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    सोनीपत में धान रोपाई के बाद किसान परेशान, कागजों में 17 हजार एमटी यूरिया मगर मिल कुछ नहीं रहा

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 11:16 AM (IST)

    सोनीपत जिले में धान की रोपाई के बाद यूरिया खाद का संकट गहरा गया है। किसान खाद के लिए भटक रहे हैं जबकि सरकारी दुकानों में खाद उपलब्ध नहीं है। कृषि विभाग के अनुसार खाद की उपलब्धता है लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। किसानों ने प्रशासन से जल्द स्थिति सुधारने की मांग की है ताकि फसल बर्बाद होने से बच सके।

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    कागजों में 17 हजार एमटी यूरिया, किसानों के हाथ खाली

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। जिले में धान की रोपाई के बाद यूरिया का संकट गहरा गया है। कृषि विभाग के रजिस्टरों मेंं भले ही 17 हजार मीट्रिक टन यूरिया की उपलब्धता हो लेकिन किसान यूरिया के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। खाद की सरकारी दुकानों, कोआपरेटिव सोसायटियों व प्राइवेट डीलरों के पास यूरिया नहीं है। वहीं विभाग आंकड़ाें की खानापूर्ति करने में लगा है।

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    22 हजार मीट्रिक टन खाद वितरित

    कृषि विभाग के कर्मचारी ने बताया कि जिले में खाद की सरकारी दुकानों और कोआपरेटिव सोसायटियों में 17 हजार मीट्रिक टन यूरिया, 1422 मीट्रिक टन डीएपी और 1792 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध दिखाई जा रही है। वहीं पूरे खरीफ सीजन में 49 हजार मीट्रिक टन यूरिया की मांग के मुकाबले अब तक 22 हजार मीट्रिक टन खाद वितरित की जा चुकी है।

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    क भी बैग यूरिया नहीं मिल पा रहा

    इसी प्रकार डीएपी की 11 हजार मीट्रिक टन मांग पर 6700 मीट्रिक टन ही किसानों को मिला है। जिले में खाद-बीज की कुल 34 सरकारी दुकानें हैं, फिर भी अधिकतर दुकानों और सोसायटियों में खाद का स्टाक न के बराबर है। गांव मलिकपुर, जैनपुर-टिकौला और मुरथल की कोऑपरेटिव सोसायटीज में किसानों को एक भी बैग यूरिया नहीं मिल पा रहा है।

    किसान अनिल त्यागी, राजबीर व अन्य ने बताया कि वे पानीपत तक यूरिया की तलाश में जा चुके हैं, लेकिन वहां भी खाली हाथ लौटना पड़ा।

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    किसानों की बढ़ी चिंता

    खाद की किल्लत ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। यूरिया और डीएपी के बिना धान की फसल बर्बाद होने की आशंका जताई जा रही है। किसानों का कहना है कि यदि समय पर खाद उपलब्ध नहीं कराई गई तो उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा और इसकी भरपाई करना कठिन होगा। किसानों ने प्रशासन से जल्द स्थिति सुधारने की मांग की है।

    किसानों के सवालों का अधिकारियों के पास क्या है जवाब?

    ''यूरिया के लिए बार-बार दुकानों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन खाद उपलब्ध नहीं हो रहा है। इन दिनों खाद की जरूरत है, विभाग के समय पर खाद उपलब्ध कराना चाहिए।''

    - अमित कुमार, किसान, खानपुर कलां

    ''10 एकड़ में धान की फसल लगाई हुई है। समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं होने से परेशानी हो रही है। यदि समय पर खाद नहीं मिला तो पैदावार में कमी आएगी। विभाग समय पर खाद का बंदोबस्त करे।''

    - दीपक शर्मा, किसान, चिटाना

    ''झज्जर में डीएपी का रैक पहुंच चुका है, जिसमें से सोनीपत को 100 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराई जाएगी। यूरिया का रैक भी जल्द लगने की उम्मीद है। मौसम की अनिश्चितता और धान की रोपाई में तेजी आने के कारण मांग अचानक बढ़ी है, जिससे अस्थायी संकट उत्पन्न हुआ है, लेकिन शीघ्र ही स्थिति को नियंत्रित कर लिया जाएगा।''

    - डाॅ. पवन कुमार, डीडीए

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