Kisan Andolan: दिल्ली-हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर रास्ता खोलने को लेकर गांव-गांव से मिल रहा समर्थन
आसपास के ग्रामीण जीटी रोड का एक लेन खोलने की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच की इस मुहिम को गांव-गांव में समर्थन मिल रहा है। रास्ता खोलने की मांग को लेकर एक सप्ताह पहले महापंचायत के बाद मंच के सदस्य लगातार गांवों में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के कारण पिछले सात महीने से कुंडली बॉर्डर पर जीटी रोड बंद है। इसके कारण क्षेत्र के लोगों को दिल्ली आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। इसे देखते हुए आसपास के ग्रामीण अब जीटी रोड का एक लेन खोलने की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच की इस मुहिम को गांव-गांव में समर्थन मिल रहा है। रास्ता खोलने की मांग को लेकर एक सप्ताह पहले हुई महापंचायत के बाद मंच के सदस्य लगातार गांवों में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।
मंच के सदस्य सोमवार को गांव अटेरना, मनौली, सेरसा आदि गांवों में जाकर एक तरफ का रास्ता खोलने के लिए लोगों से समर्थन मांग रहे हैं। मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल ने कहा, सात माह से रोड बंद होने के कारण क्षेत्र के लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। वे लोग किसी का विरोध नहीं कर रहे हैं, केवल अपनी समस्या को लेकर आवाज उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बढ़ते जनसमर्थन और सरकार व आंदोलनकारियों पर दबाव बनाकर ही एक तरफ का रास्ता खोला जा सकता है। कुछ लोग इसे राजनीति प्रेरित एवं किसान विरोधी होने की अफवाह फैला रहे हैं, जबकि वे आंदोलन के विरोध में नहीं है। हमें तो बस एक तरफ का रास्ता चाहिए, ताकि दिल्ली आवागमन सुगम हो सके और क्षेत्र के लोगों की रोजी-रोटी चल सके, क्योंकि पिछले सात महीने से रोड बंद होने के कारण क्षेत्र के लोग बेरोजगार हो रहे हैं।
अभियान के दौरान ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द रास्ता नहीं खुला तो यहां बड़ा और उग्र आंदोलन भी हो सकता है। क्योंकि उनकी स्थिति तो खराब हो ही रही है, बच्चों का भविष्य भी खराब हो रहा है। इसको लेकर एक दिन पहले कुंडली गांव में पंचायत का भी आयोजन किया गया था। पंचायत में संपूर्ण स्वच्छता समिति, बिल्डिंग मैटेरियल एसोसिएशन, कुंडली एवं दादा भैया कुंडली कमेटी ने रास्ता खोलने की मांग का समर्थन किया।
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