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Nikita Tomar Murder Case: हरियाणा के निकिता तोमर हत्याकांड में आरोपित की दोबारा जांच की याचिका HC ने खारिज की

Nikita Tomar Murder Case पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फरीदाबाद के निकिता हत्‍याकांउ के आरोपित की याचिका खारिज कर दी है। हत्‍याकांड के आरोपित ने पूरे मामले की फिर से जांच कराने की याचिका दायर की थी।

By Sunil kumar jhaEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 04:39 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:11 PM (IST)
Nikita Tomar Murder Case: हरियाणा के निकिता तोमर हत्याकांड में आरोपित की  दोबारा जांच की याचिका HC ने खारिज की
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट और निकिता तोमर की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। Nikita Tomar Murder Case: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने फरीदाबाद के निकिता तोमर हत्याकांड के मुख्य आरोपित तोहसिफ को झटका दिया है। हाई कोर्ट ने आरोपित तोहसिफ की मामले की दोबारा निष्पक्ष जांच की मांग की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी है। हाई कोर्ट के जस्टिस सुदीप आहुलवालिया ने इस मामले में सुरक्षित रखे फैसले को सुनाते हुए यह आदेश जारी किया।

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तोहसिफ ने धार्मिक पूर्वाग्रह के चलते उसे फंसाने का आरोप लगाया, मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी

कोर्ट ने कि याचिका कर्ता आरोपित तोहसिफ के इस आरोप को नकार दिया कि राजनीतिक नेताओं, मीडिया और पंचायत के दबाव के कारण पुलिस ने जांच की। तोहसिफ ने याचिका में कहा था कि दबाव के कारण पुलिस ने पूरी तरह से त्वरित और पूर्व-निर्धारित तरीके से सिर्फ 11 दिनों की समय सीमा में  जांच कर चालान पेश कर दिया। उसने चालान जल्दबाजी में पेश करने व वैज्ञानिक तरीका नहीं अपनाने के आरोप भी लगाए थे। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि जब मामले में फोरेंसिक रिपोर्ट आएगी तो जांच दल सप्लीमेंटरी चालान पेश कर सकता है। जांच दल के पास सीसीटीवी फुटेज, प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही व काल डिटेल जैसे पुख्ता सुबूत है। ऐसे में जल्द चालान पेश करने में दबाव के आरोप सही नहीं है।

21 साल के तोहसिफ और उसके साथी मोहम्मद रिहान ने हाई कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में इस पूरे मामले की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की देखरेख में निष्पक्ष तरीके से जांच कराने की मांग की थी। तोहसिफ और रिहान के अनुसार उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। उसके खिलाफ मामला मीडिया ट्रायल, पक्षपाती राय और जांच अधिकारियों के धार्मिक पूर्वाग्रह का परिणाम है। इस चालान को उन्होंने इससे पहले 23 नवंबर, 2020 को, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फरीदाबाद के सामने चुनौती दी थी लेकिन उनकी अर्जी खारिज कर दी गई।

याचिका में आराेप लगाया गया कि निकिता तोमर के परिवार ने आनर किलिंग के चलते उसका मर्डर किया है, उसे छूपाने के लिए उनको फसाया जा रहा है और उनको आरोपी बनाया गया है। इस लिए हाई कोर्ट अब इस मामले की नए सिरे से जांच के आदेश दे।

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