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    ढाई करोड़ की लागत से बनेगा बावल बिजली निगम का नया कार्यालय, खत्म होगी उपभोक्ताओं की भागदौड़

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 12:59 PM (IST)

    बावल में 1974 में बना पुराना बिजली निगम कार्यालय अब नए सिरे से ढाई करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और निर्माण कार्य शीघ ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    संवाद सहयोगी, बावल(रेवाड़ी)। वर्ष 1974 में बना हुआ बावल का पुराना बिजली निगम कार्यालय नए सिरे से बनेगा। करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से विद्युत निगम द्वारा सब-डिवीजन एवं सब-अर्बन डिवीजन के लिए शीघ्र ही नए कार्यालय एवं भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं।

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    वर्ष 1974 में बावल में निर्मित विद्युत विभाग भवन की हालात जर्जर होने के कारण पिछले दो वर्ष से आईएमटी बावल के सेक्टर नौ में अस्थायी कार्यालय चल रहा है। वर्तमान में आईएमटी बावल के सेक्टर सात स्थित विद्युत कार्यालय किराए के भवन में संचालित किया जा रहा है।

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    समय-समय पर उठती रही है मांग

    इस संदर्भ में बावल क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं सामाजिक व राजनीतिक संगठन द्वारा समय समय पर बावल के पुराने विद्युत भवन में ही नवनिर्माण करने की मांग उठाई जा रही थी। कार्य को अमली जामा पहनाने के लिए विभाग के उच्च अधिकारियों ने विद्युत विभाग की भूमि में ही ढाई करोड़ की लागत से नए भवन का निर्माण कार्य आरंभ कराने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

    दो मंजिला भवन में बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता और एसडीओ कार्यालय सहित संबंधित अन्य अधिकारी एक ही छत के नीचे कार्य करेंगे। इससे उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़ेगा।

    अस्थायी कार्यालय में कर रहे काम

    वर्तमान में आईएमटी की बावल के सेक्टर सात में बनाए गए अस्थायी विद्युत कार्यालय में एसडीओ संबंधित अधिकारियों के साथ कार्य कर रहे हैं। इसके साथ बावल क्षेत्र के बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता ओमेंद्र भारद्वाज दो माह से बावल के दूरसंचार विभाग कार्यालय के दूसरी मंजिल पर किराए के भवन में बैठकर बिजली निगम से संबंधित समस्याओं का निदान कर रहे हैं।

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    ऐसे में एसडीओ और कार्यकारी अधिकारी का अलग अलग कार्यालय होने के कारण उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नए भवन निर्माण के लिए बजट स्वीकृत होने से क्षेत्र के उपभोक्ताओं में उमीद जगी है। आने वाले दिनों में एक ही छत के नीचे कार्यकारी अभियंता और एसडीओ कार्यालय होने से उपभोक्ताओं का समय और आर्थिक बचत होगा।



    उच्च विभाग की ओर से नए भवन निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति मिल चुकी है। टेंडर प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। जल्द ही निर्माण प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। इससे क्षेत्र के हजारों बिजली उपभोक्ताओं के साथ निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी फायदा मिलेगा।

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    रविंद्र कुमार, एसडीओ बिजली निगम बावल।