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    आवारा कुत्ते के काटने के 25 दिन बाद सात वर्षीय बच्ची की मौत, एंटी रेबीज इंजेक्शन के तीसरे डोज से पहले बिगड़ी तबीयत

    Updated: Sat, 26 Jul 2025 05:05 PM (IST)

    बाहरी दिल्ली के पूठकलां में एक सात वर्षीय बच्ची की आवारा कुत्ते के काटने के 25 दिन बाद मौत हो गई। उसे 30 जून को कुत्ते ने काटा था जिसके बाद उसे एंटी-रेबीज इंजेक्शन दिया गया था। इलाज में लापरवाही के आरोपों के बीच बच्ची की हालत बिगड़ती गई और अंततः उसकी जान चली गई। यह घटना आवारा कुत्तों के खतरे और स्वास्थ्य सेवाओं की कमियों को उजागर करती है।

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    30 जून को बच्ची को एक आवारा कुत्ते ने हाथ और पैर में चार जगहों पर काट लिया था।

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। पूठकलां में एक साथ वर्षीय बच्ची को कुत्ते के काटने के 25 दिन बाद मौत हो गई। कुत्ते ने बच्ची के हाथ व पैर में चार जगहों पर काटा था। इस घटना के तुरंत बाद ही पीड़ित परिवार घायल बच्ची को रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के बाद एंटी रेबीज इंजेक्शन भी लगवाया। एंटी रेबीज का तीसरा इंजेक्शन लगवाने से पहले बच्ची को तेज बुखार और पानी तक निगलना मुश्किल हो गया।

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    डाॅक्टर ने रेबीज की पुष्टि नहीं की

    हालत बिगड़ने पर पीड़ित परिवार ने बच्ची को रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल लेकर गए। जहां से कई अस्पतालों में रेफर के बाद आखिरकार एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। डाक्टर ने मौत का कारण दिमाग में इंफेक्शन बताया है। पीड़ित परिवार ने आशंका जाहिर की कि डाॅक्टर जिस इंफेक्शन की बात कर रहे हैं, वह कुत्तों के काटने से भी हो सकता है। हालांकि डाक्टर ने रेबीज की पुष्टि नहीं की है।

    अवारा कुत्ते ने हमला कर दिया

    जानकारी के मुताबिक, सतीश शर्मा अपनी पत्नी मंजू शर्मा, दो बेटे विशाल, मनीष, बेटी अंजलि शर्मा और एक गोद ली हुई बेटी छवि शर्मा के साथ पूठकलां स्थित एक किराये के मकान में रहते हैं। सतीश मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के सैफाबाद गांव के रहने वाले हैं। दिल्ली फर्नीचर बनाने का काम करते हैं। छवि पास के ही नगर निगम के स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा थी।

    छवि की अचानक तबीयत बिगड़ गई

    सतीश की बेटी अंजलि शर्मा ने बताया कि 30 जून को छवि पास के ही एक रिश्तेदार के यहां जा रही थी। तभी गली में पहले से खड़ा एक अवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया। इस दौरान उसके पैर और हाथ में चार जगहों पर काट लिया। तुरंत रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के बाद डाक्टर ने छवि को एंटी रेबीज का पहला डोज लगा दिया। इसके कुछ दिनों बाद दूसरा टीका भी लग गया। 28 जुलाई को तीसरा टीका लगना था। इससे पहले 23 जुलाई को स्कूल में छवि की अचानक तबीयत बिगड़ गई।

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    26 जुलाई तड़के बच्ची ने दम तोड़ दिया

    स्कूल से फोन आने पर वह छवि को स्कूल से लाकर रोहिणी के अंबेडकर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डाक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए, छवि को आरएमएल अस्पताल लेकर गए। पीड़ित परिवार ने बताया कि यहां बेड न होने की वजह से बच्ची को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के बाद डाक्टर ने 24 जुलाई की शाम छुट्टी दे दी। फिर वे छवि को घर लेकर आ गए। इसी दिन रात में फिर से तबीयत बिगड़ने पर पुष्पांजलि एन्क्लेव स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां 26 जुलाई तड़के बच्ची ने दम तोड़ दिया।

    गले से नहीं निगला जा रहा था पानी

    पीड़ित परिवार ने बताया कई अस्पतालों में इलाज के लिए गए, लेकिन छवि की तबीयत बिगड़ती ही चली गई। इस दौरान बुखार भी कम नहीं हुआ। और नहीं गले से कुछ निगला ही जा रहा था। कुत्ते के काटने के बाद छवि बिल्कुल सही हो गई थी। लेकिन अचानक 23 तारीख जुलाई को तबीयत बिगड़ने के बाद तीन दिन में ही उसकी मौत हो गई। इतनी तेजी से तबीयत बिगड़ी कि उन्हें कुछ समझ में ही नहीं आया। पीड़ित परिवार ने आशंका जाहिर की है कि बच्ची के दिमाग में इंफेक्शन कुत्ते के काटने से ही हुआ हो। साथ ही रेबीज होने की भी आशंका जाहिर की है। लेकिन डाक्टरों ने इसकी पुष्टि नहीं की।

    निगम जिम्मेदारी निभाता तो नहीं जाती छवि की जान

    पीड़ित परिवार ने सुल्तानपुरी थाना पुलिस को दी शिकायत पत्र में लिखा है कि दिल्ली नगर निगम के संबंधित अधिकारी की लापरवाही की वजह से उनकी बेटी की मौत हुई है। क्षेत्र में काफी संख्या में आवारा कुत्ते घूम रहे हैं। समय रहते इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ित परिवार ने दिल्ली पुलिस से संबंधित अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में आवारा घूम रहे कुत्तों के लेकर कई बार स्थानीय निगम पार्षद समेत जोन में भी शिकायत की , लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

    चार कुत्तों ने चार वर्षीय बच्चे पर कर दिया था हमला

    अलीपुर इलाके में बीते बुधवार को आंगनबाड़ी से पढ़ाई कर घर लौट रहे चार वर्षीय बच्चे पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था। इस दौरान बच्चे के होंठ, गाल और आंख के पास चार जगहों पर काट लिया। आसपास मौजूद लोगों ने बच्चे को कुत्तों के चंगुल से बचाकर आनन-फानन में बच्चे को नरेला स्थित राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में भर्ती कराया। इसकी जानकारी मिलने पर नरेला निगम जोन के संबंधित कर्मचारियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर तीन कुत्तों को पकड़ा भी था।

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    चाचा-चाची का रो-रोकर बुरा हाल

    मृतका छवि शर्मा के जन्म के बाद ही उसकी मां की हो गई थी मौत हो गई थी। इसके बाद चाचा ने उसे गोद ले लिया था। उस समय छवि तीन महीने की थी। गोद लेने के बाद चाचा-चाची ने कानपुर देहात से बच्ची को दिल्ली स्थित पूठकलां लेकर आ गए थे।

    वह फिलहाल घर के पास ही नगर निगम के स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ रही थी। उसे रिश्तेदार के घर जाने के दौरान कुत्ते ने बुरी तरह से काट लिया था। बच्ची के मौत के बाद से चाचा-चाची का रो-रोकर बुरा हाल है।

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    एक नज़र आवारा कुत्तों के आक्रमण का

    बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने वर्ष 2023 में नसबंदी और टीकाकरण तेज करने के निर्देश दिए और साल 2025 में दिल्ली सरकार को पुनर्वास नीति बनाने को कहा। इन सबके बावजूद कुत्तों के काटने के मामले बढ़ गए हैं।

    नसबंदी कार्यक्रम धीमा है और आक्रामक कुत्तों पर नियंत्रण अपर्याप्त। वर्ष 2020-2022 में 44 हजार 444 मामले दर्ज हुए और 2018-2022 में रेबीज से 37 मौतें हुईं। तुगलक लेन (2024) में 18 महीने की बच्ची की मौत और वसंत कुंज (2023) में दो बच्चों की मौत का मामला भी काफी सूर्खियों में रहा था। इसी कड़ी में अब पूठकलां में एक सात वर्षीय बच्ची की मौत का मामला भी जुड़ गया है।

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