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छोटे बच्चों के लिए भी खुले विद्यालयों के द्वार

प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सोमवार से पहली से तीसरी कक्षा के विद्यालय भी खुल गए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:10 PM (IST)
छोटे बच्चों के लिए भी खुले विद्यालयों के द्वार

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सोमवार से पहली से तीसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए भी विद्यालयों के द्वार खुल गए। हालांकि, पहले दिन राजकीय विद्यालयों में छोटे बच्चे ही डेस्क पर बैठे दिखाई दिए। वहीं, निजी विद्यालय प्रबंधक अभिभावकों से सहमति पत्र जुटाने के बाद ही स्कूल खोलेंगे।

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राजकीय विद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ही छात्रों के बैठने की व्यवस्था नजर आई। स्कूल में प्रवेश करने से पूर्व बच्चों के शरीर के तापमान की जांच की जा रही थी और हाथों को सैनिटाइज कराया जा रहा था। बच्चों ने मास्क भी लगाया था। इसके अलावा विद्यालय में केवल उन विद्यार्थियों को आने दिया जा रहा था, जो अपने साथ अभिभावक द्वारा लिखित सहमति पत्र साथ लेकर आए थे। छात्र संख्या कम होने की वजह से अध्यापकों ने पहली व दूसरी के छात्रों को एक ही कमरे में बैठाकर पढ़ाई कराई है। बच्चों के बीच शारीरिक दूरी का ध्यान रखा गया। राजकीय प्राथमिक विद्यालय एत्मादपुर के विद्यालय प्रमुख चतर सिंह ने पहली से तीसरी कक्षा के छात्रों का फूल माला एवं तिलक लगाकर स्वागत किया।

चूंकि बेहद छोटे बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी विषय था, इसलिए जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी भी चौकस व सक्रिय नजर आए। बल्लभगढ़ में खंड शिक्षा अधिकारी बलबीर कौर ने विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने सरकारी स्कूलों में किए गए उपायों पर संतोष जताया। कक्षा में एक डेस्क पर एक ही बच्चा बैठा नजर आया।

खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह अच्छी बात है कि माहौल धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है और बच्चे स्कूल आना शुरू हुए हैं। हमारी पहली प्राथमिकता बच्चों की सुरक्षा है, साथ में इसके भी प्रयास करेंगे कि स्कूलों में उपस्थिति 100 फीसद हो। उन्होंने सभी शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी वैक्सीन लगवाने की रिपोर्ट अवसर एप पर भरें, जिन शिक्षकों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है, उनके लिए स्कूल स्तर पर वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जाएगी। कम रही छात्र संख्या

जिले में 239 राजकीय प्राथमिक विद्यालय हैं और इनमें 34989 छात्र पढ़ते हैं। सरकार के निर्देशानुसार 50 फीसद यानि 17494 छात्रों को विद्यालय आने की छूट थी पर 6300 छात्र ही विद्यालय आए। विद्यालय प्रमुख चतर सिंह के अनुसार विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई है। इससे अभिभावकों में भय बना हुआ है। इसके चलते कम संख्या में छात्र आए हैं। स्कूल प्रबंधन ने हमसे सहमति पत्र मांगे हैं। बच्चों को स्कूल भेजने व सहमति पत्र देने से पहले यह देखना जरूरी है कि कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक प्रबंध किस स्तर पर किए गए हैं। उसके बाद ही आगे कदम बढ़ाया जाएगा।

-अभिज्ञान प्रसाद, ग्रेटर फरीदाबाद तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। इस वजह से डर लगता है और विद्यालयों में कोरोना से बचाव के सभी इंतजाम देखने के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजूंगी।

-रूपाली, भारत कालोनी हम प्रयास कर रहे हैं कि छात्र संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए अध्यापक अभिभावकों से संपर्क कर रहे हैं। उन्हें यह विश्वास दिलाने की कोशिश की जा रही है कि बच्चे घर की तरह विद्यालय में भी सुरक्षित हैं।

-मुनेश चौधरी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी


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