'टायलेट : एक प्रेम कथा' फेम भूमि पेडनेकर की मां के लोन लेकर उन्हें बनाया था स्टार
अभिनेत्री भूमि पेडनेकर का हरियाणा के रोहतक से गहरा नाता है। आसन गांव में भूमि की ननिहाल है। भूमि की मां ने बताया कि कैसे भूमि इस मुकाम तक पहुंची। ...और पढ़ें

रोहतक, [अरुण शर्मा]। फिल्म 'टायलेट : एक प्रेम कथा' में अपने सहज अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज कर रही अभिनेत्री भूमि पेडनेकर का हरियाणा के रोहतक से गहरा नाता है। आसन गांव में भूमि की ननिहाल है। भूमि को अभिनय के गुर अपनी मां से ही मिले हैं। उनकी मां सुमित्रा हुड्डा ने पांच लाख का लोन लेकर हरियाणवी फिल्म बहूरानी बनाई थी जो काफी हिट रही थी। मां के संघर्ष के कारण ही बेटियों ने माया नगरी में मुकाम पाया है।
फोन पर बातचीत में सुमित्रा हुड्डा ने बताया कि यदि उसकी फिल्म बहूरानी सफल नहीं होती तो मायानगरी तक का सफर तय करना मुश्किल होता। वहीं, हरियाणवी फिल्म में सुमित्रा के साथ काम कर चुके रघुवेंद्र मलिक कहते हैं कि हरियाणा की माटी के संस्कारों के साथ सुमित्रा और उनकी बेटियां जी रही हैं।
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मंत्री धनखड़ ने की तारीफ
परिवेदना समिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे कृषि मंत्री ओपी धनखड़ ने स्वच्छता पर आधारित फिल्म की तारीफ की। उसी दौरान बताया गया कि फिल्म की अभिनेत्री भूमि रोहतक से ही हैं तो वह बेहद खुश हुए। सभी को खड़े होकर हरियाणा की बेटी के लिए तालियां बजाने को कहा। मंत्री सहित सभी सम्मान में खड़े हो गए।
पति की कैंसर से मौत, इसलिए बनीं एंटी तंबाकू एक्टिविस्ट
सुमित्रा की 1987 में महाराष्ट्र के रहने वाले सतीश पेडनेकर से शादी हुई थी। इनके पति राज्य सरकार में गृहमंत्री थे। हालांकि 2011 में कैंसर के कारण उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद सुमित्रा एंटी तंबाकू एक्टीविस्ट बन गईं। दोनों बेटियां भी अपनी मां का साथ देती हैं।
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फिल्म के एक दृश्य में अभिनेत्री भूमि पेडनेकर।
सुमित्रा से फोन पर हुई बातचीत के अंश
सवाल : बेटी की कामयाबी पर कैसा महसूस कर रही हैं?
सुमित्रा : बेटी की कामयाबी पर काफी गर्व हो रहा है। मेरे मायके आसन गांव के अलावा मेरे एक भाई कुलदीप जयपुर रहते हैं। परिवार के साथ ही रिश्तेदारों व हजारों लोगों की शुभकामनाएं आ रही हैं।
सवाल : बेटी को फिल्मों में मौका कैसे मिला?
सुमित्रा : मेरी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी भूमि बीकॉम कर चुकी हैं, जबकि छोटी बेटी सोनीपत से लॉ कर रही है। 11वीं में पढ़ाई के दौरान ही भूमि यशराज फिल्म कंपनी से जुड़ गई। वहां काङ्क्षस्टग डायरेक्टर थी। उसी दौरान दम लगा के हईशा फिल्म के लिए भूमि चयन किया गया और उसे फिल्मों में अभिनय का मौका मिला।
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सवाल : आपने भी अभिनय किया, क्या बेटी को आपने भी मूलमंत्र दिए?
सुमित्रा : मेरी पहली हरियाणवी फिल्म बहूरानी 1983 में तैयार हुई और 1984 में रिलीज हुई। मैंने यह फिल्म अपने बड़े भाई प्रदीप हुड्डा के साथ तैयार की थी। इसके लिए पांच लाख रुपये का लोन लिया, लेकिन महज 3.50 लाख रुपये ही हमें मिल सके। फिर भी फिल्म तैयार की। मेरा लीड रोल था। इसके बाद 1985 में हरियाणवी फिल्म सांझी का निर्माण किया। परिवार का माहौल भी मायने रखता है। यही कारण रहा कि बेटी का भी रूझान फिल्मों में रहा।
सवाल : आप हरियाणा से हैं तो आपकी बेटी को खानपान कैसा सुहाता है?
सुमित्रा : हमारी गर्मियों की छुट्टियां अक्सर आसन गांव में ही बीतती थीं। पिता रिटायर मेजर दयाचंद के यहां बच्चों के साथ पहुंच जाती। भूमि को सबसे ज्यादा रबड़ी पसंद है। इसके अलावा वह सुहाली, सफेद मक्खन, मिस्सी रोटी, बाजरे की खिचड़ी, कढ़ी आदि भी बेहद चाव से खाती है।

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