Sugar Board के बाद अब Oil Board, खाने में कैलोरी और फैट के बारे में दी जाएगी जानकारी
साइबर सिटी के सीबीएसई स्कूलों में तेल बोर्ड लगाए जाएंगे। छात्रों को खाने में तेल की मात्रा और विभिन्न खाद्य पदार्थों में तेल की जानकारी दी जाएगी। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यशालाएँ होंगी। बोर्ड कैंटीन लॉबी और क्लासरूम के बाहर लगाए जाएंगे। समोसा कचौरी जैसे खाद्य पदार्थों में कैलोरी और फैट की जानकारी दी जाएगी।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर सिटी में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में आयल बोर्ड लगाए जाएंगे। सीबीएसई की ओर से इस संबंध में सभी स्कूलों को आदेश जारी किए गए हैं। जारी आदेशों के अनुसार विद्यार्थियों को खाने में कितना ऑयल खाना चाहिए? अलग-अलग खाद्य पदार्थों में कितना आयल होता है? सहित अन्य जानकारी दी जाएगी। स्कूलों के काॅरिडोर से लेकर सभी उन जगहों पर बोर्ड लगाए जाने हैं जहां पर छात्र एकत्रित होते हैं। छात्रों को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया जाएगा।
क्चर के साथ-साथ वीडियो और फोटो
इसके अलावा स्कूलों में छात्रों को बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने को लेकर वर्कशाॅप कराई जाएंगी। इसमें उनको लेक्चर के साथ-साथ वीडियो और फोटो के जरिए स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाएगी।
स्कूलों के कैफे से लेकर कैंटीन, लाॅबी और मीटिंग हाॅल समेत क्लासरूम के बाहर भी यह बोर्ड लगाए जाएंगे।
बोर्ड पर बताना होगा कि समोसा, कचौरी, पैकेट फूड समेत अन्य फूड में कितना तेल, कितनी कैलोरी और फैट होता है। इनको रोजाना खाने से शरीर पर क्या असर पड़ेगा।
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शुगर बोर्ड लगाए गए
साथ ही, बच्चों को स्कूल में सीढ़ियों का प्रयोग करने को लेकर भी प्रेरित किया जाएगा। इससे पहले स्कूलों में लगे शुगर बोर्ड में में चाकलेट, कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम समेत टाफी में कितना शुगर होता है, इसके खाने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसको लेकर तैयार शुगर बोर्ड लगाए गए हैं।
एमिटी इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल आरती चोपड़ा ने बताया कि सीबीएसई द्वारा शुगर और आयल बोर्ड्स के सहयोग से चलाई जा रही यह पहल बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने की दिशा में एक दूरदर्शी प्रयास है।
आज की पीढ़ी जिस तरह जंक फूड और असंतुलित खानपान की ओर आकर्षित हो रही है, ऐसे में यह कदम समय की मांग है। स्कूल में इस पहल को पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जा रहा है।
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