20 किमी में दो टोल से परेशान, खेड़कीदौला को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू; पीएमओ से की हस्तक्षेप की मांग
द्वारका एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद भी खेड़कीदौला टोल प्लाजा न हटने से गुरुग्राम के लोग परेशान हैं। 20 किलोमीटर के भीतर दो टोल देने पड़ रहे हैं, जिसस ...और पढ़ें

खेड़कीदौला टोल प्लाजा। जागरण
आदित्य राज, गुरुग्राम। द्वारका एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद भी खेड़कीदौला टोल प्लाजा को नहीं हटाए जाने से लोग ठगा महसूस कर रहे हैं। हजारों लोगों को प्रतिदिन 20 किलोमीटर के अंतराल पर ही डबल टोल देना पड़ रहा है। इसे देखते हुए परेशान लोगों ने मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। अगले महीने अभियान की रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय में भेजी जाएगी। परेशान लोगों की मांग है कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा को बंद किया जाए ताकि उनके ऊपर दोहरी मार न पड़े।
टोल स्थानांतरित होने पर राजस्व आधा रह जाएगा
लोगों का कहना है कि टोल देने के बाद भी ट्रैफिक का दबाव झेलना पड़ता है। लोगों को आशंका है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण नहीं चाहता कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा बंद हो या फिर मानेसर से आगे जयपुर की तरफ स्थानांतरित हो। मानेसर से आगे टोल स्थानांतरित होने पर राजस्व आधा रह जाएगा। इस वजह से ही मानेसर में एनएसजी ट्रेनिंग सेंटर के नजदीक से लेकर पचगांव चौक के बीच ही टोल प्लाजा बनाने की बात की जा रही है ताकि टोल प्लाजा बनाने के लिए जगह ही न उपलब्ध हो।
खेड़कीदौला टोल प्लाजा को हटाया जाए
खेड़कीदाैला टोल प्लाजा के नजदीक से लेकर महिपालपुर में शिवमूर्ति के नजदीक तक द्वारका एक्सप्रेसवे है। इस पर टोल प्लाजा बिजवासन गांव इलाके में बनाया गया है। यह खेड़कीदौला टोल प्लाजा से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है। लोगों का कहना है कि 20 किलोमीटर के अंतराल पर दो टोल प्लाजा थोपना गलत है। खेड़कीदौला टोल प्लाजा को हटाया जाए। कहा भी गया था कि द्वारका एक्सप्रेसवे का टोल प्लाजा चालू हाेते ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा बंद कर दिया जाएगा। जयपुर निवासी कारोबारी जयशंकर सिंह कहते हैं कि खेड़कीदौला में भी फास्टैग की सुविधा होने के बाद ट्रैफिक का दबाव झेलना पड़ता है।
खेड़कीदौला टोल प्लाजा बंद कर दिया जाएगा
द्वारका एक्सप्रेसवे के बिजवासन टोल प्लाजा पर भी कई बार काफी देर रुकना पड़ता है। यदि किसी का फास्टैग रिचार्ज नहीं है तो टोल कर्मी से बहस शुरू हो जाती है। ऐसे में वाहनों की लाइन लग जाती है। ऐसे में कम से कम एक टोल प्लाजा से तो छुटकारा मिलना चाहिए। रेवाड़ी निवासी निरंजन वर्मा कहते हैं कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि द्वारका एक्सप्रेसवे चालू हाेते ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा बंद कर दिया जाएगा।
फिर कहा गया कि मानेसर से आगे पचगांव की तरफ स्थानांतरित किया जाएगा। द्वारका एक्सप्रेसवे के चालू होने के महीनों बाद भी न खेड़कीदौला टाेल प्लाजा बंद किया गया और न ही मानेसर से आगे पचगांव की तरफ स्थानांतरित किया गया। यहां तक कि द्वारका एक्सप्रेसवे का टोल प्लाजा चालू होते ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा को और महंगा कर दिया गया। यह उनलोगों के साथ धोखा है।
200 करोड़ की लालच से हजारों लोगों की अनदेखी
द्वारका एक्सप्रेसवे वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष याशिश यादव कहते हैं कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा से एनएचएआइ को सालाना लगभग 200 करोड़ रुपये प्राप्त होते हैं। 200 करोड़ रुपये की वजह से एनएचएआइ को हजारों लोगों की परेशानी नहीं दिख रही है। टोल प्लाजा की समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है, फिर भी टोल वसूला जा रहा है। द्वारका एक्सप्रेसवे का टोल प्लाजा काफी महंगा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि द्वारका एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद खेड़कीदौला टोल प्लाजा बंद कर दिया जाएगा। इसके ाबाद बंद नहीं किया गया। ऐसे में प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने की मांग की जाएगी। इसके अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है।
"खेड़कीदौला टोल प्लाजा की वजह से लोगों को हो रही परेशानी समझ रहा हूं। इसे मानेसर से आगे पचगांव की तरफ स्थानांतरित किया जाना है। दो बार जगह चिन्हित की गई लेकिन आपत्ति आ गई। जल्द ही जगह चिन्हित कर टोल प्लाजा बनाने का काम शुरू कराया जाएगा। नया टोल प्लाजा बनते ही खेड़कीदौला टोल प्लाजा बंद हो जाएगा।"
-राव इंद्रजीत सिंह, स्थानीय सांसद व केंद्रीय योजना, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री।
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