डीकोड हुए गुरमीत राम रहीेम के साजिश के कोड, इशारों में चलता था गंदा 'खेल'
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का पूरा खेल कोड वर्ड में चलता था। यह खेल डेरा से लेकर कोर्ट में पेशी अौर फिर पंचकूला में हिंसा फैलाने तक चलता रहा।
चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। डेरा सच्चा सौदा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम का तिलिस्म टूटने के बाद नित नए राज उजागर हो रहे हैं। लंबे समय से साथ जुड़े विश्वासपात्र लोगों को गुरमीत ने अपना राजदार बनाया हुआ था और इशारों में ही पूरे 'खेल' को अंजाम देता था। इसके अलावा हर गैरकानूनी काम के लिए डेरा प्रमुख ने अलग-अलग कोड निर्धारित कर रखा था।
डेरे में हर गलत कामों के थे कोड ; अंगूठा दिखाना मतलब फरारी, टमाटर तोडऩा हिंसा
डेरे में साध्वियों को पिताजी की माफी का मतलब दुष्कर्म था तो गुफा का मतलब अय्याशी का अड्डा। नशीले पदार्थों की सप्लाई के लिए अलग कोड था। डेरा मुखी ने पहली फिल्म एमएसजी-द मैसेंजर ऑफ गॉड का नामकरण भी पूरी प्लानिंग के साथ अपने गुरु रहे शाह सतनाम महाराज और खुद के नाम से जोड़ते हुए किया।
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साध्वियों के यौन शोषण में फैसले के दिन 25 अगस्त को पंचकूला आने से पहले भी डेरा प्रमुख ने अपने लोगों के साथ पूरी साजिश रची थी। इसके तहत फैसला खिलाफ आने पर मौके से भागने के लिए हिंसा और आगजनी को कुर्बानी गैंग बनाया। कोड वर्ड भी दिए गए।
कुर्बानी गैंग की मदद से बना फुलप्रूफ प्लान
दोषी करार दिए जाने के बाद गुरमीत के लाल बैग दिखाने का मतलब था कि सजा हो गई। 'अब पौधे बीजो' यानी कि सामूहिक आत्मदाह करो। पौधरोपण का मतलब उपद्रव और दंगे शुरू करना था, जबकि पानी सींचने का अर्थ पेट्रोल डाल कर आत्मदाह करना। कली काटना मतलब धारदार हथियार से लोगों को मार डालना और टमाटर तोड़ने से अभिप्राय हिंसा करना था। डेरा मुखी ने अंगूठा दिखाते हुए जो नमस्ते की, उसका अर्थ उसकी फरारी से था।
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पुलिस को एक ऑडियो हाथ लगा जिसमें एक आवाज इस साजिश को बेपर्दा करती है कि अदालत के फैसले से पहले ही राम रहीम ने अपने चेलों को हिंसा भड़काने के लिए कैसे-कैसे रास्ते सुझाए थे। कैसे हरियाणा और पंजाब को हिंसा की आग में झोंकने के लिए कुर्बानी ब्रिगेड तैयार कर निर्देश दिया गया। इस संवाद में बाकायदा बाबा का नाम न लेने की भी हिदायत दी गई।
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पुलिस ने डेरा सच्चा सौदा के इस कुर्बानी गैंग का प्लान समय रहते न सिर्फ डीकोड किया, बल्कि अंबाला से ब्रिगेड के दो लोगों को गिरफ्तार भी किया। इनके पास 38 लाख रुपये भी बरामद हुए जो डेरामुखी के लिए सिर पर कफन बांधकर निकले लोगों के घरवालों को दिए जाने थे। कुर्बानी ब्रिगेड में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया जो डेरे के बेहद भरोसे के थे।
जलकर मरे लोगों की जांच कर रही पुलिस
हिंसा में जो 39 लोग मारे गए, उनमें से 30 गुरमीत राम रहीम के चेले बताए जा रहे हैं। पुलिस जांच कर रही है कि जलकर मरने वालों ने आत्मदाह किया था या उन्हें जबरन जला दिया गया। डेरे से जुड़े लोगों के मुताबिक इन लोगों को राम रहीम की तरफ से 25 अगस्त से पहले मोटी रकम दी गई। इसी पैसे का इस्तेमाल आगजनी, तोडफ़ोड़ और दंगे-फसाद कराने की कोशिश में हुआ।
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