मजबूत किलेबंदी के चलते कोरोना महामारी से लड़ाई में नजीर बन गया हरियाणा
हरियाणा कोरोना वायरस के खिलाफ जंग मे पूरे देश के लिए नजीर बन गया है। कोरोना के खिलाफ मजबूत किलेबंदी और कदमों से उसने इस महामारी को काबू पाने में काफी कामयाबी हासिल की है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। विश्वव्यापी महामारी के इस दौर में राष्ट्रीय फलक पर हरियाणा दूसरे प्रदेशों के लिए एक नजीर बनकर उभरा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमाओं से घिरे हरियाणा के सामने खुद को कोरोना से बचाए रखने की बड़ी चुनौती थी। वह भी उस हालात में जब, उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा में सबसे ज्यादा तब्लीगी जमाती पहुंचे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की जोड़ी ने संभाला दिन रात मोर्चा
कोरोना के विरुद्ध प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की जोड़ी ने ऐसी घेराबंदी की, कि कोरोना को यहां से अपने कदम वापस खींचने पड़ गए। पूरे देश में हरियाणा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ठीक होने का प्रतिशत 60 है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 16.38 फीसदी का है। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य था, जिसने 12 मार्च को सबसे पहले अपने प्रदेश को महामारी प्रभावित इलाका घोषित कर दिया था।
प्रदेश के लोगों का अच्छा खानपान, बढिय़ा इम्युनिटी सिस्टम और डाक्टरों का समर्पण भी आया काम
इसके ठीक पांच दिन बाद 17 मार्च को गुरुग्र्राम में देश की पहली भारतीय महिला के रूप में कोरोना पॉजिटिव केस पाया गया, जबकि 14 इटेलियन पर्यटकों को भी गुरुग्राम के अस्पताल में ही इलाज के लिए भर्ती कराया गया। इनमें से अब 13 मरीज ठीक हो चुके हैैं और एक मरीज की मृत्यु हो गई है।
हरियाणा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु दर 1.11 फीसदी है। दुर्भाग्यवश प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो चुकी। राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर का आंकड़ा 3.15 फीसदी दर्ज किया गया है। प्रदेश में बृहस्पतिवार तक कोरोना पॉजिटिव 270 केस थे, जिनमें से 162 ठीक हो चुके हैैं और अब 105 एक्टिव केस बचे हैैं। ठीक होने वालों में तब्लीगी जमाती भी शामिल हैैं।
सरकार ने इस तरह से दिखाया 10 का दम, मजबूत किलेबंदी की
सवाल उठता है कि आखिर हरियाणा ने कोरोना को हराने और भारत से भगाने के लिए क्या रणनीति अपनाई। कोराेना वायरस के खिलाफ जंग में हरियाणा सरकार के अहम बिंदु-
1. हरियाणा सरकार ने अपने प्रदेश को सबसे पहले कोरोना महामारी राज्य घोषित किया।
2. प्रदेश की सीमाओं से लगी सभी अंतरराज्यीय सीमाएं सील कर करीब 40 हजार पुलिसकर्मी फील्ड में उतार दिए।
3. शुरू में मात्र एक लैब थी, लेकिन धीरे-धीरे इन्हें आठ तक पहुंचाया गया, जो अब 10 होने वाली हैैं।
4. हर जिले में एक कोविड स्पेशल अस्पताल बनाया गया, जहां सिर्फ कोरोना पॉजिटिव मरीजों को रखा गया।
5. प्रदेश में पहुंचे 1614 तब्लीगी जमातियों में से किसी को भी छिपने का मौका नहीं दिया। सभी को बाहर निकाला और हर जमाती के टेस्ट हुए। इसलिए कोरोना फैलने से रोका गया।
6. मरीजों की चिकित्सा में लगे डाक्टरों समेत तमाम तरह के कर्मचारियों का वेतन डबल किया गया और उन्हें एक्सग्रेशिया का लाभ देकर उन्हें प्रोत्साहित किया गया।
7. मुख्यमंत्री मनोहर लाल हर रोज शाम को पांच बजे जनता से रूबरू हुए, जबकि गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पत्रकारों को पल-पल का अपडेट देकर जनता के सामने वास्तविक स्थिति पेश की।
8. हरियाणा के लोगों का खानपान अच्छा है। उनका इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत है। उसका भी काफी सहारा मिला।
9. पंजाब से करीब 65 हजार एनआरआई के हरियाणा में घुसने की आशंका थी। सरकार ने पंजाब की सीमाओं पर खास निगाह रखी।
10. मेडिकल सेवा, खाद्य आपूर्ति, सूखा व बना हुआ खाना, समाज सेवी संगठनों का सहयोग तथा प्रवासी मजदूरों की चिंता सरकार के बड़े फैसले थे।
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आंकड़ों में समझिये हरियाणा की पूरी पिक्चर
- प्रदेश में कुल 33 हजार 107 लोगों की हुई निगरानी।
- प्रदेश में फिलहाल 16 हजार 48 लोग सर्विलांस पर।
- 17 हजार 59 लोग पूरी कर चुके सर्विलांस (निगरानी) की अवधि।
- 17 हजार 171 लोगों के लिए गए सैंपल।
- 15 हजार 178 लोगों की रिपोर्ट आई नेगेटिव।
- 1738 लोगों की रिपोर्ट का अभी इंतजार।
- महामारी से उबर चुके 162 लोग।
- 105 लोग अभी भी अस्पतालों में भर्ती।
- तीन लोगों की हो चुकी मौत। अंबाला, रोहतक और करनाल।
- 60 फीसदी मरीज हो रहे ठीक।
- मृत्यु दर 1.11 फीसदी।
- हर 10 लाख लोगों पर हो रहे 677 लोगों के टेस्ट।
- 1.65 फीसद लोग निकल रहे कोरोना पॉजिटिव।
- कोरोना पॉजिटिव 24 लोग विदेशी और 64 दूसरे राज्यों के।
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जिलों में कोरोना का असर
हरियाणा के 10 जिलों में कोरोना पॉजिटिव का कोई केस नहीं है। तीन जिलों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी और झज्जर में पहले से कोरोना का कोई केस नहीं था, जबकि सात जिले चरखी दादरी, फतेहाबाद, जींद, करनाल, पानीपत, सिरसा और यमुनानगर कोरोना से बाहर निकल चुके हैैं। अब यहां कोरोना का कोई केस नहीं है। अंबाला, भिवानी और हिसार जिले ऐसे हैैं, जहां एक-एक मरीज है, जबकि कैथल, कुरुक्षेत्र और रोहतक में दो-दो मरीज हैैं।
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एनसीआर के पांच जिलों में ज्यादा असर, ठीक भी यहीं हुए ज्यादा
नूंह, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, सोनीपत और पलवल जिले ऐसे हैैं, जहां कोरोना का अर ज्यादा है। नूंह में 29, गुरुग्र्राम में 19, फरीदाबाद व पंचकूला में 15-15 और सोनीपत में 11 केस हैैं। पलवल में सात केस रह गए हैैं। नूंह में तब्लीगी जमाती सबसे अधिक रहे हैैं। इसलिए एनसीआर का कोरोना मीटर एकदम ऊपर चला गया। खास बात यह है कि ठीक होने वाले मरीज भी इन्हीं जिलों के सबसे अधिक हैैं। नूंह व फरीदाबाद में 28-28, पलवल में 27 लोग ठीक हुए हैैं। गुरुग्र्राम में 26 मरीज स्वस्थ हुए हैैं।
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