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    रैपिड मेट्रो पर बढ़ा लोगों का भरोसा, राइडरशिप में 22.93% उछाल; 8 महीनों में 1.27 करोड़ यात्रियों ने किया सफर

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 01:00 PM (IST)

    रैपिड मेट्रो की राइडरशिप में अप्रैल से नवंबर के बीच 22.93% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जिससे यात्रियों का विश्वास बढ़ा। हरियाणा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। रैपिड मेट्रो की सेवा के प्रति यात्रियों का आकर्षण तेजी से बढ़ रहा है। इस साल अप्रैल से नवंबर के दौरान रैपिड मेट्रो ने 1.27 करोड़ यात्रियों को परिवहन सेवा प्रदान की, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 1.10 करोड़ थी।

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    जुलाई 2025 में मासिक वृद्धि सबसे अधिक रही, जिसमें राइडरशिप में 22.93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अन्य महीनों में भी लगातार दो अंकों की वृद्धि देखी गई, जो मेट्रो सेवाओं पर यात्रियों के बढ़ते भरोसे को दर्शाती है।

    यह जानकारी मंगलवार को चंडीगढ़ मेें हरियाणा मेट्रो रेल काॅरपाेरेशन (एचएमआरसी) की बैठक में सामने आई। बैठक की अध्यक्षता एचएमआरसी के अध्यक्ष व मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने की। बैठक में जानकारी दी गई कि रैपिड मेट्रो का वित्तीय प्रदर्शन भी बेहतर हुआ है।

    अप्रैल से नवंबर के दौरान किराया राजस्व 14.06 प्रतिशत बढ़कर 23.37 करोड़ रुपये हो गया, जबकि परिचालन व्यय 7.66 प्रतिशत बढ़ा। राजस्व वृद्धि और लागत वृद्धि के बीच का यह अंतर संचालन क्षमता, संसाधन प्रबंधन और दैनिक संचालन में सुधार को दर्शाता है।

    आगामी परियोजनाओं में सेक्टर-56 से पचगांव तक कारिडोर विकसित किया जाएगा। इस कारिडोर को राज्य वित्तपोषण की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। कारिडोर की लंबाई लगभग 35.25 किलोमीटर है और इसमें 28 एलिवेटेड स्टेशन प्रस्तावित हैं। इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की जा चुकी है और पचगांव में प्रस्तावित आरआरटीएस कारिडोर के साथ सहज इंटरचेंज की योजना बनाई गई है।

    कार्यान्वित होने पर नए गुरुग्राम के तेजी से विकसित हो रहे आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत क्षेत्रों की कनेक्टिविटी काफी बेहतर होगी। इसी प्रकार लगभग 30 किलोमीटर लंबी बल्लबगढ़–पलवल मेट्रो विस्तार परियोजना, जिसमें 18 एलिवेटेड स्टेशन प्रस्तावित हैं, से दक्षिण हरियाणा में मास रैपिड ट्रांजिट का विस्तार होगा।

    परियोजना की व्यवहार्यता और वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। गुरुग्राम और एनसीआर में कई अन्य मेट्रो कारिडोर की परियोजनाएं पाइप लाइन में हैं। इनमें सुभाष चौक–राजीव चौक–सोहना रोड–रेलवे स्टेशन काॅरिडोर तथा गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड से सेक्टर-पांच (वाया हुडा सिटी सेंटर) जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।

    विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए सलाहकार नियुक्त किए जा चुके हैं। उत्तरी हरियाणा में नरेला से कुंडली तक दिल्ली मेट्रो विस्तार को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है। इसमें हरियाणा सरकार भूमि उपलब्ध कराने के लिए सहमत है और संयुक्त संपत्ति विकास में भी भागीदारी करेगी।

    आरआरटीएस को लेकर तेजी से कार्यवाही

    दिल्ली से अलवर तक (बावल तक अनुमोदित) विकसित किए जाने वाले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) और दिल्ली–पानीपत–कुरुक्षेत्र/करनाल कारिडोर को सार्वजनिक निवेश बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है। अनुमोदित दिल्ली–बावल कारिडोर की कुल लंबाई 93.12 किमी और 13 स्टेशन हैं।

    इसकी अनुमानित लागत 32,327.09 करोड़ रुपये है, जिसमें हरियाणा की हिस्सेदारी 6,956.74 करोड़ रुपये है। इसकी वित्तीय आंतरिक लाभ दर 7.90 प्रतिशत और आर्थिक आंतरिक लाभ दर 20.13 प्रतिशत है।

    इन हाई-स्पीड काॅरिडोर से यात्रा समय में काफी कमी आएगी, औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा और राज्य में आर्थिक एकीकरण को भी गति मिलेगी। इसके अलावा गुरुग्राम–फरीदाबाद–नोएडा/ग्रेटर नोएडा तथा दिल्ली–रोहतक नमो भारत काॅरिडोर की डीपीआर का भी परीक्षण किया जा रहा है।

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