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    हरियाणा में अपराधियों के अनोखे कोड वर्ड; 9 नंबर जूता मतलब 9 एमएम पिस्टल, मटर के दाने या‍नि गोलियां

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Fri, 09 Oct 2020 08:27 AM (IST)

    हरियाणा में अपराधी हथियारों के लिए खास कोडवर्ड का इस्‍तेमाल करते हैं। ये कोड वर्ड सामान्‍य तौर पर समझ से परे होते हैं और इसके कारोबार में लगे लोगों के लिए इसे छिपाना आसान हाेता है। नौ एमएम पिस्‍टल के लिए 9 नंबर का जूता कोडवर्ड का इस्‍तेमाल होता है।

    हरियाणा में अपराधी हथियारों के लिए कोडवर्ड का इस्‍तेमाल करते हैं।

    रोहतक, [विनीत तोमर]। अक्सर इंटेलिजेंस के लोग बोलचाल की भाषा में कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है कि किसी को उनके ऑपरेशन के बारे में पता न चल सके। हैरानी की बात तो यह है कि गैंगस्टरों से लेकर नशे के कारोबार में भी अब अपराधी ऐसे ही कोड वर्ड उपयोग कर रहे हैं।

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    किसी भी असलहे की गोली चाहिए तो 'मटर के दाने' कोडवर्ड का होता है इस्‍तेमाल

    कोड वर्ड भी ऐसे कि जिन पर आसानी से शक न हो सके। उदाहरण के तौर पर यदि 9 एमएम की पिस्टल मंगानी हो तो फोन पर 9 नंबर का जूता मांगा जाता है और गोलियों के लिए मटर के दाने का कोड वर्ड इस्तेमाल होता है। अफीम के लिए काली माई तो हेरोइन के लिए चव्वनी-अट्ठनी बोला जाता है। अपराध की दुनिया के कोड वर्ड जानने के लिए दैनिक जागरण संवाददाता ने गहनता से पड़ताल की।

    32 हजार का उधार, मतलब 32 बोर की पिस्टल

    पड़ताल के दौरान खुलासा हुआ कि य‍दि अपराधियों को 32 बोर की पिस्टल चाहिए तो इसके लिए 32 हजार रुपये का बंदोबस्त करने के लिए बोला जाता है। इसी तरह 315 बोर के कट्टे के लिए 15 हजार और 312 बोर के कट्टे के लिए 12 हजार का बंदोबस्त करने के लिए कहा जाता है।

    हेरोइन मतलब चव्वनी-अट्ठनी और अफीम मतलब काली माई

    फिलहाल में सबसे अधिक कोड वर्ड का इस्तेमाल नशे के कारोबार के लिए होता है। पिछले दिनों पुलिस ने जो मामले पकड़े उसमें भी नशीले पदार्थों के लिए कोड वर्ड की बात सामने आई थी। चरस के लिए धुम्मा कोड वर्ड, हेरोइन के लिए चव्वनी-अट्ठनी, गांजापत्ती के लिए घास, कोरेक्स की छोटी शीशी के लिए छोटी मिठ्ठी और बड़ी शीशी के लिए बड़ी मिठ्ठी कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा अफीम को काली और भुक्की को भूसा कहा जाता है। स्मैक के लिए सुगंधित धूप नाम के कोड वर्ड का प्रयोग किया जाता है।

    नाम की स्पेलिंग से बना देते हैं नंबर

    पड़ताल में यह भी सामने आया कि अधिकतर बड़े गैंग नाम की स्पेलिंग का नंबर बनाकर इस्तेमाल करते हैं। यदि किसी नाम के व्यक्ति को कोई नुकसान पहुंचाना हो या उससे किसी को मिलवाना हो तो उसके नाम की स्पेलिंग को अंकों में बदला जाता है। जैसे ए का मतलब 1, बी का मतलब 2 है। इस तरह अंकों का इस्तेमाल अधिकतर जेल के अंदर बंद गैंगस्टर करते हैं। कोड वर्ड का इस्तेमाल तब अधिक किया जाता है जब किसी की हत्या करनी हो। सुपारी कोई लेगा, रेकी किसी अनजान से कराई जाएगी और हत्याकांड को अंजाम कोई और देगा।

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    '' अधिकतर नशीले पदार्थ का धंधा करने वाले और गैंग के अपराधी कोड वर्ड का इस्तेमाल करते हैं। यह कोड वर्ड बदलते भी रहते हैं। पिछले दिनों नशीले पदार्थ के कई ऐसे मामले आए हैं जिनमें कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया था।

                                                                                       - गोरखपाल राणा, डीएसपी हेड क्वार्टर, रोहतक।

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