13 पंचायतों को मिल रही महज एक-एक घंटा बिजली
चंबा जिला के जनजातीय विकास खंड पांगी में बिजली की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
कृष्ण चंद राणा, पांगी
चंबा जिला के जनजातीय विकास खंड पांगी में बिजली की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मांग के मुताबिक उत्पादन न होने के कारण घंटों कट का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान समय में महज किलाड़ स्थित पावर हाउस की एक मशीन, पुरथी व सुराल पावर प्रोजेक्ट में विद्युत उत्पादन हो रहा है। सुराल व पुरथी में करीब 50-50 किलोवाट उत्पादन हो रहा है, जबकि किलाड़ में 100 किलोवाट उत्पादन हो रहा है। जबकि मांग करीब दो मेगावाट की है। वहीं 900 किलोवाट का साच पावरहाउस का चैनल टूटने के कारण उत्पादन बंद पड़ा हुआ है।
आलम यह है कि वर्तमान समय में घाटी की 19 में से 13 पंचायतों को दिन में महज एक-एक घंटा बिजली नसीब हो रही है। साच घराट और किलाड़ पावर हाउस में खराबी आते ही महीनों अंधेरे में रहना पड़ता है। पांगी में सरकार की ओर से 10 कंपनियों को मिनी हाइडल प्रोजेक्ट बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है लेकिन कार्य एक पर भी शुरू नहीं हुआ है। बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक इन प्रोजेक्ट का आम आदमी को कोई लाभ नहीं है, क्योंकि कंपनियां तो बिजली पांगी से बाहर बेचेंगी। पांगी में बोर्ड के माध्यम से पांच मेगावाट के माइक्रो हाइडल प्रोजेक्ट का निर्माण करवाया जाना चाहिए। वर्तमान समय में आलम यह है कि पांगी के लोगों को आजादी से पहले जैसा जीवनयापन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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लोग उस समय की परिस्थितियों के हिसाब से अपना जीवनयापन करने के लिए तैयार रहते थे। सरकारी योजनाएं और सुविधाएं जब से मिलनी शुरू हुई, तब से लोगों ने अपने जीवन में बदलाव करना शुरू किया। बिजली की मांग बढ़ती जा रही है, लेकिन उत्पादन कम हो रहा है।
-देशराज, पूर्व उपाध्यक्ष पंचायत समिति पांगी।
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यदि सरकार और विद्युत बोर्ड चाहता तो पांगी के सैचुनाला, धरवास नाला, कुमार नाला, अजोग नाला, कुलाल नाला, फिडपार नाला में मिनी हाइडल प्रोजेक्ट बनाकर 20 से 30 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
-इंद्र प्रकाश, अध्यक्ष पांगी फर्स्ट पंगवाल फर्स्ट।
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पांगी में एचपीपीसीएल के माध्यम से पांच पावर हाउस बनाने की सरकार की योजना अधर में लटकी हुई है। इसके साथ फिडपार नाला, सैचुनाला तथा कुलाल नाले पर हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड कारपोरेशन ने सर्वे किए जो अभी तक सिरे नहीं चढ़े हैं। पांगी विधानसभा क्षेत्र और लोकसभा क्षेत्र अलग-अलग होने से कोई भी यहां की समस्याओं को प्राथमिकता नहीं देता है।
-सतीश शर्मा, उपप्रधान एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता पांगी।
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पांगी में सरकार ने कोई नया पावर हाउस तो बनाया नहीं, पुराने जो बने हुए हैं, वे दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि पांगी में बालन के साथ जागनी (तेलयुक्त लकड़ी) का डिपो भी खोल दे, ताकि लोग उसको खरीद कर रात को जला कर रोशनी कर सकें। वर्ष 2003 में पांगी के हिलोर, साहली सेचु और हिलुटवां में हिमउर्जा द्वारा बनाए बिजली घराट सरकार ने बंद कर दिए।
-राज कुमार, निवासी पांगी।
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पांगी में 10 मिनी हाइडल प्रोजेक्ट अलग-अलग लोगों और कंपनियों को दिए गए हैं। विधायक जिया लाल कपूर ने इसका मुद्दा विधानसभा में उठाया था। मुख्यमंत्री ने सभी कंपनियों को काम शुरू करने के आदेश दिए हैं। मई-जून तक मुख्यमंत्री का पांगी दौरा करवाएंगे। उस दौरान किलाड़ (महलु नाला) दूसरे स्टेज का शिलान्यास मुख्यमंत्री से करवाएंगे।
-हाकम सिंह राणा, मंडल अध्यक्ष भाजपा पांगी।
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पांगी में मिनी हाइडल प्रोजेक्ट और महलु नाला स्टेज-टू का निर्माण करने का कोई प्रपोजल विद्युत बोर्ड ने सरकार को नहीं भेजा है। जेनरेशन विग ने अगर कोई भेजी होगी, इसकी जानकारी नहीं है। किलाड़ थ्रियोट 33केवी लाइन बिछाने की प्रपोजल बनाया जा रहा है। इसे जल्द सरकार को भेजा जाएगा।
-रुमेल सिंह, अधीक्षण अभियंता डलहौजी (चंबा)।