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    सरकारी कर्मचारियों से भी मंथली लेता था DC का PA, ACB ने दो कंप्यूटर ऑपरेटर को किया गिरफ्तार

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 09:54 PM (IST)

    सोनीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो ने रिश्वतखोरी के आरोप में दो कंप्यूटर ऑपरेटरों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये ऑपरेटर डीसी के पीए के खाते में हर महीने रिश्वत की रकम जमा करते थे। ये ऑपरेटर कर्मचारियों के तबादले और पोस्टिंग के लिए रिश्वत लेते थे। एसीबी अब उनसे पूछताछ कर रही है कि उन्होंने किन कर्मचारियों से रिश्वत वसूली थी।

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    आरोपितों को कोर्ट में पेशी के बाद लेकर जाते एसीबी के अधिकारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, सोनीपत। रिश्वत लेने का आरोपित डीसी का पीए सरकारी कर्मचारियों से भी हर महीने रिश्वत की राशि लेता था। एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच के बाद दो कम्प्यूटर आपरेटरों को गिरफ्तार किया है। आरोपित अनूप व राजेश डीसी के पीए को हर महीने 10 व 15 हजार रुपये की राशि उसके बैंक खाते में ट्रांसफर करते थे।

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    दोनों आरोपित पीए के खाते में 30 महीने में 36 बार में छह लाख रुपये की राशि भेज चुके थे।दोनों आरोपित कर्मचारियों के तबादले व पोस्टिंग करवाते थे, वे ही अन्य कर्मचारियों से रिश्वत लेकर आरोपित के खाते में भेजते थे।

    गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम ने दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को एक दिन के रिमांड पर एसीबी को सौंप दिया। एसीबी की टीम अन्य कई कर्मचारियोंं से पूछताछ कर रही है।

    एडीसी कार्यालय में क्लर्क के पद पर कार्यरत शिकायतकर्ता ने दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि उसका स्थानान्तरण कई बार अलग-अलग कार्यालयों में किया गया। अब उसका स्थानान्तरण उपायुक्त कार्यालय सोनीपत से अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय में कर दिया गया।

    इस बारे में उन्होंने उपायुक्त के पीए शशांक से अनुरोध किया गया, जिसने राई उपतहसील में आरसी के पद पर लगाने की एवज में पांच लाख रुपये की मांग की गई। इस पर उसने शशांक को 1.50 लाख रुपये दे दिए।जब उसे तबादले की बात कही तो आरोपित ने उससे बकाया रकम मांगी।

    शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि डीआइटीएस के कंप्यूटर आपरेटर अनूप सिंह और राजेश कर्मचारियों की पोस्टिंग व ट्रांसफर करवाने की एवज में रिश्वत की राशि वसूल कर आरोपित शशांक को देते थे।

    इस पर एसीबी टीम ने उपायुक्त के पीए शशांक को शिकायतकर्ता से 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते उपायुक्त कार्यालय से 20 जून को गिरफ्तार किया था। वहीं आरोपित के मकान से 5.75 लाख रुपये की राशि भी बरामद की थी।

    दोनों ऑपरेटर करते थे उगाही

    एसीबी ने अपनी जांच में पाया कि डीसी आफिस के कम्पयूटर आपरेटर अनूप सिंह व एसडीएम कार्यालय सोनीपत के कम्पयूटर आपरेटर राजेश हर महीने आरोपित शशांक के बैंक खाते में रिश्वत की राशि ट्रांसफर करते हैं।

    अनूप सिंह 20 बार में 10,000 व 15,000 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 3,13,000 रुपये व राजेश 16 बार में मंथली के रूप में 2,87,000 ट्रांसफर कर चुके हैं।

    एसीबी पूछेगी, किस-किस से वसूली थी रिश्वत

    एसीबी के जांच अधिकारी ने आरोपित अनूप व राजेश को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। वहां पर दोनों का एक दिन का रिमांड मांगा गया ताकि यह पूछा जा सके कि जो राशि मंथली के रूप में पीए के खाते में दी जाती थी।

    वह किस कर्मचारी से पोस्टिंग या ट्रांसफर की एवज में वसूली जाती थी। कोर्ट ने दोनों को एक दिन के रिमांड पर एसीबी को सौंप दिया। बुधवार शाम को दोनों को दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।

    पांच-सात कर्मचारी रडार पर

    एसीबी के अधिकारियों ने कोर्ट में बताया कि डीसी आफिस के पांच से सात कर्मचारियों की संलिप्ता के साक्ष्य मिले हैं। इन सभी कर्मचारियों से अभी पूछताछ की जानी है लेकिन इनमें से कई कर्मचारी भूमिगत हैं। ये किसी न किसी बहाने से छुट्टी लेकर फरार हैं। एसीबी की टीम जल्द ही इनसे पूछताछ करेगी।

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