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    क्या उदयभान का पत्ता होगा साफ? हरियाणा अध्यक्ष के लिए जातीय समीकरण भूनाने में जुटी कांग्रेस

    Updated: Thu, 13 Feb 2025 04:40 PM (IST)

    हरियाणा कांग्रेस में बड़ा बदलाव हो सकता है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस्तीफा दे दिया है और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान पर भी इस्तीफे का दबाव है। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान ने चौधरी उदयभान को बदलने के संकेत दिए हैं। उनके स्थान पर वरुण मुलाना और राव दान सिंह के नाम सबसे आगे चल रहे हैं।

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    हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (फाइल फोटो)

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र से पहले कांग्रेस अपने पार्टी संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया जहां स्वयं ही अपने इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं, वहीं प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी नहीं ली है।

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    कई राज्यों के संगठन में बदलाव कर रहे कांग्रेस हाईकमान ने चौधरी उदयभान को बदलने के संकेत दिये हैं। उदयभान की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों के साथ-साथ प्रमुख वंचित वर्ग के नेता के रूप में होती है।

    विधानसभा का बजट सत्र सात मार्च से आरंभ होगा। दो मार्च को शहरी निकाय चुनाव हैं। इसलिए कांग्रेस नये अध्यक्ष और विधायक दल के नेता के पदों पर दो मार्च के बाद तथा सात मार्च से पहले फैसला ले सकती है।

    उदयभान को लेकर वंचित वर्ग में नाराजगी

    चौधरी उदयभान को हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाने के बाद राज्य के वंचित वर्ग में नाराजगी बढ़ सकती है, लेकिन उनके स्थान पर किसी वंचित वर्ग अथवा ओबीसी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर यह नाराजगी दूर की जा सकती है।

    कांग्रेस यदि वंचित वर्ग के नेता के स्थान पर वंचित वर्ग से संबंधित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी तो अंबाला के सांसद वरुण चौधरी का नाम सबसे ऊपर आता है।

    वरुण चौधरी सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के भरोसेमंद होने के साथ-साथ वंचित वर्ग और ऊर्जावान नेता हैं। उनके पिता चौधरी फूलचंद मुलाना हरियाणा कांग्रेस के कई साल तक अध्यक्ष रहे, जबकि पत्नी पूजा चौधरी मुलाना से कांग्रेस की विधायक हैं।

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    कांग्रेस राव दान सिंह पर खेलेगी दाव?

    कांग्रेस ने यदि ओबीसी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो महेंद्रगढ़ के विधायक राव दान सिंह को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। राव दान सिंह की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के भरोसेमंद साथियों में होती है।

    राव दान सिंह मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। कांग्रेस ने किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी का टिकट काटकर राव दान सिंह को भिवानी-महेंद्रगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़वाया था, जिसका फायदा रोहतक में दीपेंद्र सिंह हुड्डा को अहीर मतदाताओं के समर्थन के रूप में मिला था।

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा और पूर्व मंत्री गीता भुक्कल के नाम भी चल रहे हैं। अरोड़ा और भुक्कल दोनों विधायक हैं। अरोड़ा पंजाबी और भुक्कल दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। दोनों की गिनती हुड्डा के करीबियों में होती है।

    हुड्डा ठुकरा चुके कांग्रेस महासचिव बनने की पेशकश

    विधायक अशोक अरोड़ा व गीता भुक्कल का नाम कांग्रेस विधायक दल के नेता के लिए भी चल रहा है। पूर्व स्पीकर डॉ. रघुबीर कादियान को भी विधायक दल के नेता के लिए प्रबल दावेदार माना जाता है, लेकिन राज्य में इस समय कांग्रेस की जो हालत है, उसे सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही संभाल पाने में सक्षम हैं।

    ऐसे में कांग्रेस हाईकमान की ओर से विधायक दल के नेता पद के लिए हुड्डा को नजरअंदाज किया जाएगा, इसकी संभावना बहुत कम नजर आ रही है। कांग्रेस हाईकमान की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को कांग्रेस महासचिव बनाए जाने की पेशकश दी जा चुकी है, लेकिन हुड्डा ने हाईकमान को स्पष्ट कह दिया है कि वे हरियाणा से बाहर रहकर काम नहीं कर पाएंगे। ऐसे में हुड्डा का दोबारा विधायक दल का नेता बनना तय है। कांग्रेस विधायक दल का नेता ही विधानसभा में विपक्ष का नेता बनेगा।

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    कांग्रेस विधायकों को तोड़ने में लग रही भाजपा

    हरियाणा कांग्रेस में इस समय सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस के दो विधायक गोकुल सेतिया और शैली चौधरी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का मंच साझा कर चुके हैं। पिछले दिनों एक कार्यक्रम में पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा ने मुख्यमंत्री के कामकाज की तारीफ की थी।

    रादौर के पूर्व विधायक बिशन लाल सैनी 15 फरवरी को कांग्रेस का दामन थामने जा रहे हैं। फरीदाबाद की तिगांव विधानसभा सीट से विधायक रह चुके ललित नागर का मोह भी कांग्रेस के भंग हो चुका है।

    पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव रह चुके अजय गौड़ पिछले दिनों ललित नागर की मनोहर लाल से मुलाकात करवा चुके हैं। ऐसे में भाजपा की कांग्रेस में अंदर ही अंदर चल रही सेंधमारी किसी भी समय कोई नया गुल खिला सकती है।