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    हरियाणा में जजों को लेकर नायब सरकार का बड़ा फैसला, पीड़ित परिजनों को मिलेगी नौकरी और आर्थिक मदद

    Updated: Wed, 08 Jan 2025 05:02 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का फैसला किया है। अब न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों (जजों) के सेवाकाल के दौरान निधन के बाद उनकी पत्नी या बेटे-बेटियों सहित अन्य आश्रित को अनुकंपा आधार पर नौकरी मिलेगी। नौकरी नहीं लेने वाले आश्रित सरकार द्वारा निर्धारित आर्थिक सहायता लेने के पात्र होंगे।

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    हरियाणा में पीड़ित परिजनों को मिलेगी नौकरी और आर्थिक मदद (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Latest News: हरियाणा में अब न्यायिक सेवा से जुड़े अधिकारियों (जजों) के सेवाकाल के दौरान निधन के बाद उनकी पत्नी या बेटे-बेटियाें सहित अन्य आश्रित को अनुकंपा आधार पर नौकरी मिलेगी। नौकरी नहीं लेने वाले आश्रित सरकार द्वारा निर्धारित आर्थिक सहायता लेने के पात्र होंगे।

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    मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश

    प्रदेश सरकार ने हरियाणा वरिष्ठ न्यायिक सेवा नियम और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम में संशोधन किया है। मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।

    प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को यह लाभ पहले से मिल रहे हैं, जबकि सेशन जज और एडिशनल सेशन जज तथा हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) के अधिकारियों के आश्रित अनुकंपा की नौकरी और वित्तीय सहायता से वंचित थे।

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    संशोधित नियमों को एक अगस्त 2019 से लागू किया गया है। इससे न्यायिक सेवा से जुड़े उन परिवारों को भी राहत मिलेगी, जिनके मुखिया का निधन पिछले पांच साल के दौरान हुआ है। ऐसे परिवारों को नौकरी या आर्थिक सहायता में से कोई एक विकल्प मिलेगा।

    20 की बजाय 25 लाख की गई राशि

    वहीं, प्रदेश सरकार ने न्यायिक अधिकारियों व अपने कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 25 प्रतिशत बढ़ा दिया है। अब 20 लाख रुपये की बजाय 25 लाख रुपये ग्रेच्युटी मिलेगी। यह वृद्धि एक जनवरी 2024 से प्रभावी होगी।

    हाई कोर्ट ने सीनियर अधिकारी के खिलाफ सख्त रुख अपनानाया

    उधर, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि यदि 12 फरवरी 2024 के आदेश का पालन करते हुए 04 फरवरी 2025 तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई, तो संबंधित अधिकारी को वर्चुअल सुनवाई में उपस्थित होना होगा और अपनी जेब से 50,000 रुपये का हर्जाना भुगतान करना होगा।

    लोक संपर्क विभाग के डीआईपीआरओ सोनिया व अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किए। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में पहले ही दस महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक आदेश का पालन नहीं किया गया है।

    याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका में यह दावा किया गया था कि 02 अगस्त 2022 के आदेश के तहत, कर्मचारियों को विशेष वेतनमान दिया गया था। यह लाभ उन कर्मचारियों को भी दिया गया है, जो याचिकाकर्ताओं से कनिष्ठ हैं।

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