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उच्चतर शिक्षा विभाग की टीम के सामने छात्राओं ने बयां किया दर्द

फरीदाबाद के राजकीय महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर जूनियर लैब अटेंडेंट व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी पर छात्रा को पास कराने के बदले शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने के मामले में सोमवार को उच्चतर शिक्षा विभाग की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची। टीम में उपनिदेशक अरुण जोशी सुनीता प्रियदर्शी व शैलजा शामिल थे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 May 2019 08:51 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 06:32 AM (IST)
उच्चतर शिक्षा विभाग की टीम के सामने छात्राओं ने बयां किया दर्द

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : राजकीय महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर, जूनियर लैब अटेंडेंट व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी पर छात्रा को पास कराने के बदले शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने के मामले में सोमवार को उच्चतर शिक्षा विभाग की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची। टीम में उपनिदेशक अरुण जोशी, सुनीता प्रियदर्शी व शैलजा शामिल थे। टीम सुबह 11 बजे कॉलेज पहुंची और शाम 6 बजे तक लगभग सात घंटे कॉलेज के पूरे स्टाफ से पूछताछ कर बयान लिए। सूत्रों के अनुसार कमेटी ने सभी से पूछा कि क्या ये तीनों इस तरह की हरकते कर सकते हैं और क्या यह मामला सही है। इस पर पूरे स्टाफ ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी। इस दौरान स्टाफ की कुछ सदस्यों ने भी आरोपितों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए। टीम ने उनसे लिखित शिकायत ली है। टीम सदस्य शिकायतकर्ता छात्रा के घर भी उनसे मिलने गए और बातचीत की। इधर आरोपितों की अभी गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है। छात्र संगठनों ने किया प्रदर्शन

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उच्चतर शिक्षा विभाग की कमिटी के आने की सूचना पर छात्र नेता अनिल चेची, जसवंत सैनी, अजय डागर, सन्नी बादल, सैंडी बैसला, अनुज भाटी के नेतृत्व में छात्राओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने नारे लगाकर आरोपितों की गिरफ्तार व बर्खास्त करने की मांग की। कॉलेज परिसर में अंदर आकर भी धरना दिया। प्रदर्शन को देखते हुए कमिटी के सदस्यों ने उनमें से कुछ छात्राओं को अंदर बुलाया और उनसे लिखित में शिकायत ली, जिसपर उपस्थित सभी छात्राओं ने अपने हस्ताक्षर किए। छात्राओं ने बयां किया दर्द :

कमेटी के सामने कुछ छात्राओं ने दर्द बयान किया। इनमें कई ऐसी थीं, जिनके साथ आरोपितों ने गलत व्यवहार का प्रयास किया। छात्राओं ने बताया कि यह सब काफी लंबे समय से कॉलेज में चलता आ रहा है। इस बारे में उनकी वरिष्ठ छात्राओं से भी सुना था। कॉलेज में शिकायत देने के बाद भी कोई शिक्षक उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं होता, जिससे उसका हौसला बढ़ता है।


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