंस गया है। जहां पर डंगा धंसा है, उस स्थान पर सड़क संकरी हो गई है। मोटरसाइकिल व कार मुश्किल से निकल पा रही है। बस सेवा पूरी तरह से बंद है। लोक निर्माण विभाग नए सिरे से डंगा ही लगा सकता है। क्योंकि दोनों तरफ गहरी खाई है, इसलिए डायवर्जन बनाना संभव नहीं है। डंगा लगाने में समय लगेगा।
गगल से नगरोटा सूरियां के लिए चलती हैं दस से ज्यादा बसें
लोग चाहते हैं कि तब तक बस सेवा की वैकल्पिक व्यवस्था हो जाए तो परेशानी कम हो सकती है।
धर्मशाला, कांगड़ा व गगल से इस मार्ग पर दिन में करीब 10 बसें लंज या नगरोटा सूरियां तक जाती हैं और इतनी ही वापस आती हैं। सलोल, तरखानकड़, ततवानी, बोहड़क्वालू और यहां तक कि लंज से भी कई विद्यार्थी तियारा और गगल के निजी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं। धर्मशाला कालेज व आइटीआइ सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में कई विद्यार्थी पढ़ते हैं। कुछ विद्यार्थी स्कूल बसों में भी आवाजाही करते हैं, कुछ निगम व निजी बसों से भी आते-जाते हैं। छोटे बच्चों व उनके अभिभावकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
स्कूलों ने लगा दी दो बसें
कुछ स्कूलों ने गिरे डंगे के दोनों तरफ से बसें लगाई हैं। एक बस सलोल की तरफ से आती है और गिरे डंगे से पहले विद्यार्थियों को उतार देती है, विद्यार्थी क्षतिग्रस्त सड़क का हिस्सा पैदल पार करते हैं। दूसरी बस तियारा की तरफ से आती है और विद्यार्थियों को ले जाती है।
लोगों में प्रशासन व सरकार के विरुद्ध आक्रोश
सलोल पंचायत के धीरज कुमार, सुरजीत गुलेरिया, मनोज गुलेरिया, सुशील कुमार, मुकर सिंह, नरेंद्र कुमार चंदेल, बोहड़क्वालू के सुरेंद्र सिंह, बलवान सिंह, विभीषण सिंह, सुभाष चंद, किकर सिंह (कोठड़ू), ततवानी पंचायत के सतपाल सिंह गुलेरिया, बली मोहम्मद, भौरबल्ली के रमेश चंद, लेख राज, प्रवीन कुमार, अमित कुमार, अजय कुमार, तरखानकड़ के राकेश मेहरा, निर्दोष कुमार, प्रताप सिंह, सुनील कुमार, विकास धीमान और बालकृष्ण ने बताया कि इस सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से को जल्द दुरुस्त कर आवाजाही शुरू की जाए। जब तक सड़क पर डंगा नहीं लगता, तब तक बसों की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
इसके अलावा इस सड़क पर श्री काथला माता जी के मंदिर, भौरबल्ली और पलोथर के पास भी डंगे गिरे हैं। सड़क जगह-जगह से टूटी है। लोगों ने आग्रह किया है कि सड़क के इन खराब हिस्सों को भी जल्द ठीक किया जाए।
परिवहन निगम को लोगों के दो सुझाव
पहला सुझाव, परिवहन निगम क्षतिग्रस्त डंगे के दोनों ओर बस सेवा शुरू कर दे। जिस तरह से स्कूल बसें विद्यार्थियों को लाकर और छोड़ रही हैं। तियारा से आने वाली बस दरवाह में आसानी से मुड़ जाएगी। सलोल की तरफ से आने वाली बस डंगे के पास मोड़ पर मुड़ सकती है। परिवहन निगम छोटी बसें लगाए तो मोड़ने में मुश्किल नहीं होगी। दूसरा सुझाव यह है कि वाया रैत-मच्छयाल-सलोल होकर कुछ बस रूट सुबह, शाम और दिन में लंज-नगरोटा सूरियां तक बहाल किए जाएं।
क्या कहते हैं अधिकारी व जनप्रतिनिधि
यहां पर डंगे के निर्माण के लिए टेंडर लगा दिया है। फंड की कुछ कमी है जिसके लिए विभाग के उच्च अधिकारियों व उपायुक्त से पत्राचार किया है। जहां तक प्रश्न यहां से बड़े वाहनों के जबरदस्ती वाहन निकालने को लेकर है तो यहां पर पत्थर रखकर मार्ग को और तंग कर दिया है ताकि बड़े वाहन यहां से न निकल सकें। अब केवल छोटे वाहन ही बड़ी मुश्किल से यहां से निकल पाएंगे। लगभग एक माह के अंदर डंगा लगाने का कार्य पूरा होगा।
-अनुराग, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग लंज।
परिवहन निगम ने क्षेत्र के लोगों की सुविधा को लेकर सरकारी बसों की आवाजाही क्षतिग्रस्त मार्ग तक दोनों तरफ शुरू की है। हालांकि यह सुविधा मंगलवार से ही शुरू की गई थी, लेकिन बुधवार को बस नहीं जा सकी है। वीरवार से निगम की दो बसें दोनों तरफ यात्रियों की सुविधा को लेकर सुचारू रूप से चलाई जाएंगी।
-अजय वर्मा, उपाध्यक्ष, हिमाचल पथ परिवहन निगम।
यह भी पढ़ें- हिमाचल में दरकते पहाड़ व बादल फटने से बिजली परियोजनाएं खतरे में, ...तो विद्युत उत्पादन पर पड़ेगा असर
यह भी पढ़ें- Chamba Ramlila: 40 साल से दशरथ का किरदार निभाते अमरेश ने मंच पर छोड़ दी देह, रामकाज चालू रखने पर समिति ने लिया निर्णय
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।