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    बाबा के नापाक खेल, डेरे में साध्वियाें से दुष्कर्म को कहा जाता था 'माफी'

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 01 Sep 2017 08:59 PM (IST)

    डेरा सच्‍चा सौदा में गुरमीत राम रहीम का नापाक खेल चलता था। वह डेरे में साध्वियों से रेप करता था और उसे माफी कहा जाता था।

    बाबा के नापाक खेल, डेरे में साध्वियाें से दुष्कर्म को कहा जाता था 'माफी'

    जेएनएन, चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा में दुष्कर्म को 'माफी' कहा जाता था। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गुफा में संतरी ड्यूटी पर तैनात कई साध्वियां अक्सर यौन शोषण का शिकार होती रही हैं। इनमें अधिकतर ने बगैर कुछ कहे डेरे से किनारा कर लिया।

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    सीबीआइ की विशेष अदालत में जिरह के दौरान डेरा प्रमुख से जुड़े कई ऐसे रहस्यों से पर्दा उठा। सीबीआइ जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में इनका जिक्र किया है। अदालती कार्यवाही में डेरा मुखी को फंसता देख उसके वकीलों ने तर्क रखा कि गुरमीत राम रहीम नपुंसक है और किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए फिट नहीं था।

    फंसता देख गुरमीत राम रहीम ने दिया नपुंसक होने का तर्क

    सीबीआइ जांच का हवाला देते हुए कोर्ट ने फैसले में बताया कि डेरा प्रमुख ने इन साध्वियों का अपने निवास स्थान 'गुफा' में यौन शोषण किया जहां इन्हें संतरी ड्यूटी पर रखा गया था। यौन शोषण के बाद दूसरी साध्वियां पीडि़ता को यह कहकर चिढ़ाती थी कि तुझे माफी मिल गई क्या?

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    राम रहीम के शोषण का शिकार हुई थीं कई साध्वियां

    डेरे में गुरमीत राम रहीम सिंह ने कई साध्वियों का यौन शोषण किया जिन्होंने सामाजिक दबाव मेें बगैर चुपचाप डेरा छोड़ दिया। अदालत में सुनवाई के दौरान गुरमीत के वकीलों ने उसकी मासूमियत साबित करने के लिए कई तर्क दिए, जिन्हें अदालत ने खारिज कर दिया।

    जज ने कहा 'दुष्कर्म का कोई भी बयान एक महिला के लिए बेहद अपमानजनक अनुभव है। जब तक वह यौन अपराध का शिकार नहीं होती, वह किसी को दोषी नहीं ठहराती।'

    दुष्कर्म पीडि़ता के भाई की करा दी हत्या

    दुष्कर्म पीडि़ता दो साध्वियों में से एक ने डेरा प्रमुख से कहा कि वह उसके अपराधों को अपने भाई को बताएगी। इस पर गुरमीत ने धमकी दी कि वह उसे (भाई को) गोली मारकर दफन कर देगा। सीबीआइ जांच में पता चला कि सन् 2001 में पीडि़ता के विवाह के बाद उसका भाई पहली जुलाई 2002 को उसके पास आया और बताया कि डेरा के लोग उनके परिवार के बच्चों और माता-पिता को खत्म करने की धमकी दे रहे हैं। इसके बाद 10 जुलाई को डेरे के बदमाशों ने उसके भाई की हत्या कर दी।

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    हत्या के मामले पर टिप्पणी ठीक नहीं

    सीबीआइ जज ने कहा कि हत्या अलग मुकदमे की बात है और इस स्तर पर कोई टिप्पणी वांछनीय नहीं है। उन्होंने कहा 'कुछ सामान्य लोगों के साथ संलिप्तता से अभियुक्तों को झूठा फंसाते हुए सीबीआइ के प्रभाव के रिकॉर्ड के बारे में कोई प्रमाण नहीं है।'

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