Himachal: बिजली बोर्ड डायरेक्टर ने सरकारी रेस्ट हाउस बना लिया निजी बंगला, सबसिडी भी ले रहा, कर्मचारी यूनियन ने खोला मोर्चा
himachal Pradesh News हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड एंप्लाइज यूनियन ने बोर्ड के एक डायरेक्टर पर सरकारी रेस्ट हाउस को निजी निवास में बदलने का आरोप लगाया है। यूनियन ने अधिकारी को निलंबित करने और खर्च की वसूली की मांग की है। आरोप है कि अधिकारी वेतन के साथ हाउस रेंट भी ले रहा है और लाखों का फर्नीचर खरीदा गया।

जागरण संवाददाता, हमीरपुर। Himachal Pradesh News, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड एंप्लायज यूनियन ने बोर्ड के एक डायरेक्टर पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें तुरंत निलंबित करने और रेस्ट हाउस में हुए खर्च की वसूली की मांग की है। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने हमीरपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि उक्त अधिकारी वर्षों से बोर्ड के रेस्ट हाउस को निजी निवास की तरह उपयोग कर रहा है और वेतन के साथ-साथ हाउस रेंट भी ले रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि उक्त स्थान पर लाखों रुपये का महंगा फर्नीचर खरीदा गया है, जो सरकारी धन की बर्बादी है। खरवाड़ा ने कहा कि सरकार ने क्लास-वन अधिकारियों के लिए बिजली सब्सिडी बंद कर दी है, लेकिन यह अधिकारी अब भी उसका लाभ ले रहा है।
यूनियन पदाधिकारियों द्वारा जब ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया जाता है, तो उन्हें दबाने के लिए नोटिस भेजे जाते हैं। यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि वर्षों से बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है और कर्मचारियों की पदोन्नतियां रोक दी गई हैं।
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पहुंच रखने वालों के ही बिल पास हो रहे
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए आज तक कोई स्पष्ट नीति नहीं बनी, जिससे वे असुरक्षा की स्थिति में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे ठेकेदारों की पिछले तीन वर्षों से भुगतान लटका पड़ा है, जिससे कई ठेकेदार काम छोड़ चुके हैं। वहीं, पहुंच रखने वालों के बिल प्राथमिकता से पास हो जाते हैं।
कार्यप्रणाली में भारी पक्षपात
बोर्ड की कार्यप्रणाली में भारी पक्षपात है, जिससे ईमानदार कर्मचारी और ठेकेदार दोनों प्रभावित हो रहे हैं। यूनियन की एक्शन कमेटी ने इन सभी मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाया है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।
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