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गेहूं खरीद के लिए सरकार ने बनाई नई रणनीति, आढ़तियों को दी सख्त चेतावनी

हरियाणा सरकार ने राज्‍य में गेहूं की खरीद के लिए नई रणनीति बनाई है। इसके साथ ही राज्‍य सरकार ने खरीद में आनाकानी कर रहे आढ़तियों को कड़ी चेतावनी दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 09:10 AM (IST)
गेहूं खरीद के लिए सरकार ने बनाई नई रणनीति, आढ़तियों को दी सख्त चेतावनी
गेहूं खरीद के लिए सरकार ने बनाई नई रणनीति, आढ़तियों को दी सख्त चेतावनी

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने राज्‍य में गेहूं की सुचारु रप से खरीद के लिए नई रणनीति बनाई है। सरकार राज्‍य में आढ़तके कच्‍चे लाइसेंस जारी करेगी। इसके साथ ही तीन दिनों के लिए खरीदी गई फसल की पेमेंट मिल जाएगी। इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने गेहूं खरीद को लेकर आनाकानी कर रहे आढ़तियों के प्रति गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है और उनको नरम लहजे में कड़ी चेतावनी दी है। सरकार ने दो टूक कह दिया कि महामारी के इस दौर में आढ़तियों को किसी तरह की मीनमेख निकालने की बजाय किसानों की गेहूं का एक-एक दाना खरीदना चाहिए।

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दुष्यंत चौटाला बोले, आढ़तियों की हर मांग मानी, फिर भी विपक्ष के दबाव में भ्रम पैदा कर रहे आढ़ती

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार ने आढ़तियों की सभी मांगें स्वीकार कर ली हैं। विपक्ष के बहकावे में आकर कुछ आढ़ती किसानों के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आढ़तियों ने यदि अपने रवैये में सुधार नहीं किया तो सरकार वैकल्पिक व्यवस्थाएं करते हुए सीधे किसानों से गेहूं खरीद को भी तैयार है, लेकिन किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

किसानों का दाना-दाना खरीदेंगे, आढ़त के कच्चे लाइसेंस मिलेंगे, तीन दिन के भीतर मिलेगी पेमेंट

हरियाणा में दो दिन की गेहूं खरीद का आंकड़ा पेश करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दो लाख 82 हजार मीट्रिक टन गेहूं की आवक हो चुकी है, जबकि पंजाब में 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है, जिसका मतलब साफ है कि प्रदेश में गेहूं खरीद में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आ रही है। प्रदेश में गेहूं और सरसों की खरीद साथ-साथ चल रही है। प्रदेश में अभी तक 58 हजार ट्रालियां मंडियों व खरीद केंद्रों में पहुंच चुकी हैं। जिन किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, उनसे एक लाख 56 हजार मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है। अगले 15 से 20 दिनों में 80 फीसदी किसानों की सरसों खरीदी जा चुकी होगी।

डिप्टी सीएम के अनुसार कुछ मंडियों में आढ़तियों द्वारा हड़ताल किए जाने की सूचनाएं आ रही हैं। यह समय हड़ताल का नहीं बल्कि सरकार और किसानों का सहयोग करने का है। आढ़ती चाहते हैं कि पुरानी खरीद प्रणाली से ही फसलों की खरीद होनी चाहिए, लेकिन हमारा दावा है कि हमने कोई नई व्यवस्था नहीं की है। पुरानी खरीद प्रणाली से ही गेहूं की फसल की खरीद हो रही है। आढ़ती यह भी चाहते थे कि उनके नए बैंक अकाउंट न खोले जाएं, हमने यह शर्त भी मान ली और उनके पुराने खातों में ही गेहूं की पेमेंट डालने के आदेश जारी कर दिए। पहले किसानों के खातों में पेमेंट आएगी, फिर वह किसानों को पेमेंट करेंगे।

दुष्यंत चौटाला के अनुसार इस बार करीब 70 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक होने का प्राथमिक अनुमान है। प्रदेश सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि जो किसान देरी से अपनी फसल मंडियों में लेकर आएंगे, उन्हें कुछ इंसेंटिव दिया जाए। पंजाब ने भी ऐसा प्रस्ताव केंद्र को भेज रखा है, लेकिन अभी तक केंद्र की ओर से कोई मंजूरी नहीं आई है, जिसका इंतजार किया जा रहा है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि हमें जरूरत पड़ी तो हम अपने वैकल्पिक तरीकों से गेहूं की खरीद करेंगे। इसके लिए सामान्य व्यक्तियों, किसान संगठनों और प्राइवेट नए प्लेयर्स को कच्ची आढ़त के लाइसेंस दिए जा सकते हैं। इसके बदले में उन्हें आढ़त दी जाएगी, लेकिन सरकार को यदि ऐसा फैसला लेना पड़ा तो इसके जिम्मेदार खुद पुराने आढ़ती होंगे।

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि वे किसानों के हित को लेकर ट्रैक्टर लेकर जब संसद जा सकते हैं तो प्रदेश में किसी किसान को कोई दिक्कत नहीं होने देंगे। किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। वह खुद मंडियों में खड़े होकर किसानों की फसल की खरीद कराएंगे। किसानों की फसल के उठाने के तीन दिन के भीतर किसानों का पेमेंट उनके खाते में पहुंच जाएगा, जबकि पहले दिन आढ़तियों के खाते में पहुंचा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि हमने 10 से 12 किलोमीटर की दूसरी पर खरीद केंद्र बनाए हैं। विपक्ष को इसमें भी दिक्कत पैदा हो गई। सरकार का अनुरोध है कि आढ़तियों को सरकार का सहयोग करना चाहिए।

एक साथ सौ क्विंटल गेहूं ला सकता है किसान

हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने साफ कर दिया कि एक किसान जिसके पास गेहूं बिक्री के लिए मैसेज जाएगा, वह मंडी में कितनी भी फसल एक साथ ला सकता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि यदि किसी किसान को 25 अप्रैल को हिसार के खरीद केंद्र पर आने के लिए कहा जाता है और उसकी पांच एकड़ फसल है, जिसमें करीब 100 क्विंटल गेहूं होती है तो वह सारी गेहूं एक साथ ला सकता है। इसमें किसी तरह की कोई रोक नहीं है।

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