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    Lockdown and Coronavirus: लॉकडाउन 2.0 में ढील के बाद घूमा उद्योगों का पहिया, अब टेक्‍सटाइल निर्यातकों को अवसर की तलाश

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 25 Apr 2020 09:41 AM (IST)

    लॉकडाउन के बीच में उद्योगों की छूट से काम शुरू हो गया है। वहीं कोरोना की मार के बीच अवसर टेक्सटाइल निर्यातक तलाश रहे। पानीपत से अमेरिका यूरोपियन देशों का आयात सबसे अधिक होता है।

    Lockdown and Coronavirus: लॉकडाउन 2.0 में ढील के बाद घूमा उद्योगों का पहिया, अब टेक्‍सटाइल निर्यातकों को अवसर की तलाश

    पानीपत, [महावीर गोयल]। लॉकडाउन 2.0 में ढील के बाद पानीपत के उद्योग का पहिया चलने लगा है। उद्योगों को गति पकडऩे में अभी समय लगेगा। कोरोना वायरस की मार के चलते लॉकडाउन से औद्योगिक क्षेत्र को जो नुकसान उठाना पड़ा है, उसकी भरपाई में काफी समय लगेगा। पानीपत के टेक्सटाइल निर्यातक इस मार से उबरने के लिए अवसर तलाश रहे हैं। 

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    निर्यातकों को इस समय सबसे अधिक उम्मीद यह दिख रही है कि आने वाले समय में अमेरिका और यूरोपियन देश चीन के स्थान पर भारत से आयात करेंगे। देश के कुल निर्यात में 50 फीसद टेक्सटाइल निर्यात इन देशों को होता है। इसमें पानीपत के प्रमुख हिस्सा है। लॉकडाउन 2.0 के बाद उद्योगों की चालू करने की कवायद शुरू हो चुकी है। 10-12 निर्यात उन्मूलक उद्योगों का चलाने की अनुमति मिल चुकी है। कई उद्योगों को आने वाले में समय में अनुमति की उम्मीद है।

    कम लेबर वाले उद्योग चलाने पर जोर 

    इस समय कम लेबर वाले उद्योगों को चलाने पर जोर दिया जा रहा है। पानीपत में 6000 लेबर तक काम करने वाले उद्योगों को ही अनुमति मिली है। इस कारण से सभी निर्यात यूनिट नहीं चल पा रहे हैं। जो निर्यात उद्योग चलेंगे उनके सामने भी लेबर की कमी समस्या रहेगी। साथ कार्टून, बॉक्स, पैङ्क्षकग और डाइंग धागा देने वाले सहायक यूनिटों के न चलने के कारण उद्योगों का पहिया गति नहीं पकड़ पाएगा।

    अधिक लेबर वाले 125 उद्योगों को नहीं मिली अनुमति 

    330 में से 125 उद्योगों का फॉर्म रद्द कर दिया गया है। अधिक श्रमिक होने के कारण इन्हें अनुमति नहीं मिल पाई। 

    यह कहना है निर्यातकों का

    टेक्सटाइल निर्यात रमन छाबड़ा का कहना है कि संकट के इस दौर में टेक्सटाइल निर्यात में संभावनाएं अच्छी हैं। सरकार सूझबूझ से काम कर रही है। बीमारी की चेन तोडऩे के लिए ही सभी उद्योगों का एक साथ चालू नहीं किया जा रहा है। निर्यात उद्योग भी तभी गति पकड़ पाएंगे जब सप्लाई चेन चल पाएगी। पूरी लेबर मिलने पर ही उद्योग चल सकता है। कम लेबर से काम पूरा नहीं चल पाएगा। दूसरे देश चीन से दूरी बनाना चाहते हैं। इसीलिए यह पानीपत के उद्योगों को लिए वरदान साबित हो सकता है। अमेरिका यूरोपियन देशों से रोजाना कोई न कोई मेल आ रही है जिसमें पूछा जा रहा है कि यह प्रॉडक्ट हम चीन से खरीद रहे हैं क्या पानीपत में मिल सकता है। 

    अनुमति मिलने की स्थिति 

    अब तक पोर्टल पर आवेदन जमा  : 440 

    रद किए गए                 : 300

    अनुमति मिली                : 76

    श्रमिक काम करेंगे             : 6194

    कई उद्योगों ने चार-चार बार फार्म भरे हैं। कुछ उद्योग एमसी, इंडस्ट्रियल अथवा ग्रामीण जोन में शामिल नहीं है। जिस कारण उन्हें अनुमति नहीं मिल पाई है। देर रात तक अनुमति जारी करने का काम रहेगा। कुछ और उद्योगों को अनुमति मिल सकती हैं।

    -क्षितिज कपूर, सहायक निदेशक, जिला उद्योग केंद्र, पानीपत।

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