रेवाड़ी में मात्र छह माह में 5372 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा, बंदर और सांप के काटने के मामले भी बढ़े
रेवाड़ी जिले में कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है। इस वर्ष छह महीने में 5372 लोग कुत्तों के काटने के बाद रेबीज का टीका लगवाने अस्पताल पहुंचे। इसके अलावा बिल ...और पढ़ें

ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी। जिले में कुत्तों का आतंक किस कदर फैला हुआ है इसकी गंभीरता प्रशासन को नहीं है। आए दिन कोई न कोई नागरिक कुत्तों के आतंक का शिकार हो रहा है। जिले में इस साल छह माह के दौरान जिला मुख्यालय के नागरिक अस्पताल में ही 5,372 लोग कुत्तों के काटने से रेबीज का टीका लगवाने पहुंचे हैं।
इसके अलावा ग्रामीण और अन्य क्षेत्रों में आने वाले मामले अलग हैं। इन छह माह के दौरान कुत्तों के साथ बिल्ली, बंदर और सांप के काटने के भी मामले बढ़े हैं। इसके बावजूद प्रशासन इनपर अंकुश लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
झूंड में आकर कर रहे हमला
शहर के हर गली मोहल्ले में कुत्तों का आतंक बना हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा वहां परेशानियां ज्यादा हो रही हैं जहां लोग राह चलते हुए बिस्कुट, दूध और अन्य खाद्य सामग्री खिलाते हैं। इसके चलते कई बार झूंड में आकर एक दूसरे को हमला करने के साथ लोगों को भी जख्मी करते हैं।
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वर्षा के दिनों में बढ़े सांप डंसने के मामले
जिले में कुत्तों, बंदरों के साथ सांप के काटने के मामले भी लोगों की परेशानियों का सबब बने हैं। यह अधिकांश उन स्थानों पर ज्यादा मिल रहे हैं जहां खाली प्लाट और पार्कों में उगी हुईं बड़ी झाड़ियां अधिक हैं।
लंबे समय से खाली प्लाॅट की देखभाल नहीं होने से बड़ी झाड़ियों और बिल में से सांप निकलते हैं। वर्षा के दिनों में इनके शिकार का लोगों को सामना करना पड़ता है। प्रशासन की ओर से इनकी साफ सफाई नहीं कराने और खाली प्लाॅट के मालिकों पर कार्रवाई नहीं करने के कारण साथ में रहने वालों के लिए परेशानियों का सबब बने हुए हैं।
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2025 में छह माह में आए इतने मामले
| माह | कुत्तों के शिकार | बिल्ली के काटने के मामले | बंदर के मामले | सांप काटने के मामले | ||
| जून | 804 | 9 | 21 | 33 | ||
| मई | 879 | 17 | 13 | 21 | ||
| अप्रैल | 905 | 8 | 11 | 18 | ||
| मार्च | 912 | 15 | 24 | 6 | ||
| फरवरी | 975 | 9 | 8 | - | ||
| जनवरी | 897 | 12 | 7 | - |
टीकाकरण जरूर कराएं
किसी भी प्रकार के कुत्ते या जानवर के काटने पर 24 घंटे के अंदर एंटीरेबीज टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। इससे पहले काटे हुए घाव को छूने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए। घाव वाली जगह को साबुन और गर्म पानी से लगभग पांच मिनट तक साफ करना चाहिए। धूल और कुत्ते की लार हटाएं। इसके बाद घाव वाली जगह से साबुन हटाने के लिए लगभग तीन मिनट तक अच्छी तरह धोना चाहिए।
उचित कदम उठाने का आग्रह
''पिछले सालों की तुलना में इस बार एंटीरेबीज के टीकों की मांग ज्यादा बढ़ गई है। इसका प्रमुख कारण कुत्तों, बंदरों का हमला है। ऐसे में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। नगर निकाय और अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को उचित कदम उठाने के लिए आग्रह किया जा रहा है। आमजन से भी सावधानी बरतने के लिए अपील कर रहे हैं। किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें।''
-डाॅ. भंवर सिंह, उपसिविल सर्जन
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