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    सहयोग के नाम पर दलालों से काम ले रहे हैं तहसीलदार, सरकार ने लगाई फटकार; पढ़ें कैसे होता है ये खेल?

    Updated: Mon, 30 Dec 2024 03:16 PM (IST)

    Haryana News हरियाणा की तहसीलों में चल रहे प्राइवेट खेल पर सरकार ने रोक लगाई है। दरअसल तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों द्वारा अपने स्तर पर प्राइवेट व्यक्तियों से काम करवाने की कई खबरें सामने आई हैं। ये लोग दलाली का काम भी करते हैं। हरियाणा सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों और मंडल आयुक्तों को कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

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    हरियाणा सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों को दिया कार्रवाई का आदेश (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की तहसीलों से आए दिन आ रही भ्रष्टाचार की खबरों के बीच नया मामला सामने आया है। प्रदेश की तहसीलों में अधिकारी अपने स्तर पर प्राइवेट व्यक्तियों अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारियों से काम ले रहे हैं। इन व्यक्तियों के माध्यम से कई अहम दस्तावेजों की फाइलों पर काम करवाया जा रहा है।

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    सरकार के पास ऐसी सूचनाएं पहुंची हैं कि यह प्राइवेट आदमी तहसीलों में दलाली का काम भी करते हैं। रजिस्टरी कराने वाले प्रापर्टी डीलरों को टोकन नंबर पहले लेकर देते हैं और आम लोगों की अपेक्षा कमीशन वाले मामलों में रजिस्टरी पहले करवा देते हैं।

    सरकार ने कार्रवाई करने के दिए आदेश

    राज्य की तहसीलों में इस खेल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों तथा मंडल आयुक्तों को कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। तहसीलों में यह खेल पिछले कई साल से चल रहा है। तहसीलों में पहले भी कई बार भ्रष्टाचार की खबरें आ चुकी हैं।

    प्रदेश की कई तहसीलों में हुए रजिस्ट्री घोटाले विधानसभा में भी गूंजते रहे हैं। अब सरकार को पता चला है कि कई शहरों अथवा कस्बों में तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों द्वारा अपने स्तर पर प्राइवेट व्यक्तियों को रखा गया है। दफ्तरी काम में सहायता के नाम पर रखे इन निजी कर्मचारियों में अधिकारियों के करीबी अथवा विभाग से सेवानिवृत्त हो चुके पटवारी, विभागीय कर्मचारी हैं।

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    सरकार के तरफ से इन्हें नही दिया जाता है वेतन

    दिलचस्प बात यह है कि सरकार की तरफ से इन कर्मचारियों को किसी भी हेड से वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसके बावजूद तहसील कार्यालयों में नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारी, रजिस्ट्री क्लर्क आदि द्वारा बाहरी लोगों को रखा गया है। इन बाहरी कर्मचारियों में बहुत से ऐसे भी हैं जो सरकारी रिकॉर्ड को न केवल अपने पास रखते हैं बल्कि शाम को अपने घर भी ले जाते हैं।

    ऐसी सूचना मिलने पर जिलाधिकारी से जवाब-तलब

    इसकी सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और राजस्व मंत्री विपुल गोयल के निर्देश पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी मंडल आयुक्तों, जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र की तहसीलों में नियमित रूप से जांच करें।

    अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बगैर स्वीकृति के कोई भी बाहरी व्यक्ति विभाग के दफ्तरों में काम ना करे। किसी भी बाहरी व्यक्ति के पास सरकारी रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। इस तरह की गतिविधि के बारे में सूचना मिलने पर जिला अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।

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